Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 23, 2024

आशा वर्कर्स ने किया सचिवालय कूच, धरने पर बैठीं, सचिव से मिला ये आश्वासन, जानिए क्या हैं मांगे

1 min read
12 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखंड में आशा कार्यकत्रियों ने आज मंगलवार 21 सितंबर को सचिवालय कूच किया। इस दौरान पुलिस ने गेट से कुछ ही दूरी पर उन्हें रोक लिया। इस पर वे सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं

12 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखंड में आशा कार्यकत्रियों ने आज मंगलवार 21 सितंबर को सचिवालय कूच किया। इस दौरान पुलिस ने गेट से कुछ ही दूरी पर उन्हें रोक लिया। इस पर वे सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं। आशाओं ने साफ चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों के संदर्भ में शासनादेश जारी नहीं होते, वे धरने से नहीं हटेंगी। इसके बाद आशाओं के प्रतिनिधिमंडल को स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने वार्ता के लिए बुलाया। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों के संबंध में 24 सितंबर को कैबिनेट की मीटिंग में प्रस्ताव रखा जाएगा। इस आश्वासन पर आशाएं वापस लौटीं। प्रतिनिधि मंडल में आशा वर्कर्स यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे, कलावती चन्दोला, रोशनी राणा, मनप्रीत कौर , प्रमिला राणा, सरिता नौटियाल थीं। साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों को लेकर ठोस निर्णय नहीं होता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में आशाएं 12 सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय से आशा वर्कर्स आंदोलनरत हैं। इसके तहत दो अगस्त से कार्यबहिष्कार कर वे सभी जिलों में सीएमओ कार्यालय के साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों के समक्ष धरना दे रही हैं। आज कार्यबहिष्कार का 51वां दिन है। अपनी पूर्व चेतावनी के अनुरूप आशा कार्यकत्रियां कनक तिराहे पर पेट्रोल पंप के समीप एकत्र हुईं और वहां से उन्होंने सचिवालय के लिए कूच किया। सचिवालय गेट के निकट वैडिंग प्वाइंट के पास पुलिस ने उन्हें बैरिकेड लगाकर आगे बढ़ने से रोक दिया। इस पर आशा वर्कर्स सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं।
सीटू से संबंद्ध आशा वर्कर्स यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे के मुताबिक, बीती नौ अगस्त को स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी से यूनियन के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता हुई थी। इस पर शासन ने कुछ मांगों पर सहमति दी थी, लेकिन शासनादेश जारी नहीं होने के कारण आंदोलन जारी है। इसके अगले दिन 10 अगस्त को आशाओं ने सीएम आवास कूच भी किया था। फिर भी उनके संबंध में जीओ जारी न होने पर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है। आशाओं के मुताबिक बाद 12 अगस्त को सीटू से संबंधित आशा वर्कर के साथ महानिदेशक तथा मिशन डायरेक्टर के साथ दोबारा वार्ता हुई थी। इसमें 4000 रुपये प्रतिमाह बढ़ोतरी का प्रस्ताव बनाया गया। महानिदेशक ने वह प्रस्ताव 13 अगस्त को शासन को भेजा गया। फिर भी शासनादेश जारी नहीं किया गया। इसके बाद 27 अगस्त को आशा वर्कर्स ने विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया था।
उन्होंने बताया कि वखटीमा में सीएम से वार्ता के बाद कुमाऊं की आशाओं ने प्रदर्शन स्थगित कर दिया था। सीएम मांगों के संदर्भ में बीस दिन का आश्वासन दिया था। वहीं, गढ़वाल मंडल में धरना जारी है। उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता यूनियन सीएमओ कार्यालय के साथ ही समस्त सीएचसी और पीएचसी के समक्ष हर दिन धरना दे रही हैं।

ये हैं मांगे
आशाओं को सरकारी सेवक का दर्जा दिया जाऐ, न्यूनतम वेतन 21 हजार प्रतिमाह हो, वेतन निर्धारण से पहले स्कीम वर्कर की तरह मानदेय दिया जाए, सेवानिवृत्ति पर पेंशन सुविधा हो, कोविड कार्य में लगी सभी आशाओं को भत्ता दिया जाए, कोविड कार्य में लगी आशाओं 50 लाख का बीमा, 19 लाख स्वास्थ्य बीमा का लाभ, कोरनाकाल में मृतक आशाओं के परिवारों को 50 लाख का मुआवजा, चार लाख की अनुग्रह राशि दी जाए। ओड़ीसा की तरह ऐसी श्रेणी के मृतकों के परिवारों विशेष मासिक भुगतान, सेवा के दौरान दुर्घटना, हार्ट अटैक या बीमारी की स्थिति में नियम बनाए जाएं, न्यूनतम 10 लाख का मुआवजा दिया जाए, सभी स्तर पर कमीशन खोरी पर रोक, अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की नियुक्ति हो, आशाओं के साथ सम्मान जनक व्यवहार किया जाए, कोरना ड्यूटी के लिये विशेष मासिक भत्ते का प्रावधान हो।
शासन से वार्ता में ये लिए गए थे निर्णय
-आशाओं को छह हजार का मानदेय देने की पेशकश स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने की। अन्य देय भी मिलते रहेंगे।
– प्रत्येक केन्द्र में आशा रूम स्थापित किये जाऐंगे।
-अटल पेंशन योजना में उम्र की सीमा समाप्त करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा।
-आशाओं के सभी प्रकार के उत्पीड़न एवं कमीशनखोरी पर कार्रवाई होगी।
-अन्य सभी मांगों पर सौहार्दपूर्ण कार्यवाही होगी।
-स्वास्थ्य बीमा की मांग पर समुचित कार्यवाही होगी।
-उपरोक्त सन्दर्भ में शासन द्वारा आवश्यक कार्यवाही के बाद अति शीध्र शासनादेश जारी किया जाएगा।

Website | + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *