पहाड़ में स्वास्थ सेवा राम भरोसे, चालीस साल से जस का तस है चिकित्सा केंद्र, बना है रेफरल सेंटरः प्रभुपाल सिंह रावत
उत्तराखंड में पौड़ी जिले के रिखणीखाल के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारी की हालत वैसी ही है, जैसी 40 साल पहले इसकी स्थापना के दौरान थी। ये स्वास्थ्य केंद्र राम भरोसे चल रहा है।

उत्तराखंड में पौड़ी जिले के रिखणीखाल के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारी की हालत वैसी ही है, जैसी 40 साल पहले इसकी स्थापना के दौरान थी। ये स्वास्थ्य केंद्र राम भरोसे चल रहा है। इस राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना अस्सी के दशक में की गई थी। उस समय साधन विहीन होने के कारण इस स्वास्थ्य केन्द्र को चलाने का निर्णय हुआ और इसे ग्राम पंचायत द्वारी के पंचायत भवन में चलाया गया। तब से आजतक चालीस साल बीत गये और ये स्वास्थ्य केंद्र उसी पंचायत भवन में धक्के मुक्के में समय काट रहा है।
रात को टार्च से देखे जाते थे मरीज
यह भवन उस समय का गारे मिट्टी का बना है। इसकी हालत अभी जीर्ण-शीर्ण है। धीरे धीरे इसका भवन खंडहर में तब्दील हो रहा है। हैरानी की बात ये भी है कि इसमें विद्युत संयोजन इसी साल फरवरी-मार्च 2021 में हुआ। पहले यहां यहाँ रात के समय टार्च या मोबाइल की रोशनी से ही चिकित्सकीय कार्य होता रहा। कुछ महीने पहले ही इसके लिए मैने निरंतर प्रयास किए। तब जाकर इस विद्युत संयोजन का प्रकरण से शासन प्रशासन के कानों में पहुंचाया था। नतीजा ये हुआ कि अब इस भवन में बल्ब टिमटिमा रहा है।
नहीं उठाता कोई आवाज
क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि के साथ ही जनता ने भी अभी तक इस भवनन की हालत पर ध्यान नहीं दिया। जो कोई आवाज उठाता है, उसे बुरी नजर से देखा जाता है। या उसे “फनेखा” नाम से पुकारा जाता है। उसकी आवाज दबायी जाती है कहते है हमारी बदनामी हो रही है।
दंत चिकित्सक करती थी फिजिशियन का काम
अभी कुछ समय पहले तक इस केंद्र में एक दंत चिकित्सक थी जो फिजिशियन का कार्य करती थी। डाक्टर श्रीमती अंजु चौहान का चार पांच महीने पहले स्थानांतरण हो गया। काफी जद्दोजहद के बाद अब नवनियुक्त डाक्टर मोहम्मद शाकिन अली आए हैं। उन्होंने सिर्फ ज्वाइन ही किया था कि उन्हे रेफरल सेन्टर रिखणीखाल बुलाया गया। तब से उन्हें वहीं अटैचमेंट रखा है।
फार्मासिस्ट के भरोसे हो रहा उपचार
अब ये केन्द्र एक फार्मासिस्ट के भरोसे समझो या राम भरोसे समझो। फार्मासिस्ट के अवकाश पर होने या इधर उधर अन्य कार्य पर जाने से ताला ही नजर आता है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये स्वास्थ्य केंद्र लोगो की कैसे सेवाएं देते होगा। डाक्टर मोहम्मद शाकिन अली राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारी के लिए नियुक्त हैं न कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रिखणीखाल के लिए। जो कि एक रेफरल सेन्टर के नाम से ही जाना जाता है। अब ग्राम पंचायत द्वारी, नावेतली सिलगाव, क्वीराली आदि गांव के लोग डाक्टर अभाव में ऐसे ही तरसते रहेगें या फिर द्वारी में स्थित बंगाली झोलाछाप कथित डाक्टर पर ही निर्भर रहेंगे। अब अधिकाधिक लोग इस अस्पताल से मुह मोड़ने में ही भलाई समझते हैं। जहाँ डाक्टर न हो, न दवाई न उपकरण, फिर जाकर भी क्या करना। आजकल झोलाछाप डाक्टरो के यहां खूब भीड़ देखने को मिल रही है। अन्त में कहने का तात्पर्य ये है कि शासन प्रशासन क्या मोहम्मद शाकिन अली की सेवाएं राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारी में मिल पाएंगी या रेफरल सेन्टर में ही रहेगी?
स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची, लेकिन जांच को नहीं पहुंचे ग्रामीण
क्षेत्र के आसपास के गांव में पिछले दिनों से लोगों के स्वास्थ्य बिगड़ने की खबरें आई। समाचर पत्रों में भी ये मामला उठा। इस पर तहसीलदार रिखणीखाल के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग व राजस्व विभाग की टीम क्वीराली तोल्यो के नजदीक द्वारी सिलगाव में लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण को पहुंची। लोग भय व अन्य कारणों से स्वास्थ्य विभाग की टीम के सामने स्वास्थ्य परीक्षण को नहीं पहुँचे। काफी लोगो को खांसी, जुकाम, बुखार आदि की शिकायत है। ग्रामीणों के नहीं आने पर टीम को बैरंग लौटना पड़ा। ये है आम जन मानस का रवैया जो स्वास्थ्य सेवाये लेने को डर रहे हैं। यही हाल अन्य गाँवो से सुनने को मिल रहे है। ऐसे में सवाल उठता है कि स्वास्थ्य विभाग करे तो क्या करे। सोचनीय विषय है।
लेखक का परिचय
नाम- प्रभुपाल सिंह रावत
प्रभुपाल सिंह रावत सेना से सेवानिवृत्त हैं। वह समाजसेवी हैं। वह पौड़ी जिले के रिखणीखाल क्षेत्र में ग्राम नावेतली के मूल निवासी हैं। वर्तमान में वह देहरादून के कारगी चौक में निवासरत हैं। विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं का उल्लेख करते हुए वह प्रशासन और शासन का ध्यान आकर्षित करते रहते हैं। उनके दो बेटे सेना में सेवा दे रहे हैं। बेटी का विवाहित है।