खुलकर बोलने लगे हैं बीजेपी के नाराज नेता, सात बार के सांसद ने मोदी सरकार पर उठाए सवाल, बताया दलित विरोधी
लोकसभा चुनाव में बीजेपी के 240 सीटों पर अटकने के बाद अब पार्टी के भीतर चल रहा उबाल अब सामने आने लगा है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक से सात बार के सांसद एवं दलित नेता रमेश जिगाजिनागी ने पार्टी के खिलाफ खुलेतौर पर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि ज्यादातर केंद्रीय मंत्री ऊंची जातियों से हैं, जबकि दलितों को दरकिनार किया गया है। रमेश जिगाजिनागी सात बार सांसद रहने के साथ ही 2016 से 2019 तक राज्य मंत्री भी रहे हैं। वर्तमान मेंमें वे विजयपुरा सीट से चुनाव जीते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अभी तक बीजेपी में कोई भी पार्टी और सरकार की नीतियों के खिलाफ खुलकर नहीं बोलता था। ऐसे मामले में बीजेपी को सबसे ज्यादा अनुशासित पार्टी माना जाता है। वहीं, सांसद रमेश ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में जो बात कही, उससे साफ है कि अब बीजेपी में भी भीतर ही भीतर जो घमासान चल रहा था, वह अब सामने आने लगा है। सांसद रमेश ने कहा कई लोगों ने मुझे बीजेपी में ना जाने की सलाह दी थी, क्योंकि यह (पार्टी) ‘दलित विरोधी’ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कर्नाटक के विजयपुरा से भाजपा सांसद रमेश जिगाजिनागी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा न बनने पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है। मंगलवार, 9 जुलाई को उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात से गहरा दुख पहुंचा है कि लगातार सातवीं बार चुने जाने के बावजूद उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद में हिस्सा नहीं मिला। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कर्नाटक के विजयपुरा से भाजपा सांसद रमेश राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं। वह 1998 में सांसद चुने गए थे और तब से कभी हारे नहीं। उससे पहले वह तीन बार के विधायक भी रहे। अब उन्होंने भाजपा में शामिल होने के फ़ैसले पर भी संदेह जताया है। साल 2016 और 2019 में उन्हें पेयजल और स्वच्छता राज्य मंत्री भी बनाया गया था। अपने कार्यालय के उद्घाटन के मौक़ै पर वह पत्रकारों से बात कर रहे थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कैबिनेट में जगह न मिलने पर जब उनसे सवाल पूछा गया तो वह बोले कि- मंत्री बनना या न बनना मेरे लिए मायने नहीं रखता, लेकिन मेरी जनता के लिए मायने रखता है। मैं जहां भी जाता हूं, लोग मुझसे पूछते हैं कि मुझे मंत्री क्यों नहीं बनाया गया? कुछ लोग तो यहां तक कहते हैं कि मुझे मंत्री इसलिए नहीं बनाया गया क्योंकि मैं दलित हूं। मुझे बताइए, क्या ये न्याय है? पूरे दक्षिण भारत में मैं अकेला दलित हूं, जिसने लगातार सात चुनाव जीते हैं। सभी ऊंची जाति के सांसद मंत्री बने। क्या दलितों ने भाजपा का समर्थन नहीं किया है? मुझे इससे बहुत दुख पहुंचा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जिगाजिनागी ने जनता दल से राजनीति शुरू की। फिर रामकृष्ण हेगड़े की वेदिक पार्टी और रामविलास पासवान की जन शक्ति पार्टी के भी सदस्य रहे। साल 2002 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी जॉइन की। अब विजयपुरा के सांसद ने अपने भाजपा में शामिल होने के फ़ैसले पर भी संदेह जताया। कहा कि कर्नाटक सूबे से चार सांसदों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। भाजपा से प्रह्लाद जोशी (ब्राह्मण), वी सोमन्ना (लिंगायत), शोभा करंदलाजे (वोक्कालिगा) और जनता दल (सेकुलर) के एचडी कुमारस्वामी (वोक्कालिगा)।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।