उत्तराखंड में मदरसा ध्वस्त करने गई टीम पर हमला, पिता पुत्र सहित छह की मौत, वाहनों को किया आग के हवाले, हल्द्वानी में लगा कर्फ्यू
लोकसभा चुनाव से पहले ही देश के हालात ठीक नजर नहीं आ रहे हैं। जिस बात का अंदेशा लगाया जा रहा है, वही हालात बनते जा रहे हैं। कुछ तत्वों द्वारा देश को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने का प्रयास हो रहा है। इसका एक प्रयास उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी में भी देखने को मिला। गुरुवार की देर शाम अवैध करार दिए गए मदरसे और नमाज स्थल को ध्वस्त करने गई प्रशासन और पुलिस की टीम पर भीड़ ने पथराव कर दिया। भीड़ बेकाबू हो गई और भीड़ ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। वनभूलपुरा थाने पर ही लोगों ने हमला कर दिया। इस पर प्रशासन ने देर शाम उपद्रवियों के पैर में गोली मारने के आदेश जारी किए। पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया। आंसू गैस के गोले भी छोड़े। वहीं फायरिंग भी की। साथ ही पूरे हल्द्वानी में कर्फ्यू लगाते हुए इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई। मीडिया की खबरों के मुताबिक, गोलीबारी और पत्थरबाजी में पिता पुत्र सहित छह लोगों की मौत हो गई। प्रशासन ने नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में कर्फ्यू लगा दिया है। इससे साथ ही पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया है। हल्द्वानी में हिंसा में तीन सौ से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए। साथ ही लोगों से शांति बनाने की अपील की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बताया जा रहा है कि बनभूलपुरा क्षेत्र में मलिक के बगीचे में उक्त अतिक्रमण है। इस पथराव और उपद्रव में 50 से अधिक पुलिस कर्मी और निगम कर्मी समेत 300 से ज्यादा घायल हो गए। जेसीबी समेत कई वाहन फूंक दिए गए हैं। उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाना भी फूंक दिया। आंसू गैस के गोले दागने और लाठी चार्ज के बाद भी, जब हालात काबू में नहीं आए तो सबसे पहले अधिकारी वहां से खिसक लिए। पुलिस और निगम टीम जैसे-तैसे वहां से निकली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मलिक के बगीचे के चारों ओर से पथराव में फंसने के बाद किसी तरह पुलिस फोर्स यहां से निकलकर मुख्य सड़क पर पहुंच सकी। मगर यहां भी बनभूलपुरा थाने को आग के हवाले कर दिया गया था। उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए पुलिस टीम ने 350 राउंड से अधिक बार फायरिंग की। इसके बाद लोग मौके से इधर उधर होने लगे। इस बीच प्रशासन ने देर शाम उपद्रवियों के पैर में गोली मारने के आदेश जारी किए। प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन और पुलिस के आला अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र में कोर्ट के निर्देशों के तहत कार्रवाई की जा रही थी। अवैध अतिक्रमण को हटाने गई नगर निगम और पुलिस की टीम पर कुछ अराजक तत्वों द्वारा हमला किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दौरान पुलिस और प्रशासन के लोगों को चोटें आई हैं। फिलहाल उसे क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां पर तत्काल पुलिस और केंद्रीय बलों की कंपनियां भेजी जा रही हैं उन्होंने कहा कि सबसे शांति बनाए रखने की अपील की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने हमला किया है और आगजनी की है उनकी पहचान कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ की हालत की समीक्षा
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अवैध निर्माण को हटाये जाने के दौरान पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों एवं कार्मिकों पर हुए हमले तथा क्षेत्र में अशान्ति फैलाने की घटना को गम्भीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को क्षेत्र में शान्ति एवं कानून व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के सख्त निर्देश भी दिये है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने इस संबंध में गुरूवार को सांय मुख्यमंत्री आवास में मुख्य सचिव राधा रतूडी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार तथा अन्य उच्चाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से शान्ति बनाये रखने की अपील करते हुए अराजक तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना के दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही कर क्षेत्र में शान्ति व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि प्रदेश में किसी को भी कानून व्यवस्था से खिलवाड करने की छूट नहीं दी जानी चाहिए। प्रशासनिक अधिकारी निरंतर क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये प्रयासरत रहे। जिलाधिकारी द्वारा दूरभाष पर मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अशान्ति वाले क्षेत्र बनभूलपुरा में कर्फ्यू लगाया गया है। स्थिति को सामान्य बनाये रखने के लिये दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिये गये है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अतिक्रमण हटाने की टाइमिंग और प्रशासन की विफलता
पुलिस और प्रशासन की टीम के अतिक्रमण हटाने की टाइमिंग पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं। कारण है कि लोकसभा चुनाव निकट हैं। ऐसे में कोई छोटी सी गलती बड़ा रूप ना ले ले, इस पर भी होमवर्क होना चाहिए। फिलहाल ये घटना सांप्रदायिक तनाव की बिल्कुल ही नहीं है। साफ तौर पर कानून व्यवस्था का मामला है। इसका आकलन करने में पुलिस और प्रशासन पूरी तरह विफल रहा। बनभूलपुरा में अवैध धार्मिक स्थल तोड़ने का मसला सीधे तौर पर प्रशासन से जुड़ा हुआ था। इसे तोड़ने पर स्थानीय स्तर पर किस तरह का रिएक्शन हो सकता है। इसका आकलन प्रशासनिक अधिकारियों ने ठीक तरीके से नहीं किया। इसका नतीजा यह रहा कि शहर ने सड़कों पर तांडव दिखा। हर तरफ खौफ का माहौल देखा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चुनाव के दौरान ऐसी कार्रवाई संवेदनशील मामला
इससे एक दिन पहले ही उत्तराखंड में यूसीसी को लेकर बिल विधानसभा में पारित किया गया था। इस पर भले ही बयानबाजी हुई, लेकिन किसी जाति, धर्म व संप्रदाय और राजनीतिक दल से जुड़े लोगों ने सड़क पर उतरकर कोई आंदोलन नहीं किया। लोकसभा चुनावों के दौरान ही अतिक्रमण बताकर धार्मिक स्थलों पर की जा रही कार्रवाई बेहद संवेदनशील मामला है। हुआ। यदि धार्मिक स्थलों के अतिक्रमण के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है तो इससे पहले पूरी तरह से होमवर्क होना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हल्द्वानी की तरह ही दिल्ली में भी एक मस्जिद ढहाई गई थी। हालांकि, वहां हल्द्वानी की तरह कोई विरोध नहीं हुआ। वहीं, दिल्ली के दक्षिणी इलाके में 30 जनवरी की सुबह एक मस्जिद और मदरसे को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने ढहा दिया। बताया जा रहा है कि ढहाई गई मस्जिद और मदरसा 800 साल पुराने थे। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि मेहरौली की अखूंदजी मस्जिद और बहरुल उलूम मदरसे का निर्माण रजिया सुल्तान के शासनकाल में करवाया गया था। इसे भी अवैध करार दिया गया था। वहीं, आठ फरवरी को दिल्ली के मेहरौली में बाबा हाजी रोजबीह की 900 साल पुरानी मजार तोड़ दी गई। डीडीए ने उस 900 साल पुरानी कब्र को अवैध मानकर बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।