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September 28, 2025

बस्ती बचाओ आंदोलन ने देहरादून में निकाली रैली, जिला मुख्यालय में किया प्रदर्शन, ये हैं मांगे

सीटू से संबध बस्ती बचाओ आंदोलन ने बाढ़ पीड़ितों को सहायता देने, देहरादून में ऐलीवेटेड रोड रद्द करने, बस्तियो में रहने वालों को मालिकाना हक देने की मांग को लेकर गांधी पार्क से जिला मुख्यालय तक जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। इस मौके पर जिलाधिकारी कार्यालय के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजेश कपिल को बस्तियों की ओर से ज्ञापन सौंपे गए। साथ ही नगर निगम के मेयर, मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन फेजे गए। इस अवसर पर बाढ़ पीड़ितों ने आरोप लगाया की उनका घर सामान सब बह गया है, किन्तु सरकार व प्रशासन ने उनकी सुध तक नहीं ली है। वक्ताओ ने प्रशासन से तत्काल उचित मुआवजे की मांग की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी, जिला महामंत्री लेखराज, उपाध्यक्ष भगवंत पायल बस्ती बचाओ आंदोलन के संयोजक अनंत आकाश, प्रेमा, नरेन्द्र सिंह, रविन्द्र नौढ़ियाल, सहदेव सिंह, अम्बेडकर युवक संघ के अध्यक्ष दिलेराम रवि, मनीष कुमार, बंटी कुमार सूर्यवंशी, राम सिंह भंडारी दलीप सिंह, सुनील कुमार आदि ने विचार रखे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदर्शनकारियों में हरीश कुमार, एन. एस. पँवार, डा अनिल कुमार, सोनी, संजीत साहनी, बिकाऊ यादव, मोहम्मद सरीफ, विजय साहनी, जलस देवी, राजू कुमार, गोविन्द, मोहम्मद जमेरु, दिनेश यादव, पिंकी, दीपक साहनी, राहुल साहनी, तामिल साहनी, धनोज, अनीस, विनोद दास, दर्शन नितिका, सुनील कुमार, अनुजा, रूबी, जगदीश, रीता देवी इंदिरा, सूरज, रवि कुमार, कलिता, शुशीला देवी, आँशु, राधा देवी, सुनीता देवी, सोनी देवी, शोभा देवी, अजय कुमार, सुचिता देवी, विजय कुमार आदि शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गौरतलब है कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदी के ऊपर एलिवेटेड रोज बनाने का प्रस्ताव है। इस परियोजना के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी पारित कर दिया है। वहीं, कई विपक्षी दलों के साथ ही सामाजिक संगठनों की ओर से इन सड़कों का विरोध हो रहा है। उनका कहना है कि बड़ी संख्या में पेड़ों के कटाने से देहरादून का पर्यावरण बिगड़ेगा। साथ ही नदी किनारे की बस्तियों के कई घरों में बुलडोजर चलेगा। मांग ये भी की जा रही है कि प्रभावितों को समुचित मुआवजा दिया जाए और उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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