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June 19, 2025

बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ देश भर में शिकायतें, दून में भी दी तहरीर, बाबा पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

योग गुरु बाबा रामदेव एलोपैथी पर दिए अपने विवादत बयान के बाद जहां लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ अपने इस बयान को वापस लेने के बाद भी उनकी मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है।

योग गुरु बाबा रामदेव एलोपैथी पर दिए अपने विवादत बयान के बाद जहां लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ अपने इस बयान को वापस लेने के बाद भी उनकी मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। एलोपैथी पर दिए बयान के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से देश भर में अलग-अलग राज्यों में रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है। देहरादून में भी आइएमए ने कैंट थाने में तहरीर दी है। अब बाबा रामदेव ऐसी एफआईआर पर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने याचिका लगाकर राहत मांगी है।
रामदेव ने देश के दूसरे राज्यों में दर्ज केस को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की है। उनके खिलाफ पटना और रायपुर में केस दर्ज हुए हैं। साथ ही विभिन्न स्थानों पर उनके खिलाफ थानों में रिपोर्ट देने का क्रम जारी है। रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल इन मामलों में किसी कार्रवाई पर भी रोक की मांग की है।
इससे पहले, रायपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने बीते हफ्ते गुरुवार को बताया कि शहर के सिविल लाईन थाने में पुलिस ने रामदेव के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। उन्होंने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी डॉक्टर राकेश गुप्ता (अध्यक्ष अस्पताल बोर्ड) और अन्य की शिकायत के बाद यह मामला दर्ज किया गया।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की उत्तराखंड शाखा ने योगगुरु बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ देहरादून जिले के कैंट थाने में तहरीर दी है। इसमें दोनों पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए। आइएमए ने कोरोनिल की प्रमाणिकता पर सवाल उठाते हुए धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। साथ ही पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को भी एक शिकायती पत्र भी दिया है।
आइएमए के प्रदेश सचिव डा. अजय खन्ना ने कहा कि कोरोना को लेकर आमजन में व्याप्त भय का बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने अनुचित लाभ उठाया है। कोरोनिल को कोरोना की प्रभावी दवा बताकर बाजार में उतारा गया। इसमें तमाम नियम-कायदे, क्लीनिकल ट्रायल आदि की अवहेलना की गई। देश-विदेश के तमाम वायरोलोजिस्ट व रिसर्च संस्थान कोरोना वायरस को समझने और इसका निदान ढूंढने में असमर्थ हो रहे थे, उस समय उन्होंने दो-तीन माह के भीतर ही कथित रिसर्च व क्लिनिकल ट्रायल कर दवा भी बना ली। इसे कोरोना के उपचार में प्रभावी बता कई व्यक्तियों का जीवन खतरे में डाला है।
बताया कि जन सामान्य को इस ओर जागरूक करने के लिए आइएमए ने कई स्तर पर प्रयास किए। यही कारण है कि बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण एलोपैथिक चिकित्सकों से रंजिश रखते हैं। तभी एलोपैथी चिकित्सा और चिकित्सकों को लेकर उनकी ओर से तमाम तरह के बयान दिए गए। एलोपैथी को मूखर्तापूर्ण विज्ञान तक कहा। यही नहीं वैक्सीन को लेकर भी समाज में भ्रम फैलाया। कहा कि टीके लगवाने के बाद भी कई चिकित्सकों की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव के ऐसे बयानों के पीछे यह मंशा थी कि एलोपैथी को लेकर घृणा पैदा की जाए और लोग कोरोनिल खरीदने को प्रेरित हों। ऐसे में आपदा प्रबंधन अधिनियम, महामारी एक्ट और धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है।
उधर, पुलिस का कहना है कि आइएमए की शिकायत पर विभिन्न पहलुओं की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि बाबा रामदेव को आइएमए की ओर से एक हजार करोड़ का मानहानि का नोटिस भी भेजा जा चुका है। वहीं आइएमए ने कोरोनिल मामले में पतंजलि का ड्रग लाइसेंस रद करने की भी मांग की थी।
एलोपैथी का उड़ाया था मजाक
गौरतलब है कि आईएमए ने सोशल मीडिया पर उस वायरल वीडियो पर आपत्ति जताई थी, जिसमें रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी ‘बेवकूफी भरा विज्ञान’ है। उन्होंने कहा था कि कोरोना के इलाज के लिए स्वीकृत रेमडेसिविर, फेवीफ्लू और ऐसी अन्य दवाएं कोविड-19 मरीजों का इलाज करने में असफल रही हैं।
