पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीख का ऐलान, सात से 30 नवंबर तक मतदान, तीन दिसंबर को नतीजे
चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इन राज्यों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम राज्य हैं। मिज़ोरम में 7 नवंबर को एक ही चरण में मतदान करवाया जाएगा। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव होगा, जिसमें से पहले चरण का मतदान 7 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 17 नवंबर को करवाया जाएगा। मध्य प्रदेश में एक ही चरण में 17 नवंबर को मतदान होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राजस्थान में एक ही चरण में 23 नवंबर को तथा तेलंगाना में भी एक ही चरण में 30 नवंबर को मतदान करवाया जाएगा। सभी पांचों राज्यों में मतगणना, यानी चुनाव परिणाम 3 दिसंबर, 2023 को घोषित किए जाएंगे। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। राजनीतिक जानकार इन्हें सत्ता का सेमीफाइनल बता रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राजस्थान विधानसभा चुनाव
राजस्थान विधानसभा में अभी कांग्रेस सत्ता में और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री हैं। वह फिर से कांग्रेस के सत्ता में आने का दावा कर रहे हैं, वहीं बीजेपी वापसी की उम्मीद कर रही है, पर अंदरूनी कलह की वजह से भाजपा के लिए यह इतना आसान नहीं होगा। राजस्थान में 23 नवंबर को मतादन होगा। तीन दिसंबर को वोटों की गिनती होगी। राजस्थान विधानसभा में 200 सीटें हैं। बहुमत के लिए यहां 101 सीटों की जरूरत होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राजस्थान में दलों की स्थिति
राजस्थान में अभी कांग्रेस की सरकार है। 2018 में उसने 99 सीटों पर जीत दर्ज की थी। दूसरी बड़ी पार्टी बीजेपी है, उसके पास 73 विधायक हैं। 6 विधायकों के साथ बसपा तीसरे नंबर पर थी। हालांकि बाद में बसपा के सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। बाद में कुछ सीटों पर उपचुनाव भी हुए, जिसमें कांग्रेस को जीत मिली। अब कांग्रेस के पास 108 तो बीजेपी के पास 70 विधायक हैं। रालोपा के पास 3, निर्दलीय विधायक 13 हैं। वहीं बीटीपी और माकपा के पास 2-2 विधायक हैं, जबकि रालोद के पास 1 विधायक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव
मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को चुनाव होगा। यहां के नतीजे भी तीन दिसंबर को आएंगे। मध्य प्रदेश विधानसभा में 230 सीटें हैं और यहां सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 116 है। मध्य प्रदेश में अहम राजनीतिक पार्टियों में बीजेपी और कांग्रेस का नाम आता है। इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनाव लड़ रही है। वहीं बहुजन समाज पार्टी का भी कुछ सीटों पर दबदबा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एमपी में राजनीतिक दलों की स्थिति
2018 में हुए चुनाव की बात करें तो कांग्रेस पार्टी 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसने बीजेपी के 15 साल के शासन को हटाकर सत्ता हासिल की थी। भाजपा को 109 सीटें मिली थीं, लेकिन बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में चले गए। इससे कमलनाथ की सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में बीजेपी ने सरकार बनाई। अभी सदन में बीजेपी के पास 127, कांग्रेस के पास 96, बसपा के पास 2, सपा के पास 1 और 4 निर्दलीय विधायक हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव
छत्तीसगढ़ में दो चरणों में मतदान होगा। इसकी तारीख सात और 17 नवंबर है। छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज करते हुए 15 साल से सत्ता में काबिज बीजेपी को बाहर कर दिया था। भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। छत्तीसगढ़ विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। यहां बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राजनीतिक दलों की स्थिति
छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस ही प्रमुख राजनीतिक दल हैं। हालांकि यहां भी आम आदमी पार्टी इस बार चुनाव मैदान में है। इसके अलावा और भी कई दल ताल ठोक रहे हैं। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 सीटों पर जीत दर्ज की थी। बीजेपी को 15 सीटें मिली थीं, जबकि अन्य के खाते में 7 सीटें मिलीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तेलंगाना विधानसभा
तेलंगाना में 30 नवंबर को चुनाव होंगे। 2018 में विधानसभा चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब भारत राष्ट्र समिति) को 88 सीटों पर जीत मिली थी। के. चंद्रशेखर राव ने यहां सरकार बनाई। तेलंगाना विधानसभा में कुल 119 सीटें हैं। यहां सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 60 है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राजनीतिक दलों की स्थिति
तेलंगाना में इस बार कांग्रेस और बीआरएस के बीच कड़ी टक्कर बताई जा रही है। हालांकि यहां रेस में बीजेपी भी है। 2018 विधानसभा चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब भारत राष्ट्र समिति) को 88 सीटों पर जीत मिली थी। के. चंद्रशेखर राव ने यहां सरकार बनाई। टीआरएस के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस थी। कांग्रेस के खाते में 19 सीटें थीं। भारतीय जनता पार्टी महज एक सीट पर ही जीत हासिल कर पाई थी। असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम को सात सीटें मिली थीं, जबकि तेलुगु देशम ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार तेलुगु देशम पार्टी ने पवन कल्याण की पार्टी जनसेना के साथ गठबंधन किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मिजोरम विधानसभा
मिजोरम में सात नवंबर को चुनाव होंगे। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 10 साल से सत्ता पर बैठी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। यहां मिजो नेशनल फ्रंट ने सरकार बनाई थी। मिजोरम विधानसभा में कुल 40 सीटें हैं। यहां सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 21 है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मिजोरम में राजनीतिक दलों की स्थिति
मिजोरम में अहम राजनीतिक पार्टियों की बात करें तो कोई एक या दो दल नहीं हैं। यहां सीटें बिखरी रहती हैं। 2018 में हुए मिजो नेशनल फ्रंट ने 26 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके अलावा जोरम पीपुल्स मूवमेंट 8 सीटों पर और भारतीय जनता पार्टी 1 सीट पर जीती थी।
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