एसआरएचयू में फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी के उत्तराखंड चैप्टर की घोषणा
देहरादून के डोईवाला स्थित हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एचआईएमएस) के फॉरेंसिक मेडिसिन व टॉक्सिकोलॉजी विभाग की ओर से ‘फॉरेंसिक आई-2024’ कार्यशाला का आयोजन किया गया। दो दिवसीय कार्यशाला में देशभर से करीब ढाई सौ से ज्यादा चिकित्सकों व विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। इस दौरान फोरेंसिक मेडिसिन में के क्षेत्र में आए बदलाव व नई अत्याधुनिक तकनीकियों पर चर्चा की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के आदि-कैलाश व चौखंबा सभागार में कार्यशाला का शुभारंभ संस्थापक डॉ.स्वामी राम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वल्लित व पुष्पांजलि अर्पित कर किया। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि एसआरएचयू के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि फारेंसिक मेडिसिन के बिना चिकित्सा विज्ञान अधूरा है। आधुनिक तकनीक ने फॉरेंसिक मेडिसिन को एक नया आयाम दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विशिष्ट अतिथि कुलपति डॉ. राजेंद्र डोभाल ने कहा कि विज्ञान व तकनीक ने फॉरेंसिक मेडिसिन के क्षेत्र को व्यापक बना दिया है। डॉ.डोभाल ने भारत में फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी के भविष्य के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया। एसआरएचयू में निदेशक (एकेडमिक डेवलेपमेंट) डॉ.विजेंद्र चौहान ने कहा कि समय के साथ फारेंसिंक मेडिसिन की तकनीकों में भी बदलाव आया है। इस तरह की कॉन्फ्रेंस का मकसद है कि इस क्षेत्र से जुड़े चिकित्सक व विशेषज्ञ अपने अनुभवों को साझा करें, ताकि इसका फायदा इस क्षेत्र में काम कर रहे उनके कनिष्ठों व छात्र-छात्राओं को मिल सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्मारिका का अनावरण
‘फॉरेंसिक आई-2024’ राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी के उत्तराखंड चैप्टर की घोषणा के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मुख्य अतिथि अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना, कुलपति डॉ.राजेंद्र डोभाल, डॉ.विजेंद्र चौहान, डॉ. संजॉय दास ने संयुक्त रुप से स्मारिका का अनावरण किया।
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