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August 26, 2025

बजाए गए बैंड बाजे और ढोल, सिंदूर खेला और नृत्य के साथ दुर्गा मां को विसर्जन के लिए किया विदा

विजयादशमी के दिन पूजा पंडालों में सुबह की विशेष पूजा के बाद सिंदूर खेला का आयोजन किया गया। भव्य आरती के बाद दुर्गा पूजन का समापन हुआ। बैंड बाजों की धुन और ढोल की थाप पर पूरा माहौल भक्तिमय बन गया।

विजयादशमी के दिन पूजा पंडालों में सुबह की विशेष पूजा के बाद सिंदूर खेला का आयोजन किया गया। भव्य आरती के बाद दुर्गा पूजन का समापन हुआ। बैंड बाजों की धुन और ढोल की थाप पर पूरा माहौल भक्तिमय बन गया। नम आंखों से मां दुर्गा को विसर्जन के लिए रवाना किया गया। देहरादून से मां दुर्गा की प्रतिमाओं को हरिद्वार या अन्य नदियों में विसर्जन के लिए ले जाया जाता है।

देहरादून के करनपुर में बजरंग सेवा समिति की ओर से आयोजित 31 वीं दुर्गा पूजा का आज सिंदूर खेला व भव्य आरती के साथ समापन हो गया। आचार्य सेमवाल के साथ प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश डूसेजा व पूजा समिति के रवि कुमार ने माता की मूर्तियों को सजी धजी गाड़ी में सवार किया। ढोल बैंड बाजों व आतिशबाजी के साथ मंदिर से विसर्जन के लिए विदा किया। माता को विदा करते हुए नवरात्रों से माता की सेवा व पूजा में लगे भक्तगणों की आंखें नम हो गयी।

इस अवसर पर श्रद्धालुओं को विजयदशमी व नवरात्रों की बधाई देते हुए प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि माँ निष्काम पूजा से प्रसन्न होती हैं व कल्याण का आशीर्वाद देती हैं, तो मनुष्य के सब दुख दर्द व संकट कट जाते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब सभी लोग इस वैश्विक महामारी से त्रस्त और भयभीत थे, तब वे लोगों की सेवा व सहायता करने माँ का स्मरण कर घर से निकलते थे। माँ के आशीर्वाद में इतनी शक्ति है कि कोरोना ग्रसित लोगों के बीच जाने के बावजूद कोरोना उनके पास फटक भी नहीं पाया। धस्माना ने लोगों को विजय दशमी पर्व की भी बधाई दी और कहा कि भगवान हमारे जीवन से क्रोध मद मोह भय जैसे रावण रूपी विकारों को समाप्त करें। इस अवसर पर सुभाष वासुदेव, नरेश सहगल, सतीश डूसेजा, ब्रिज मोहन, बबिता सहरोत्रा, रवि कुमार समेत बड़ी संख्या में करणपुर वासी उपस्थित रहे।

सिंदूर खेला के बाद मां की प्रतिमा ने विसर्जन के लिए किया प्रस्थान
देहरादून में दुर्गा पूजा पंडाल कॉलिंदी एनक्लेव में सुबह आठ बजे दशमी पूजा की गई। इसके बाद महाआरती और नौ बजे सिंदूर खेला हुआ। इसके बाद विजर्जन के लिए दुर्गा की प्रतिमा हरिद्वार के लिए सुबह करीब दस बजे प्रस्थान किया गया। पूजा महोत्सव में संरक्षक धर्म सोनकर, अध्यक्ष रामपद जाना, प्रो प्रदीप सिंह, सर्वश्री त्यागी, संरक्षक डॉक्टर आरएन शर्मा, कॉलिंदी सोसाइटी के अध्यक्ष जेके सिंह, कोषाध्यक्ष निमई, हर्ष कुमार, एमएन पराशर, डाक्टर सिन्हा, हरीश चन्द्र झा, विनीत सिंह, नेहा, नन्दकिशोर, मनीष गुप्ता, शिवप्रसाद, विजय कुमार, एसएन सिंह, एके सिंह, अंजन कुमार, सुरेश कुमार, शरदकुमार, गौतम सोनकर, माधवी जाना, शोभा सोनकर, रोमा, रीमा, कंचन, निमई जाना, प्याली जाना, छोटे लाल, भोले नाथ राय, डीडी डालाकोटी, एचएस आहुजा, डाक्टर विजय अग्रवाल, डीसी गोयल, रेनु गोयल, नीरजा बजाज, शिवप्रसाद, नीरज अग्रवाल, सुनील आहुजा, विजय अरोड़ा, अर्जुन सिंह त्यागी, अनन्त आकाश आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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