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November 12, 2024

विश्व सिकल सेल एनीमिया डे पर जागरूकता कार्यक्रम 19 को, ले सकते हैं जानकारी, जानिए क्या है बीमारी और इसके लक्षण

हर वर्ष 19 जून को विश्व सिकल सेल एनीमिया जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्तमान में कोविड19 के मद्देनजर उत्पन्न परिस्थिति को देखते हुए इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश की ओर से ऑनलाइन जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

हर वर्ष 19 जून को विश्व सिकल सेल एनीमिया जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्तमान में कोविड19 के मद्देनजर उत्पन्न परिस्थिति को देखते हुए इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश की ओर से ऑनलाइन जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसमें इस बीमारी को लेकर जागरुक किया जाएगा। साथ ही बीमारी से संबंधित जानकारी, बचने के उपाय की जानकारी दी जाएगी। गूगल मीट के माध्यम से कोई भी इस कार्यक्रम से जुड़ सकता है।
संस्थान के बाल चिकित्सा विभाग के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत कुमार वर्मा व डॉ. विनोद ने बताया कि एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत के अथक प्रयासों से संस्थान के बालरोग विभाग में सिकल सेल एनीमिया बीमारी का उपचार एवं सभी तरह के परीक्षण संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
सिकल सेल एनीमिया का कारण
यह एक आनुवंशिक रोग है। इसमें सामान्य गोल और लचीली रक्त कोशिकाएं कठोर और हंसिया के आकार की हो जाती हैं। इसके कारण वह रक्त कोशिकाओं और ऑक्सीजन को शरीर के चारों ओर स्वतंत्ररूप से घूमने से रोकती हैं।
सिकल सेल एनीमिया के लक्षण
खून की कमी, थकान, छाती, पेट और हड्डियों में दर्द, हाथों और पैरों की सूजन, बच्चों का विकास देर से होना, बार-बार संक्रमण का होना।
ऐसे लगा सकते हैं सिकल सेल एनीमिया का पता
सिकल सेल एनीमिया का आमतौर पर नवजात स्क्रीनिंग कार्यक्रमों के माध्यम से अथवा हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस परीक्षण के माध्यम से पता लगाया जाता है।
खतरे के लक्षण
सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित व्यक्ति को निम्न में से कोई भी समस्या हो सकती है। ऐसा हो तो उसे शीघ्र अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। इस बीमारी के लक्षण में बुखार, हाथ या पैर में सूजन, पेट, छाती, हड्डियों या जोड़ों में तेज दर्द आदि शामिल हैं।
विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार चिकित्सा विज्ञान में उन्नति के कारण वर्तमान में यह बीमारी लाइलाज नहीं रही,अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण से लेकर आनुवंशिक परीक्षण तक सभी सुविधाएं हमारे देश में उपलब्ध हैं। लिहाजा मरीजों को इस बीमारी के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है,जिससे समय रहते इसका निस्तारण किया जा सके।
यहां करें क्लिक
यदि आप भी इस जनजागरूकता कार्यक्रम में प्रतिभाग करना चाहते हैं, तो कृपया https://meet.google.com/igm-ajgh-srs?hs=224 लिंक पर क्लिक कर आप गूगल मीट से जुड़ सकते हैं। इस बाबत अधिक जानकारी के लिए आप मोबाईल नंबर-97563 11539 पर संपर्क कर सकते हैं।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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