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December 23, 2024

कांग्रेस मुख्यालय प्रदर्शन को पहुंचे बजरंग दल के कार्यकर्ता, तनाव की स्थिति, कांग्रेसियों ने खदेड़ा

कर्नाटक विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के चुनावी घोषणा में बजरंग दल पर बैन लगाने की बात शामिल करने को लेकर बजरंग दल में उबाल है। देशभर में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के कार्यालयों पर प्रदर्शन किए। कई जगह तोड़फोड़ की सूचनाएं भी आई हैं। पीएम मोदी भी बजरंग दल के समर्थन में खड़े हैं। वह भी इसे बजरंग बली को कैद करने की संज्ञा दे रहे हैं। वहीं, कर्नाटक के मतदाताओं में इसका खास असर नहीं पड़ रहा है। देहरादून में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का जुलूस आज प्रदर्शन के लिए राजपुर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय के पास पहुंचा। इस दौरान दोनों पक्षों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई। कांग्रेसियों के तेवर को देखते हुए बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को वापस लौटना पड़ा। हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि हमने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को खदेड़ दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

घटना गुरुवार की दोपहर करीब एक बजे की है। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का जुलूस घंटाघर से होते हुए राजपुर रोड की तरफ को बढ़ा। साथ में पुलिस चल रही थी। कांग्रेस भवन से पहले एस्लेहाल चौक पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा दी। ताकि बजरंग दल के कार्यकर्ता आगे नहीं बढ़ सकें। कार्यकर्ता हाथ में प्रतिकात्मक ताबूद, झंडे, डंडे, रोहे की रॉड, हथौड़े आदि भी लेकर चल रहे थे। इस दौरान कांग्रेस मुख्यालय में महानगर कांग्रेस की मीटिंग चल रही थी। साथ ही काफी संख्या में कार्यकर्ता भी मौजूद थे। बजरंग दल के कार्यकर्ता जैसे ही बैरिकेड की तरफ बढ़े तो कांग्रेस कार्यकर्ता भी भड़क गए। वे भी बैरिकेडिंग की तरफ बढ़ने लगे। ऐसे में तनाव की स्थिति बन गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कार्यकर्ताओं से संयम रखने की अपील की। कांग्रेस के कार्यकर्ता बैरिकेडिंग पर चढ़ गए और बजरंग दल के लोगों को ललकारने लगे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस भी आगे बढ़ने से रोकती रही। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं से कहीं ज्यादा कांग्रेसियों की संख्या थी। ऐसे में पुलिस ने बजरंगियों को पीछे की तरफ लौटने को कहा। साथ ही कांग्रेसियों ने भी उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इस पर वे उग्र नारे लगाते हुए वापस लौट गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

कर्नाटका में संभावित हार के डर से बौखलाई बीजेपीः धस्माना
इस दौरान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन को घेरने के प्रयास कर बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भाजपा सरकार व संगठन की पूरी सह मिली हुई थी। तभी प्रदर्शनकारी कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन के एकदम नज़दीक पहुंच गए। वो तो गनीमत थी कि पार्टी मुख्यालय में महनागर कांग्रेस की बैठक चल रही थी और शोर और नारे बाजी सुन कर कांग्रेस कार्यकर्ता मुख्यालय की सुरक्षा के लिए पीसीसी मुख्यालय के बाहर सुरक्षा दीवार की तरह खड़े हो गए। वरना जबलपुर की तरह देहरादून में भी ये लोग कांग्रेस मुख्यालय में अराजकता फैला सकते थे। धस्माना ने कहा कि प्रदर्शन के वक्त कांग्रेस मुख्यालय में मात्र दो तीन सिपाही व एक दरोगा खड़े थे, जो केवल तमाशबीन बने हुए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सुनिए धस्माना का बयान

धस्माना ने कहा कि चुनावों में हार जीत लोकतंत्र की खूबसूरती है, किंतु भाजपाइयों को हार बर्दाश्त नहीं है और इसीलिए कर्नाटका में 40 प्रतिशत कमीशन वाली भाजपा सरकार की संभावित हार को देखते हुए अब भाजपा देश भर में साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस प्रवक्ता ने उठाए सवाल
कांग्रेस की उत्तराखंड प्रवक्ता गरीमा मेहरा दसौनी ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के कांग्रेस मुख्यालय के करीब पहुंचने प्रशासन की विफलता बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में और बजरंग दल के लोगों में खतरनाक नोकझोंक की नौबत आ सकती थी। मेरा कहना है कि बैरिकेडिंग हमारे ऑफिस के पास क्यों लगाए गए। बजरंग दल के लोगों को घंटाघर पर क्यों नहीं रोक लिया। जब सोशल मीडिया पर उनके द्वारा कल रात से ही भड़काऊ पोस्ट डाली जा रही थी, तो प्रशासन क्यों मौन रहा। ऐसे में साफ है कि सरकार का भी उपद्रव के लिए इनको समर्थन था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ज्यादा संख्या को देखकर बजरंग दल के भाड़े के टट्टुओं को दुम दबाकर भागना पड़ा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सुनिए गरीमा दसौनी का बयान

