बाबा रामदेव ने फिर उड़ाया मजाक, बोले-जिसकी इज्जत नहीं, वो कर रहे हैं मानहानि का दावा
योग गुरु बाबा रामदेव इन दिनों अपने बयानों को लेकर हर दिन चर्चा में आ रहे हैं। एक के बाद एक बयान के दौरान उनका आइएमए से एलोपैथी और आयुर्वेद को लेकर युद्ध चल रहा है। वहीं, लोग बाबा रामदेव के पुराने बयानों को लेकर उन्हें सोशल मीडिया में ट्रोल कर रहे हैं। ये वे बयान हैं, जब उन्होंने वर्ष 2012 में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर ट्विट किया था। अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के किए गए एक हजार करोड़ की मानहानि के दावे का माखौल उड़ाते हुए योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि- जिनकी कोई इज्जत नहीं, वो एक हजार करोड़ की मानहानि का दावा कर रहे हैं। उन्होंने यह बात शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया के एक लाइव प्रोग्राम में कहीं।
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि इस वक्त देश में धार्मिक, वैचारिक और सांस्कृतिक आतंकवाद तेजी से फैल रहा है। इसी में एक नए किस्म का आतंकवाद ट्रीटमेंट आतंकवाद भी पैदा हो गया है। कहा कि उनकी लड़ाई इनके खिलाफ हैं। एलोपैथिक का यह कारोबार करीब दो लाख करोड़ का है, वह इसके खिलाफ लड़ रहे हैं। सरकार चाहे उनका साथ दे या ना दे। भले ही सरकार उनका विरोध करें पर उनकी लड़ाई जारी रहेगी और वह इसमें सफल होंगे।
बारा रामदेव ने दोहराया कि उनका किसी पैथी से कोई मुकाबला नहीं है और विरोध नहीं है। कहा कि आकस्मिक स्थितियों में वह एलोपैथी इलाज और चिकित्सा को जरूरी समझते हैं, मान्यता देते हैं, पर इसका मतलब यह नहीं कि इलाज की केवल यही अवस्था है और यही विधि है। एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति को निशाना बना कहा कि आपके पास लाइफ सेविंग ड्रग्स और एडवांस सर्जरी है। कहा, हम यह मानते हैं पर, आपके पास यह दो चीज है तो हमारे पास 98 चीज हैं। दावा किया कि योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा बिना सर्जरी और बिना दवा के स्वस्थ जीवन शैली देता है और 1000 से अधिक व्याधियों का इलाज करता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस वक्त देश दुनिया के विभिन्न अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए जिन-जिन भी दवाओं का इस्तेमाल उपयोग किया जा रहा है, उनमें से किसी भी एक दवा का कोरोना के इलाज प्रोटोकॉल के तहत क्लीनिकल ट्रायल अब तक नहीं हुआ है। सवाल उठाया की तो फिर किस आधार पर इन दवाओं का इस्तेमाल कोरोना संक्रमित मरीजों पर किया जा रहा है। इंटरनेट मीडिया पर लाइव प्रोग्राम के तहत योगगुरु बाबा रामदेव अपनी बात प्रमुखता से कह रहे थे।
एलोपैथी का उड़ाया था मजाक
गौरतलब है कि आईएमए ने सोशल मीडिया पर उस वायरल वीडियो पर आपत्ति जताई थी, जिसमें रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी ‘बेवकूफी भरा विज्ञान’ है। उन्होंने कहा था कि कोरोना के इलाज के लिए स्वीकृत रेमडेसिविर, फेवीफ्लू और ऐसी अन्य दवाएं कोविड-19 मरीजों का इलाज करने में असफल रही हैं।
बाबा रामदेव मोबाइल से पढ़कर बोल रहे थे। उनके इस बयान ने जब तूल पकड़ा तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एलोपैथी के बारे में योग गुरु रामदेव के बयान को रविवार को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया था। साथ ही इसे वापस लेने को कहा था। इसके बाद कहा गया कि बाबा रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया।
इसके बाद फिर पूछ डाले सवाल
फिर बाबा रामदेव ने फिर रंग बदला और ट्विटर अकाउंट में आइएमए को खुला पत्र जारी किया। उन्होंने आइएमए को चुनौती दी। साथ ही उनसे 25 सवाल पूछे और कई बीमारियों का स्थायी इलाज पूछा। अब उनके इस बयान से एक बार फिर विवाद ने तूल पकड़ लिया है। गौरतलब है कि बाबा की ओर से एलोपैथ को लेकर दिए गए पूर्व के बयान पर उन्हें आइएमए ने एक हजार करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भी भेजा है।
