अंकिता हत्याकांडः उत्तराखंड बंद सफल, उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक प्रदर्शन, सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी
बीजेपी को छोड़कर विभिन्न राजनीतिक दलों में कांग्रेस, उत्तराखंड क्रांति दल, सीपीआइ (एम) सहित अन्य सामाजिक संगठनों में महिला मंच, आंदोलनकारी मंच, व्यापारिक संगठन सहित कई संगठनों ने समर्थन दिया है। साथ ही लोग सड़कों पर उतर गए। इसके साथ ही उत्तरकाशी सहित अन्य पर्वतीय जिलों में भी आंदोलनकारी सड़कों पर हैं। सुबह गांधी पार्क के समक्ष आंदोलनकारी एकत्र हुए और घंटाघर की तरफ कूच किया। यहां से युवाओं की टीम पल्टन बाजार की तरफ निकली और बाजार बंद कराने में जुटी रही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में जनसंगठनों एवं राजनैतिक दलों के बंद की सफलता का दावा
जनसंगठनों एवं यूकेडी, सीपीएम आदि संगठनों ने दावा किया कि देहरादून में बंद पूरी तरह सफल रहा। इस बन्द में महिला मंच, महिला समिति, एसएफआई, यूकेडी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी आदि दर्जनों संगठनों के कार्यकर्ता शामिल थे। बंद को सफल बनाने के लिए प्रमुख जत्था सुबह 10बजे गांधी पार्क से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन करते हुऐ से शुरू हुआ। जनगीतों गाते हुऐ बाजार बन्द कराते हुए घंटाघर पहुंचा। पल्टन बाजार से होता हुख दर्शनी गेट, हनुमान चौक से राजा रोड़ होता हुआ कचहरी पहुंचा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कचहरी स्थित शहीदस्थल पर शहीदों को नमन करते हुए ये जत्था वापस गांधी पार्क पहुंचा। इस अवसर कमला पंत, निर्मला बिष्ट, राजेन्द्र पुरोहित, अनन्त आकाश, कृष्ण गुनियाल, नुरैशा अंसारी, नितिन मलेठा, हिमांशु चौहान, सोनाली नेगी, मनोज ध्यानी, मनोज कुंवर, अर्जुन रावत, तन्मय ममगाई, सतीश धौलाखण्डी, कमलेश खन्तवाल, अमन कण्डारी आदि बड़ी संख्या कार्यकर्ता शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महिला उत्तरजन का धरना दूसरे दिन भी जारी
अंकिता भंडारी हत्यकांड के विरोध में महिला उत्तरजन का देहरादून के गांधी पार्क में धरना आज दूसरे दिन भी जारी रहा। महिला उत्तरजन ने फिर पुरजोर मांग की कि हत्यकांड के दोषियों को सख्त सजा दी जाए। राजनेता और माफिया गठजोड़ को ध्वस्त किया जाए। पुलिस की बेहद लापरवाहियों के कारण अंकिता भंडारी मामले की न्यायिक जांच हो।
महिला उत्तरजन ने यह भी कहा कि विशेष रूप से सीमांत क्षेत्रों की महिलाएं या कहें कि दूरस्थ अंचलों की बेटियां सरल सहज हैं और उनका एक्सपोज़र अधिक नही होता। इस वजह वे ऐसे लोगों के चंगुल में फंस जाती हैं। उत्तराखंड में ऐसी बहुत सी घटनायें होती आ रही हैं, लेकिन प्रकाश में बहुत कम आ पाती हैं। अतः सरकार को इसके रूट कॉज़ तक पहुँचना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज के धरना कार्यक्रम में अनेक प्रबुद्धजन और महिलाएं शामिल रहे। लोगों ने जबरजस्त आक्रोश प्रकट किया और हत्यारों के कठोर सजा की मांग की। धरना स्थल पर अनेक संस्था के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे। धरने में उपासना भट्ट श्रीनगर, उत्तम सिंह रावत, आकाश उप्रेती, कर्नल (से. नि.), आनंद थपलियाल अरुण शेखर बहुगुणा, प्रोफसर विनय आनंद बौड़ाई , नरेश बहुगुणा, एन.एस. अधिकारी, शुभम कण्डारी, ठाकुर सिंह नेगी,आभा बौड़ाई, सुशीला सेमवाल, विमला कठैत, उषा रावत, सरिता नेगी, सुशीला सेमवाल, सीमा बहुगुणा, प्रिया देवली, रीना पटवाल , शीला सिंह, सविता नौटियाल, विमला नौटियाल, सुप्रिया सकलानी , कमला डिमरी, पंकज नवानी, डॉ विमल नौटियाल, सीमा थापा, ‘सैनिक शिरोमणि’ मनोज ध्यानी, योगेश भट्ट, पंकज क्षेत्री, दिनेश बौड़ाई, त्रिलोचन भट्ट, मोहन खत्री ,लोकेश नवानी आदि अनेक गणमान्य लोग शामिल रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रिखणीखाल में निकाली रैली किया प्रदर्शन
