Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

July 10, 2025

उत्तराखंड में बगैर ट्रेनिंग और नियमावली के बाबू बन गए तहसीलदार, कर्मचारी महासंघ में रोष, अप्रैल से करेंगे आंदोलन

बाबूओं को राजस्व परिषद के तहसीलदार की अनुपस्थिति में नित्य प्रति के कार्य (रूटीन) किए जाने के आदेश का उत्तराखंड भू लेख संवर्गीय कर्मचारी महासंघ ने विरोध किया है।


उत्तराखंड में तहसीलदार जैसे जिम्मेदार पद पर सीनियर बाबूओं को प्रमोशन देने से बवाल शुरू हो गया है। राजस्व विभाग में  तहसीलदार की अनुपस्थिति में नित्य प्रति के कार्य (रूटीन) किए जाने के आदेश का उत्तराखंड भू लेख संवर्गीय कर्मचारी महासंघ ने विरोध किया है। आदेश में तहसीलदार के कार्यों का जिम्मा प्रशासनिक अधिकारियों को दिया गया है। कर्मचारियों ने कहा कि देहरादून के दो तहसीलों के प्रशासनिक अधिकारियों ने इस आदेश की आड़ में तहसीलदार की कुर्सी पर कब्जा कर लिया है। बाकायदा अपने नाम की पट्टिका लगा दी है। महासंघ ने कहा कि यदि जल्द इस आदेश को निरस्त न किया गया तो अप्रैल से उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा।
इस संबंध में 12 फरवरी को जिलाधिकारी देहरादून ने एक आदेश जारी किया था। इसमें तहसीलदार कालसी और विकासनगर तहसील के कार्यालयों से संबंधित कार्यों के संपादन की जिम्मेदारी संबंधित तहसीलों के प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई थी। इसमें ये भी स्पष्ट किया गया था कि न्यायिक कार्यों को छोड़कर वे अन्य कार्य देखेंगे। साथ ही उन्हें इसके लिए कोई पृथक वेतन भत्ता नहीं दिया जाएगा। ये व्यवस्था तब तक के लिए की गई, जब तक वहां स्थायी तहसीलदार की तैनाती नहीं हो जाती।


कर्मचारी संगठनों का कहना है कि इस व्यवस्था के बाद ही दोनों अधिकारियों ने तहसीलदार की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया है। उत्तराखंड भू लेख संवर्गीय कर्मचारी महासंघ की राजधानी में हुई बैठक में कहा गया कि बिना ट्रेनिंग, नियमावली और अधिनियम के मिनिस्ट्रियल बाबूओं को तहसीलदार और नायब तहसीलदार के पदों पर बैक डोर एंट्री दी जा रही है। इससे महासंघ में आक्रोश व्याप्त है।
महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह कुमाई और महासचिव विजयपाल सिंह मेहता ने बताया कि राजस्व कार्यपालक सेवा के नियमों को दरकिनार कर राजस्व परिषद ने तहसील के प्रशासनिक और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को जो मिनिस्ट्रियल संवर्ग के हैं, अति महत्वपूर्ण प्रकृति के तहसीलदार और नायब तहसीलदार के पदों पर जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।
उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग में प्रत्येक पदों के लिए राजस्व नियमावली,अधिनियम, मैनुअल और राजस्व नियम संग्रह में स्पष्ट प्रवधान होने के बावजूद गलत तरीके से आदेश किए जा रहे हैं। महासंघ ने कहा कि देहरादून के विकासनगर और कालसी में दो प्रशासनिक अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है। दोनों ने अपने दफ्तर और कुर्सी को छोड़ कर तहसीलदार की कुर्सी पर बैठना शुरू कर दिया है। साथ ही नाम पट्टिका भी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि यदि इस तरह से आगे भी ऐसे आदेश हुए तो महासंघ उग्र आंदोनल को बाध्य होगा।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

1 thought on “उत्तराखंड में बगैर ट्रेनिंग और नियमावली के बाबू बन गए तहसीलदार, कर्मचारी महासंघ में रोष, अप्रैल से करेंगे आंदोलन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page