बैंकों के निजीकरण के खिलाफ दून में बैंककर्मियों ने दिया धरना, 16 और 17 दिसंबर को होगी हड़ताल
बैंकों के निजीकरण के खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) की उत्तराखंड ईकाई की ओर से आज तीन दिसंबर को बैंक कर्मियों ने धरना दिया। साथ ही 16 और 17 दिसंबर को प्रस्तावित देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प दोहराया।
बैंकों के निजीकरण के खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) की उत्तराखंड ईकाई की ओर से आज तीन दिसंबर को बैंक कर्मियों ने धरना दिया। साथ ही 16 और 17 दिसंबर को प्रस्तावित देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प दोहराया। बैंक कर्मचारी सुबह से ही देहरादून में एस्लेहाल स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के समक्ष धरने पर बैठ गए।इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से इसी शीतकालीन सत्र में बैंकिंग अधिनियमों में परिवर्तन कर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण करने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार की इस मंशा का बैंक कर्मचारी सख्त विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार की सरपरस्ती में कॉर्पोरेट पूँजीपतियों के लाखों-करोड़ों के ऋणों को हर वर्ष माफ किया जा रहा है, जिससे बैंकों की लाभप्रदता पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। तो, दूसरी ओर लाभ में चलने और देश के आम नागरिकों को सस्ती बैंकिंग सेवाएँ देने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को इन्हीं कॉर्पोरेट पूँजीपतियों को बेचने की मुहिम को आगे बढ़ाया जा रहा है। जो आम नागरिकों को आसानी से सुलभ बैंकिंग सुविधाओं से तो वंचित करेगा ही। साथ ही बैंकों में रोजगार और सेवा शर्तों में भी कटौती करेगा।
वक्ताओं ने कहा कि देश की आर्थिक सुरक्षा के लिए मजबूत और जनसुलभ सार्वजनिक बैंकिंग प्रणाली का होना अत्यावश्यक है। यदि सरकार अपने कदम वापस नहीं करती है तो बैंककर्मी 16-17 दिसम्बर 2021 की देशव्यापी हड़ताल के बाद लंबी हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे। धरने को संबोधित करने वालों में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स उत्तराखंड के संयोजक समदर्शी बड़थ्वाल, एसएस रजवार, विनय शर्मा, पीआर कुकरेती, डीएन उनियाल, आरके गैरोला, राजन पुंडीर, निशांत शर्मा, मोहित वर्मा, टीपी शर्मा आदि शामिल रहे।