बाबा रामदेव मोबाइल से पढ़कर बोल रहे थे। उनके इस बयान ने जब तूल पकड़ा तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एलोपैथी के बारे में योग गुरु रामदेव के बयान को रविवार को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया था। साथ ही इसे वापस लेने को कहा था। इसके बाद कहा गया कि बाबा रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया।
इसके बाद फिर पूछ डाले सवाल
फिर बाबा रामदेव ने फिर रंग बदला और ट्विटर अकाउंट में आइएमए को खुला पत्र जारी किया। उन्होंने आइएमए को चुनौती दी। साथ ही उनसे 25 सवाल पूछे और कई बीमारियों का स्थायी इलाज पूछा। अब उनके इस बयान से एक बार फिर विवाद ने तूल पकड़ लिया है। गौरतलब है कि बाबा की ओर से एलोपैथ को लेकर दिए गए पूर्व के बयान पर उन्हें आइएमए ने एक हजार करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भी भेजा है।
पहले ऑक्सीजन की कमी को लेकर आया था बयान
इससे पहले भी बाबा रामदेव विवादों में आए। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें बाबा रामदेव कह रहे थे कि-चारों तरफ ऑक्सीजन ही ऑक्सीजन का भंडार है, लेकिन मरीजों को सांस लेना नहीं आता है और वे नकारात्मकता फैला रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी है। रामदेव ने कहा था कि जिसका भी ऑक्सीजन स्तर गिर रहा है उसे ‘अनुलोम विलोम प्रामायाम’ और ‘कपालभाती प्राणायाम’ करना चाहिए। बाबा रामदेव की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के उपाध्यक्ष डॉ. नवजोत सिंह दहिया ने शनिवार को जालंधर पुलिस में केस दर्ज कराया और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
वीडियो से विवाद में आए थे रामदेव
नए वीडियो में बाबा रामदेव आइएमए के मानहानि के नोटिस पर प्रतिक्रया देते दिख रहे हैं। बकौल बाबा-ट्रेंड चला रहे हैं कि क्विक अरेस्ट स्वामी रामदेव। कभी कुछ चलाते हैं, कभी ठग रामदेव, कभी महाठग रामदेव, कभी गिरफ्तार रामदेव चलाते रहते हैं। चलाने दो। इसका उपहास उड़ाते हुए वह पतंजलि कार्यकर्ताओं को बधाई दे रहे हैं कि इस कारण अब अपने लोगों को भी ट्रेंड चलाने की प्रैक्टिस हो गई। बाबा यहां तक कहते सुनाई दे रहे हैं कि- खैर! अरेस्ट तो उनका बाप भी नहीं कर सकता स्वामी रामदेव को।
विवाद को आचार्य बालकृष्ण ने ईसाइयत से जोड़ा था
आयुर्वेद बनाम एलोपैथ को लेकर हो रहे विवाद को योग गुरु बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने नया मोड़ दे दिया था। आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कर इसे देश के भीतर चल रहे ईसाई मंतातरण से जोड़ा है। वह चिंता जताते हुए कहते हैं कि देश में ईसाइयत को बढ़ावा देने के साथ ईसाई बनाने की साजिश रची जा रही है। इसी के तहत बाबा रामदेव को निशाना बनाया जा रहा है, योग और आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इस मामले में गंभीर कदम नहीं उठाए गए तो यह साजिश सफल हो जाएगी। जो ताकतें ऐसा कर रही हैं, उन्हें रोकना होगा। वह आगे कहते हैं, ‘पूरे देश को क्रिश्चियनिटी में कनवर्ट करने के षडयंत्र के तहत योग ऋषि रामदेव को टारगेट कर योग एवं आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है।
वर्ष 2012 के ट्विट पर भी हुए खूब ट्रोल
आइएमए के साथ हुए विवाद के दौरान योगगुरु बाबा रामदेव का साल 2012 का एक ट्वीट पर भी सुर्खियों में रहे। रामदेव ने 9 अगस्त 2012 को ट्वीट किया था कि कालाधन वापस आए तो पेट्रोल 30 रुपये लीटर में मिलेगा। देश के कई शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये लीटर के पार चली गई है। दिल्ली के बाजार में अभी पेट्रोल की कीमत 93.68 रुपये प्रति लीटर और डीजल 84.61 रुपये प्रति लीटर है।
यही वजह है कि यूजर्स ने बाबा रामदेव का पुराना ट्वीट निकालकर उन्हें ट्रोल किया। ट्विटर पर यूजर्स कई तरह के मीम्स पोस्ट कर बाबा रामदेव को ट्रोल कर रहे हैं। मयंक तिवारी नाम के यूजर ने लिखा, ‘नहीं चाहिए अच्छे दिन, मेरे वही बुरे दिन लौटा दो, 60 रुपये पेट्रोल, 80 रुपये सरसों तेल, 400 रुपये सिलेंडर वाले बुरे दिन ही सही थे।’ इसी तरह सौरभ आनंद लिखते हैं कि बाबा को तो सरकार से पूरा फायदा मिल रहा है जनता उसके बहकावे में आकर अपना नुकसान कर बैठी है। अशोक शेखावत ने लिखा कि काला धन तो नहीं आया, लेकिन पेट्रोल 100 रुपये के पार पहुंच गया।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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