हर जोर जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा हैः करन महारा
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के इस अजारक प्रदर्शन पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बहुदलीय प्रणाली होती है।उनकी विचारधाराओं में मतभेद होना बहुत स्वाभाविक है, परंतु जिस तरह सोशल मीडिया पर उत्तेजनात्मक और भड़काऊ पोस्ट बजरंग दल के द्वारा कांग्रेस पार्टी के लिए डाली जा रही हैं वह कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती। महारा ने कहा कि आज के प्रकरण जिसमें बजरंग दल के लोगों ने उत्तराखंड के कांग्रेस मुख्यालय का घेराव करने का प्रयास किया और नारेबाजी की, उसकी जितनी निंदा की जाए उतना कम है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

महारा ने कहा कि हमारी लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष या दल विशेष से नहीं है, हमारी लड़ाई तो विचारधाराओं की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 137 साल पुरानी पार्टी है। उसका एक गौरवशाली इतिहास रहा है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के घटक दल होने के नाते बजरंग दल यदि कांग्रेस के अस्तित्व को समाप्त करने या उसे नेस्तनाबूद करने की बात कर रहा है तो यह उसका बचकानापन है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा की आज जो कृत्य बजरंगदल ने किया है उसके लिए भारतीय जनता पार्टी को माफी मांगनी चाहिए। महारा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं का धन्यवाद और आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में उकसाए जाने के बावजूद कांग्रेस के कर्मठ सिपाहियों ने जिस गंभीरता और परिपक्वता का परिचय दिया है उसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संदेश देते हुए कहा कि हम महात्मा गांधी की विचारधारा की पार्टी है हमें बापू के दिखाए हुए रास्ते पर चलना है। सत्य और अहिंसा के लिए हमेशा तत्परता के साथ संघर्ष करना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

महारा ने यह भी कहा कि यह शर्मसार करने वाला प्रकरण धामी सरकार की विफलता है। उनका सूचना तंत्र और पुलिस प्रशासन इस नोकझोंक को रोक सकता था, परंतु ऐसा करने में वह पूरी तरह से असमर्थ रहे। उत्तराखंड देव भूमि जोकि एक शांतिप्रिय प्रदेश है सीधे साधे और भोले भाले लोगों के प्रदेश के रूप में जाना जाता है। वहां पहली बार इस तरह का सत्ता का दुरुपयोग और नंगा नाच अपने आप में उत्तराखंड की छवि को ही धूल धूमिल करने वाला है। उन्होंने कहा कि बजरंग दल ने जो आज नींव डाली है वह आने वाले समय के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकती है। बजरंग दल का उत्पात उत्तराखंड के सौहार्द को बिगाड़ने वाला कृत्य था। जब-जब समाज को जरूरत पड़ती है तो बजरंग दल के सदस्य गायब हो जाते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बजरंग दल से पूछे सवाल
महारा ने कहा कि बजरंग दल के लोग बताएं कि सामाजिक सदभाव बिगाड़ने के अलावा उन्होंने समाज के लिए कौन का अच्छा काम किया। बताएं बजरंग दल अंकिता हत्याकांड में कहां थे? किरण नेगी को न्याय दिलाने के लिए क्या किया? सल्ट के जगदीश हत्याकांड में क्या भूमिका रही? युवाओं पर लाठी चार्ज हो रहा था भर्ती परीक्षाओं में घोटाले और भ्रष्टाचार हो रहा था कहां गायब रहा बजरंग दल? ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए बुजुर्ग सड़कों पर उतरे क्या बजरंग दल का एक भी सदस्य उन बुजुर्गों की लाठी बना ? घाट में महिलाओं पर लाठियां भांजी गई पानी की बौछारें छोड़ी गई कहां था बजरंग दल? जब बजरंग दल समाज के काम नहीं आता तो ऐसे में स्वयं को बजरंगबली के अनुयाई के रूप में प्रचारित प्रसारित करके लोगों की आंखों में धूल झोंकना बंद करें। महारा ने कहा कि धामी सरकार यह सुनिश्चित करें इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व और राष्ट्रीय नेतृत्व ने इस पूरे घटनाक्रम को बहुत गंभीरता से लिया है और बजरंग दल के इस कुकृत्य की कड़े शब्दों में भर्त्सना की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उस वक्त कहां थे तथाकथित झंडा वरदार
प्रदेश अध्यक्ष करन महारा ने कहा कि ये बजरंग दल वाले उस वक्त कहां थे, जिस वक्त कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सड़क पर कानून हाथ पर ले रहे थे। जिस वक्त जोशीमठ भू धंसाव की वजह से लोग परेशान थे तब उनकी मदद के लिए बजरंग दल वालों ने कितना हाथ बढ़ाया? जिस वक्त अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त महिला पहलवान सड़क पर अपने मान सम्मान और अधिकार की लड़ाई लड़ रही हैं, यह बजरंग दल वाले क्या कर रहे हैं? बृजभूषण की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने क्या किया? केदारनाथ बद्रीनाथ में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है, उस वक्त यह हिंदू धर्म के तथाकथित झंडा वरदार यात्रियों के लिए क्या कर रहे हैं?
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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