भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बोले-हाईकमान के दरकिनार करने से परेशान हैं हरीश रावत

उत्तराखंड में इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत और भाजपा नेताओं में एक दूसरे पर शब्द वाण के हमले जारी हैं। एक तरफ हरीश रावत हैं तो दूसरी तरफ पूरा भाजपा का अमला उन पर लगातार हमला कर रहा है। वहीं, कांग्रेस के अन्य नेताओं को हरीश रावत के खिलाफ या फिर उनके बयानों की काट से फुर्सत नहीं है। ऐसे में वे अकेले ही भाजपा से लोहा लेते नजर आ रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक पोस्ट में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए लिखा कि उनकी बातों से मुझे चाय नाश्ते की टेबिल में हंसने का मसाला मिल जाता है।
हरीश रावत दो मोर्चों में एक साथ जूझ रहे हैं। एक मोर्चा उन्होंने भाजपा सरकार के खिलाफ खोला है। वहीं, दूसरा मोर्चा कांग्रेस में ही खोला है। वह आगामी चुनाव के मद्देनजर उत्तराखंड में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग भी आलाकमान से कर रहे हैं। उनकी इस मांग के खिलाफ भी कांग्रेसी मुखर हो रहे हैं। किसी में भी आगे बढ़कर नेतृत्व करने की हिम्मत शायद नहीं है। ऐसे में वे सामूहिक नेतृत्व की बात कर रहे हैं।
वहीं, अब इस मुद्दे को लेकर उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने भी पूर्व मुख्यमंत्री को घेरा। उन्होंने कहा कि कहा कि पूर्व सीएम व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत जनता के बाद अब उनकी पार्टी के हाई कमान की ओर भी दरकिनार किए जाने से परेशान है। उन पर की गए टिप्पणी का जबाब देते हुए उन्होंने कहा कि हरीश रावत सुर्खियों में रहने के लिए सुबह शाम नाश्ते की टेबल से लेकर दोपहर और रात में पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों का सहारा लेते रहे हैं। उनकी खान पान और पहाड़ प्रेम की नोटंकी से अब लोग ऊब गए है।
उन्होंने कहा कि अगर वह पहाड़ और संस्कृति सहित पहाड़ के उत्पादों के प्रति इतने ही सजग होते तो अपने मुख्यमंत्री रहते हुए इस दिशा में ठोस कदम उठाते। कोदा, झंगोरा, गीन्थी, माल्टा और कई पार्टिया करने वाले रावत आज अब खुद को जमीन से जुड़े होने का नाटक लोगों और अपनी पार्टी के लोगों के सामने कर रहे है।
बंशीधर भगत ने कहा कि असल में हरीश रावत आहत और परेशान है। वह पहले अपने समर्थको को भड़काकर हाई कमान पर दबाव बना रहे थे कि उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करे, लेकिन अब हाई कमान ने भी दो टूक उन्हें सुना दी है। भगत ने कहा कि श्री हरीश रावत 2017 में कांग्रेस पार्टी के चेहरा थे, लेकिन उनके कार्यकाल की अराजकता और घपले घोटालो ( जिनको वह विकास कहते है ) ने पार्टी का बेडागर्क कर दिया। उन्होंने कहा की उनके बयान किसी को हंसा सकते है, लेकिन हरीश रावत के काम रुला सकते हैं। यह प्रमाणित है।
भगत ने श्री हरीश रावत के कार्यकाल को प्रदेश की जनता के लिए सर्वाधिक अराजकता व रुलाने वाला बताते हुए कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान एक कार्यकम में उनके पांव पर लौटती और दुःख से कराह रही महिला की पीड़ा पर भी न पसीजने वाले रावत का हँसता हुआ चेहरा सबको याद है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।