मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर मंत्री रेखा आर्य से मिलीं आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां, मंत्री बोलीं-कैबिनेट में रखूंगी प्रस्ताव
उत्तराखंड में सीटू से संबद्ध आंगनवाड़ी कार्यकत्री सेविका कर्मचारी यूनियन एवं अन्य यूनियन के प्रतिनिधि आज बाल विकास मंत्री रेखा आर्य से विधानसभा में मिले।

सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई बार्ता के दौरान यूनियन की प्रांतीय महामंत्री चित्रकला ने कैबिनेट मंत्री को बताया कि दिल्ली, तमिलनाडु, हरियाणा, केरल, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पांडिचेरी आदि राज्यों में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को उत्तराखंड से अधिक मानदेय और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि इन राज्यों में पेंशन से लेकर सेवानिवृत्ति पर तीन लाख से पांच लाख तक एक मुश्त धनराशि दी जाती है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में भी भविष्य निधि एवं ईएसआइ लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की है कि उत्तराखंड में कम से कम 21000 रुपये आंगनवाड़ी व मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को 21000 व सहायिकाओं को 18000 रु न्यूनतम वेतन दिया जाना चाहिए। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियं की दस सूत्रीय मांगों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस पर बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने समस्याओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए आश्वस्त किया है कि वह अधिकतम मानदेय बढ़ाने की मांग कैबिनेट में रखेंगी। अन्य समस्याओं पर सकारात्मक रवैया दिखाते हुए पूरा करने का आश्वासन दिया।इस अवसर प्रांतीय अध्यक्ष जानकी चौहान, जिला महामंत्री रजनी गुलेरिया, जिला अध्यक्ष ज्योतिका पांडे, पौड़ी से जिला अध्यक्ष मंजू उनियाल के साथ ही अन्य यूनियन के पदाधिकारी और कार्यकत्रियां उपस्थित थीं।
ये हैं मांगे
1- आंगनवाड़ी /हेल्पर को कर्मचारी घोषित करने तथा कार्यकत्री को ग्रेड 3 तथा हेल्पर को ग्रेड 4 का दर्जा दिया जाए।
2- आंगनवाड़ी कार्यकत्री को 21000 रूपये, हैल्पर को 18000 रूपये दिया जाए।
3-मिनी आंगनवाड़ी को समान कार्य का समान वेतन दिया जाए।
4-आंगनवाड़ी कार्यकत्री/सेविकाओं को 100 प्रतिशत पदोन्नति मिले तथा आयु सीमा हटायी जाए।
5- महाराष्ट्र की तरह ईएसआई /ग्रेज्युटी दी जाए।
6-आंगनवाड़ी केंद्रों को प्री प्राईमरी घोषित किया जाए।
7-सभी बकाया राशि का भुगतान किया जाए।
8-आंगनवाडियों की बेटियों को नन्दादेवी /गौरादेवी योजनाओं का लाभ दिया जाए।
9-कटा हुआ अशंदान का भुगतान दिया जाए।
10-पोषण ट्रेकर ऐप से सूचनाएं एवम डेटा लीकेज हो रहा है। इसलिए इस ऐप को बन्द किया जाए।