अंकिता भंडारी व स्थानीय 25 वर्षीय नवयुवक रामपाल उर्फ कालू निवासी कालिन्कौ की हत्या के दोषियों को सजा दिलाने के लिए पौड़ी जिले के रिखणीखाल प्रखंड में लोग सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन किया। प्रखंड के तमाम जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, बुद्धिजीवी, महिलाएं, नवयुवक व नवयुवतियो ने कोटडीसैण बाजार में अंकिता भंडारी व रामपाल उर्फ कालू को न्याय दिलाने की मांग कोलेकर पदयात्रा कर एक विशाल रैली निकाली। इस दौरान व्यापारियों ने दुकानें बंद रखी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर तहसीलदार रिखणीखाल के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा गया। आज की रैली में मुख्य रूप से पूर्व ब्लॉक प्रमुख रिखणीखाल पिंकी नेगी, महिला कांग्रेस प्रदेश महामन्त्री रंजना रावत, रिखणीखाल कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष व प्रधान प्रमोद रावत, अजयपाल सिंह रावत,रविन्द्र रावत, धनवीर नेगी, उर्मिला नेगी, मनोज रावत, अनिल कुमार सिंह रावत, रिखणीखाल प्रधान संघ अध्यक्ष रघुवीर पटवाल, मोहित कुमार आदि शामिल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दिल्ली के जंतर मंतर में धरना देकर मनाया काला दिवस
चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने उत्तराखंड की जनता को अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर आयोजित आज के उत्तराखंड बंद को सफल बनाए जाने पर बधाई दी है। धीरेंद्र प्रताप आज दिल्ली के जंतर मंतर पर उत्तराखंड बंद के अवसर पर आयोजित काला दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। धीरेंद्र प्रताप ने इस मौके पर साफ कहा उत्तराखंडी मर जाएंगे मिट जाएंगे लेकिन उत्तराखंड को थाईलैंड नहीं बनने देंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने अंकिता भंडारी हत्याकांड के दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की और मुजफ्फरनगर कांड के 28 साल बाद भी दोषियों को सजा ना मिलने के लिए राज्य के राजनीतिक दलों को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा राजनीतिक नेताओं की कमजोर इच्छाशक्ति के कारण और देश की लचर कानून व्यवस्था के कारण 28 साल बाद भी मुजफ्फरनगर कांड के दोषी छुट्टा घूम रहे हैं। उन्होंने राज्य में भाजपा सरकार के कार्यकाल में नैतिकता के आधार पर संस्कृति विकसित ना किए जाने के स्थान पर “मसाज कल्चर ” को बढ़ावा दिए जाने का भाजपा पर आरोप लगाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्य आंदोलनकारी खुशहाल सिंह बिष्ट के संचालन में हुई जंतर मंतर की सभा को हरिपाल रावत, प्रताप शाही, रामप्रसाद भदूला, रोशनी चमोली, प्रेमा धोनी, दीपिका नयाल, बिट्टू उपरेती, दाताराम चमोली, प्रताप थलवाल, हरीश अवस्थी, मनमोहन शाह, सत्येंद्र रावत, कुशाल जीना, हीरो बिष्ट, नारायण सिंह गुसाईं, व्योमेश जुगरान, डॉक्टर एसएन बसलियाल, किशोर रावत, बृज मोहन सेमवाल दिनकर फर्त्याल समेत अनेक राज्य आंदोलनकारियों ने भी संबोधित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है प्रकरण
बता दें कि पौड़ी जिले के यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत गंगा भोगपुर स्थित रिसोर्ट से 18 सितंबर की रात से संदिग्ध परिस्थितियों में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी लापता हो गई थी। पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि हत्या कर उसका शव चीला नहर में फेंक दिया गया था। इस मामले में रिसोर्ट मालिक पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पूर्व बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री विनोद आर्य का बेटा पुलकित आर्य है। पुलकित आर्य रिजॉर्ट का मालिक है। विनोद आर्य और उनके दूसरे बेटे अंकित आर्य को बीजेपी ने निष्कासित कर दिया है। वहीं, सरकार ने इस मामले की जांच एसआइटी को सौंपी है। उधर, तमाम संगठनों का कहना है कि सरकार आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।