जम्मू कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के जेसीओ और जवान की मौत, दोनों उत्तराखंड के जवान
जम्मू-कश्मीर में पुंछ के मेंढर के नार खास जंगलों में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक जेसीओ और जवान शहीद हो गए।
जम्मू-कश्मीर में पुंछ के मेंढर के नार खास जंगलों में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक जेसीओ और जवान शहीद हो गए। इससे पहले इन दोनों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर आई थी। फिलहाल आतंकियों के साथ सेना की मुठभेड़ जारी है। मुठभेड़ में शहीद होने वाले दोनों जवान उत्तराखंड के बताए जा रहे हैं। पुंछ में हुई मुठभेड़ में उत्तराखंड के दो जवान शहीद हो गए। वहां आंतकियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन के दौरान दोनों शहीद हुए। शहीद जवानों के नाम रायफलमैन विक्रम सिंह नेगी और योगंबर सिंह हैं। 26 वर्षीय विक्रम सिंह नेगी नरेंद्रनगर, टिहरी के हैं। वहीं 27 वर्षीय योगंबर सिंह सांकरी, त्रिशुला तहसील पोखरी, चमोली जिले के हैं। दोनों जवानों की शहादत की सूचना गांव में पहुंचते ही शौक का माहौल है। ये मुठभेड़ आतंकियों के उसी ग्रुप के साथ हो रही है, जिनके हमले में 10 अक्टूबर देर रात को सेना के एक जेसीओ समेत 5 जवान शहीद हो गए थे। सेना चार दिनों से इन आतंकियों का पीछा कर रही है।आतंकी ऊंची पहाड़ियों और जंगलों के फायदा उठाकर सेना को लगातार चकमा दे रहे थे, लेकिन आज सेना का सामना आतंकियों के साथ हो गया। शुरुआती जानकारी में सेना को फिर नुकसान उठाना पड़ा है। इसके बावजूद सेना का मानना है कि वो उन आतंकियों को नहीं छोड़ेगी, जिन्होंने उनके जवानों पर हमला किया था।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सोमवार को आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। तलाशी दल पर आतंकियों ने जबरदस्त फायरिंग की। मुठभेड़ में सेना के एक अफसर और चार अन्य जवान शहीद हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि भारी हथियारों के साथ आतंकवादियों के नियंत्रण रेखा पार कर चरमेर के जंगल में छुपे होने की खबर मिली थी। मौके पर अतिरिक्त बल को भेजा गया है, ताकि आतंकवादियों के निकलने के सभी रास्ते बंद किए जा सकें।
सीएम ने जताया शोक
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ष्कर सिंह धामी ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकी मुठभेड़ के दौरान उत्तराखंड के दो जवानों के शहीद होने पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और योगंबर सिंह ने देश सेवा के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसको कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने दोनों शहीद जवानों के परिजनों को इस दुःख की घड़ी में धैर्य रखने की कामना की है।





