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November 7, 2025

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022: आप घोषित कर रही प्रत्याशी, कांग्रेस ने निकाला ये फार्मूला, भाजपा में कटेगा 24 का टिकट

शनिवार को पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तिथि की घोषणा के बाद अब उत्तराखंड में भी राजनीतिक दलों में टिकट के दावेदारों में हलचल बढ़ गई है। इस घोषणा से पहले ही आम आदमी पार्टी ने तेज रफ्तार दिखाते हुए 24 विधानसभाओं से प्रत्याशियों की घोषणा कर दी।

शनिवार को पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तिथि की घोषणा के बाद अब उत्तराखंड में भी राजनीतिक दलों में टिकट के दावेदारों में हलचल बढ़ गई है। इस घोषणा से पहले ही आम आदमी पार्टी ने तेज रफ्तार दिखाते हुए 24 विधानसभाओं से प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। वहीं, कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर लंबे समय से मंथन चल रहा है। हालांकि कांग्रेस ने भी टिकट वितरण का फार्मूला तय किया हुआ है। वहीं, भाजपा में भी इन दिनों रायशुमारी ली जा रही है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के दावेदारों की पहली सूची चुनाव की अधिसूचना जारी होने से ऐन पहले जारी हो सकती है। फिर भी भाजपा में माना जा रहा है कि इस बार करीब 24 सीटिंग विधायकों के पत्ते कट सकते हैं।
चुनाव कार्यक्रम
उत्तराखंड समेत पांच राज्यों उत्‍तर प्रदेश, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का एलान कर दिया है। पांचों राज्यों में सात चरण में विधानसभा चुनाव होंगे। उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होगा और अंतिम चरण की वोटिंग सात मार्च को होगी। पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को मतदान होगा। वहीं, मणिपुर में दो चरणों में मतदान होगा। यहां 27 फरवरी को पहले दौर और 3 मार्च को अंतिम दौर का मतदान होगा। सभी राज्यों में 10 मार्च को मतगणना होगी। उत्तराखंड में चुनाव दूसरे फेज में आयोजित किए जाने हैं।
फिलहाल रैलियों पर प्रतिबंध
कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर पांचों चुनाव राज्यों में 15 जनवरी तक रैली, रोड शो आदि की इजाजत नहीं है। किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को फिजिकल चुनावी रैलियों की इजाजत नहीं होगी। किसी भी नुक्कड़ सभा का आयोजन भी नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा चुनाव में जीत के बाद भी जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगाया गया है। डोर टू डोर कैंपेन के लिए केवल 5 लोग ही जा सकते हैं। 15 जनवरी के बाद हालात का जायजा लेकर चुनाव आयोग फैसला लेगा।
उत्तराखंड का चुनाव का पूरा कार्यक्रम
21 जनवरी- अधिसूचना होगी जारी।
28 जनवरी- नामांकन की अंतिम तिथि।
29 जनवरी- नामांकन की छंटनी।
31 जनवरी- नामांकन वापसी की अंतिम तारीख।
14 फरवरी- मतदान।
दस मार्च- परिणाम होंगे घोषित।
प्रत्याशियों के नाम 24
आम आदमी पार्टी की स्थिति
उत्तराखंड में टिकट वितरण को लेकर आम आदमी पार्टी ने सीएम पद के प्रत्याशी के तौर पर कर्नल (से.नि.) अजय कोठियाल के नाम की घोषणा पहले ही कर दी थी। अब पार्टी 24 विधानसभाओं के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी कर चुकी है। ऐसे में पार्टी के घोषित प्रत्याशी तो अपने-अपने प्रचार अभियान में जुट गए हैं। इन प्रत्याशियों में कर्नल अजय कोठियाल गंगोत्री, शिशुपाल सिंह रावत रामनगर, भूपेश उपाध्याय कपकोट, दीपक बाली काशीपुर, बसंत कुमार बागेश्वर(एस सी), प्रेम सिंह भगवानपुर(एस सी), अमित जोशी अल्मोड़ा, डिम्पल सिंह राजपुर रोड(एस सी), यूनुस चौधरी जसपुर, सुरेश सिंह बिष्ट सल्ट, प्रशांत राय रानीपुर, विजय शाह घनसाली(एस सी), नवनीत राठी मंगलौर, राजेश बिष्ट लोहाघाट, मदन महर चंपावत, समित टिक्कू हल्द्वानी, मनोहर लाल पहाड़ी पौड़ी(एस सी), डॉ राजे नेगी ऋषिकेश, हरीश चंद्र आर्य सोमेश्वर(एस सी), दिगमोहन नेगी चैबट्टाखाल, प्रवीण बंसल विकासनगर, ई. शादाब आलम पिरान कलियर, नरेश शर्मा हरिद्वार ग्रामीण, अजय जायसवाल सितारगंज हैं।
भाजपा में टिकट को लेकर रायशुमारी
इस बार भाजपा ने-अबकी बार 60 के पार का नारा दिया है। उत्तराखंड में भाजपा ने कई बार विधायकों के कार्यों का गोपनीय सर्वे भी कराया। इनमें मसूरी क्षेत्र के विधायक गणेश जोशी एक प्लस केटेगिरी में निकले। ऐसे में उनके खिलाफ दल में किसी दमदार प्रत्याशी ने टिकट की दावेदारी नहीं की। वहीं, सर्वे रिपोर्ट में कमजोर पाए गए विधायकों के टिकट कटने की प्रबल संभावना है। करीब 24 सीटिंग विधायक भाजपा में ऐसे हैं, जिन्हें रिपीट करने में यानी दोबारा चुनाव लड़ाने में पार्टी पहरेज कर सकती है।
पैनल ले रहा रायशुमारी, दावेदार मना रहे समर्थकों को
विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर विभिन्न विधानसभाओं में प्रत्याशियों के नामों के चयन के लिए भाजपा ने हर विधानसभावार तीन तीन पदाधिकारियों के पैनल बनाए हैं। आज से इस पैनल ने कार्यकर्ताओं की रायशुमारी लेनी आरंभ कर दी है। एक विधानसभा से तीन तीन दावेदारों के नामों की सूची वरियता के हिसाब के बनाकर पार्टी हाईकमान को भेजी जानी है। फिर नाम दिल्ली से तय किए जाने हैं। ऐसे में रायशुमारी के बाद भाजपा के दावेदारों की दिल्ली में दौड़ लगनी आरंभ हो जाएगी।
कांग्रेस में टिकट का फार्मूला
कांग्रेस ज्यादातर हर चुनाव में पत्ते देरी से ही खोलती है। माना जा रहा है कि अधूसूचना जारी होने की तिथि 21 जनवरी के बाद ही कांग्रेस में करीब 35 से 40 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी जाएगी। इसके बाद अन्य सीटों पर नामांकन के दौरान ही सूची भी जारी होती रहेगी। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी कि यदि नामांकन की अंतिम तिथि के दिन भी कुछ लोगों को टिकट मिले और कुछ के टिकट ऐन मौके पर वापस हो जाएं।
इनके टिकट हैं तय
कांग्रेस में कुछ टिकट पहले से तय हैं। इनमें वे लोग प्राथमिकता सूची में हैं जो सिटिंग विधायक हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 11 सीटों पर चुनाव जीती थी। इनमें एक विधायक इंदिरा हृदयेश का आकस्मिक निधन हो गया था। वहीं, पुरोला सीट से कांग्रेस विधायक राजकुमार हाल ही में पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो गए थे। ऐसे में कांग्रेस के पास नौ सीटिंग विधायक हैं और इन सबका टिकट लगभग तय है। यदि कोई अपरिहार्य कारण न बने तो किसी के टिकट को कोई खतरा नहीं है।
संकट के समय साथ देने वालों को भी वरियता
कांग्रेस में टिकट देने के लिए उन पूर्व विधायकों को भी तव्वजो दी जानी तय है, जो वर्ष 2016 में तत्कालीन सीएम हरीश रावत के साथ बने रहे और बागी नहीं हुए। उस समय पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के साथ बगावत कर नौ विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। वहीं विजय बहुगुणा के गुट में शामिल राजपुर विधायक राजकुमार, गंगोत्री विधायक विजयपाल सजवाण, विक्रम सिंह नेगी, मदन बिष्ट ने अपनी निष्ठाएं बदली और हरीश रावत का पूरा साथ दिया। ऐसे में इन पूर्व विधायकों की भी कांग्रेस में दावेदारी पक्की है। हालांकि पूरे पांच साल तक ये सभी पूर्व विधायक अपने अपने क्षेत्र में सक्रिय रहे। इनमें विजय पाल सिंह सजवाण लगातार भ्रमण कर रहे हैं। साथ ही वह क्षेत्र की समस्याओं से जुड़े हर आंदोलन में भागीदारी करते आए हैं। वहीं, राजकुमार मलिन बस्तियों की समस्याओं को लेकर नितंर संघर्षरत रहे। उनके क्षेत्र में करीब 20 मलिन बस्तियां हैं। ऐसे में उनकी इन बस्तियों में पकड़ मजबूत होने के कारण दावेदारी और मजबूत हो जाती है।
वरिष्ठ पदाधिकारी और वरिष्ठ नेताओं को भी तव्वजो
इसके साथ ही कांग्रेस में वरिष्ठ पदाधाधिकारियों, सक्रिय नेताओ को भी टिकट मिलने की पूरी उम्मीद है। इनमें कांग्रेस चुनाव घोषणापत्र कमेटी के चेयरमैन एवं पूर्व मंत्री नवप्रभात, कांग्रेस चुनाव घोषणापत्र समिति के संयोजक एवं प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हैं। यहां ये भी बताना जरूरी है कि धस्माना पिछला चुनाव हारने के बाद से ही कैंट क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। कोरोनाकाल में तो उन्होंने अपने क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे देहरादून शहर में जरूरत लोगों की मदद की। कोविड किट पहनकर खुद लोगों के घरों तक आक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने गए। कोरोना वर्कर्स को समय समय पर सम्मानित करते रहे। कोविडकाल में मृतक लोगों के परिवार के लोगों के बीच जाकर उन्हें सांत्वना दी। साथ ही देवभूमिक मानव संसाधन विकास ट्रस्ट के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते उन्होंने ऐसे परिवारों की संस्था की ओर से आर्थिक मदद भी की, जिनके परिवार में कमाने वाले वाले की कोरोना से मौत हो गई थी।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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