पहले ऑक्सीजन की कमी को लेकर आया था बयान
इससे पहले भी बाबा रामदेव विवादों में आए। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें बाबा रामदेव कह रहे थे कि-चारों तरफ ऑक्सीजन ही ऑक्सीजन का भंडार है, लेकिन मरीजों को सांस लेना नहीं आता है और वे नकारात्मकता फैला रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी है। रामदेव ने कहा था कि जिसका भी ऑक्सीजन स्तर गिर रहा है उसे ‘अनुलोम विलोम प्रामायाम’ और ‘कपालभाती प्राणायाम’ करना चाहिए। बाबा रामदेव की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के उपाध्यक्ष डॉ. नवजोत सिंह दहिया ने शनिवार को जालंधर पुलिस में केस दर्ज कराया और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
नए वीडियो से फिर विवाद में आए थे रामदेव
नए वीडियो में बाबा रामदेव आइएमए के मानहानि के नोटिस पर प्रतिक्रया देते दिख रहे हैं। बकौल बाबा-ट्रेंड चला रहे हैं कि क्विक अरेस्ट स्वामी रामदेव। कभी कुछ चलाते हैं, कभी ठग रामदेव, कभी महाठग रामदेव, कभी गिरफ्तार रामदेव चलाते रहते हैं। चलाने दो। इसका उपहास उड़ाते हुए वह पतंजलि कार्यकर्ताओं को बधाई दे रहे हैं कि इस कारण अब अपने लोगों को भी ट्रेंड चलाने की प्रैक्टिस हो गई। बाबा यहां तक कहते सुनाई दे रहे हैं कि- खैर! अरेस्ट तो उनका बाप भी नहीं कर सकता स्वामी रामदेव को।’
विवाद को आचार्य बालकृष्ण ने ईसाइयत से जोड़ा था
आयुर्वेद बनाम एलोपैथ को लेकर हो रहे विवाद को योग गुरु बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने नया मोड़ दे दिया था। आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कर इसे देश के भीतर चल रहे ईसाई मंतातरण से जोड़ा है। वह चिंता जताते हुए कहते हैं कि देश में ईसाइयत को बढ़ावा देने के साथ ईसाई बनाने की साजिश रची जा रही है। इसी के तहत बाबा रामदेव को निशाना बनाया जा रहा है, योग और आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इस मामले में गंभीर कदम नहीं उठाए गए तो यह साजिश सफल हो जाएगी। जो ताकतें ऐसा कर रही हैं, उन्हें रोकना होगा। वह आगे कहते हैं, ‘पूरे देश को क्रिश्चियनिटी में कनवर्ट करने के षडयंत्र के तहत योग ऋषि रामदेव को टारगेट कर योग एवं आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है।
वर्ष 2012 के ट्विट पर हो रहे हैं ट्रोल
अब योगगुरु बाबा रामदेव का साल 2012 का एक ट्वीट आजकल सुर्खियों में है। इस वजह से वह सोशल मीडिया पर वह ट्रोल हो रहे हैं। रामदेव ने 9 अगस्त 2012 को ट्वीट किया था कि कालाधन वापस आए तो पेट्रोल 30 रुपये लीटर में मिलेगा। देश के कई शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये लीटर के पार चली गई है। दिल्ली के बाजार में अभी पेट्रोल की कीमत 93.68 रुपये प्रति लीटर और डीजल 84.61 रुपये प्रति लीटर है।
यही वजह है कि यूजर्स बाबा रामदेव का पुराना ट्वीट निकालकर उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। ट्विटर पर यूजर्स कई तरह के मीम्स पोस्ट कर बाबा रामदेव को ट्रोल कर रहे हैं। मयंक तिवारी नाम के यूजर ने लिखा, ‘नहीं चाहिए अच्छे दिन, मेरे वही बुरे दिन लौटा दो, 60 रुपये पेट्रोल, 80 रुपये सरसों तेल, 400 रुपये सिलेंडर वाले बुरे दिन ही सही थे।’ इसी तरह सौरभ आनंद लिखते हैं कि बाबा को तो सरकार से पूरा फायदा मिल रहा है जनता उसके बहकावे में आकर अपना नुकसान कर बैठी है। अशोक शेखावत ने लिखा कि काला धन तो नहीं आया, लेकिन पेट्रोल 100 रुपये के पार पहुंच गया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
यह पगला गया है, इसे सलाखों के पीछे डालना उचित होगा