देशभर में मनाई जा रही बकरीद, दिल्ली की जामा मस्जिद में बड़ी संख्या में जुटे नमाजी, मुस्लिम समुदाय में उत्साह
आज इस्लाम धर्म का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार ईद उल अजहा यानी बकरीद है। इस मौके पर दिल्ली की जामा मस्जिद में बकरीद की नमाज अदा की गई। इस दौरान काफी संख्या में नमाजी जुटे।
आज इस्लाम धर्म का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार ईद उल अजहा यानी बकरीद है। इस मौके पर दिल्ली की जामा मस्जिद में बकरीद की नमाज अदा की गई। इस दौरान काफी संख्या में नमाजी जुटे। वहीं, देशभर में मस्जिद और ईदगाह में भी नमाज पढ़ने का सिलसिला सुबह से ही आरंभ हो गया था। लोगों ने नमाज के बाद एक दूसरे को गले मिलकर बधाई दी। साथ ही कुर्बानी देने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। मुस्मिक बाहुल्य इलाकों में आज के दिन रौनक है। यहां के बाजार गुलजार हैं। बच्चों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों विशेष तौर पर राज्य के मुस्लिम नागरिकों को ईद-उल-अजहा की बधाई दी है। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि खुशियों का यह त्योहार सामाजिक एकता को मजबूत करने के साथ ही आपसी भाईचारे की भावना को बढ़ाता है।
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, ईल-उल-अजहा का पर्व 12वें महीने की 10 तारीख को मनाया जाता है। इस दिन मुसलमान बकरीद को मनाने के लिए बकरे की कुर्बानी देतें हैं। वह इसके लिए बकरे को इस दिन नहीं लाते। वे कुछ दिन पहले बकरे को अपने घर पर लाते हैं। बकरीद के दिन नमाज के बाद वह कुर्बानी देते हैं। कहा जाता है कि कुर्बानी के मीट को तीन हिस्सों में बांट दिया जाता है। इसमें से पहले हिस्से को फकीरों में और दूसरे हिस्से को रिश्तेदारों में और तीसरे हिस्से को घर में पकाकर खाया जाता है। कल दिल्ली के जामा मस्जिद का बाजार बकरों से गुलजार दिखा, बाजारों में दुकानों पर भी रौनक रही। इसके साथ ही बाजार में बकरों की भी खरीददारी काफी हुई।
कोविड के दौरान दो साल तक दिल्ली में बकरों की मंडी नहीं सजी। इस साल कोरोना के कम मामले सामने आए तो एक बार फिर से जामा मस्जिद स्थित मीना बाजार में बकरों का सबसे बड़ा बाजार लग गया है। इसमें हजारों की तादाद में बकरे आ चुके हैं। यहां दिल्ली समेत आस-पास के शहरों से व्यापारी और खरीदार पहुंच रहे हैं। इस बार महंगाई की मार बकरा कारोबारियों पर भी पड़ा है।





