गर्भवती में एनीमिया का बढ़ रहा प्रकोप, नहीं दिया ध्यान तो जा सकती है जान, करें ये उपायः डॉ. सुजाता संजय

गर्भवती महिलाओं में एनीमिया का प्रकोप ज्यादा देखने को मिलता है। ऐसे में सजग रहने की जरूरत होती है। देहरादून में संजय ऑर्थोपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेन्टर जाखन में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता संजय का कहना है कि यदि गर्भवती महिला को एनिमिया की शिकायत रहेगी तो जन्म वाले बच्चे पर भी इसका असर पड़ेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जन्म लेने वाले बच्चे पर भी पड़ता है असर
राष्ट्रपति की ओर से सम्मानित डॉ. सुजाता संजय के मुताबिक, मानव शरीर में लौह तत्वों की कमी एनीमिया का मुख्य कारण है। इससे ज्यादातर महिलाएं और बच्चे पीड़ित होते हैं। इसके शिकार किसी भी मौसम में हो सकते हैं। इसकी अनदेखी खतरनाक हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान खून की कमी की वजह से गर्भवती महिला को समय से पहले प्रसव दर्द होना आम बात है। उन्होंने बताया कि खून की कमी की वजह से शिशु भी कम वजन वाला और कमजोर पैदा होता है और कई बार खून की कमी की वजह से प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत भी हो जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रखें ये ध्यान
जच्चा-बच्चा स्वस्थ्य रहे, इसके लिए गर्भावस्था में महिलाओं को आयरन, विटामिन, मिनरल की ज्यादा जरूरत होती है। भोजन में पोषक तत्वों की कमी महिलाओं को एनीमिक बना देती है। एक स्वस्थ महिला में हिमोग्लोबिन की मात्रा 12 ग्राम होनी चाहिए। डॉ. सुजाता संजय के अनुसार, महिलाओं को गर्भावस्था में सबसे बड़ा खतरा एनीमिया का होता है। महिलाओं को खान-पान में पोषक तत्वों का अभाव रहने की वजह से मातृ मृत्यु-दर के अधिकतर मामलों में खून की कमी प्रमुख कारण बनती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शरीर में ना होने दें आयरन की कमी
शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने के लिए अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ आयरन की भी जरूरत होती है। आयरन ही हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। यह कोशिकाएं ही शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने का काम करती हैं। हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में आक्सीजन पहुंचाता है। इसलिए आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इसकी वजह से कमजोरी और थकान महसूस होती है, इसी स्थिति को एनीमिया कहते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस तरह की हो सकती हैं दिक्कत
उन्होंने बताया कि गर्भवती महिला में खून की कमी जन्म लेने बच्चे के लिए काफी घातक साबित हो सकती है। इसमें शिशु जन्म के दौरान माँ की मौत, प्रीमेच्योर बच्चा पैदा होना, जन्म के वक्त बच्चे का वजन काफी कम होना, मृत बच्चे का भी जन्म लेना और बच्चे के दिमाग पर भी असर पड़ सकता है। एक अध्ययन में यह भी देखने को मिला कि मलिन बस्तियों की महिलाओं को आयरन की गोलियां के बारे में तो जानकारी होती है, लेकिन वह एनिमिया से अंजान होती हैं। इसलिए वे गोली खाने के प्रति जागरूक नहीं रहती हैं। उनमें जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आहार पर दें ध्यान
डॉ. सुजाता संजय ने कहा कि यदि आहार पर ध्यान दिया जाए तो एनिमिया से बचा जा सकता है। ऐसे में गर्भावस्था में महिलाओं को संतुलित आहार लेना आवश्यक होता है। जैसे पत्ते वाली हरी साग-सबिजयां खाना चाहिए। साथ ही मौसमी फलों के सेवन के साथ टमाटर, चुकदंर, पीन खजूर, गुड़, सेब, दूध आदि का सेवन जरूर करना चाहिए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।