कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए दिशानिर्देश, राज्यों को दी ये सलाह
भारत में एक बार फिर से कोरोना के नए मामलों में उछाल आने से स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंता भी बढ़ गई है। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने फिर से राज्यों को दिशा निर्देश जारी किए हैं।
भारत में एक बार फिर से कोरोना के नए मामलों में उछाल आने से स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंता भी बढ़ गई है। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने फिर से राज्यों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसमें केंद्र ने केंद्र ने राज्यों से अस्थायी अस्पताल बनाने, होम आइसोलेशन की निगरानी बढ़ाने और ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच विशेष टीमें गठित करने को कहा है। देश में कोरोना के रोजाना के मामले 22 हजार के भी पार कर गए हैंय़ देश में कोरोना के मामले दूसरी लहर के बाद छह हजार के निचले स्तर पर आ गए थे, लेकिन ओमिक्रॉन वैरिएंट की दस्तक के बाद ये फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। क्रिसमस, नए साल पर बाजारों, सार्वजनिक स्थानों पर भारी भीड़ के बीच ये मामले बढ़े हैं। दिल्ली और मुंबई में ओमिक्रॉन समेत कोविड के मामलों में तेज इजाफा हुआ है।भारत में शनिवार को पिछले 24 घंटे में 22,575 कोरोना केस दर्ज किए गए हैं. इससे कोरोना की तीसरी लहर आने का अंदेशा भी गहराता जा रहा है। दिल्ली में तो सामुदायिक संक्रमण फैलने का भी विशेषज्ञों ने दावा किया है। दिल्ली सरकार ने बढ़ते संक्रमण के बीच यलो अलर्ट के तहत तमाम पाबंदियां लागू कर दी हैं। आंकड़े बताते हैं कि घनी आबादी वाले महानगरों जैसे नई दिल्ली, देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई, कोलकाता में कोरोना के मामलों में तेज उछाल आया है।
भारत में पिछले साल अप्रैल-मई के दौरान कोरोना की दूसरी बेहद भयावह लहर आई थी। इसमें रोजाना के मामले चार लाख के भी पार कर गए थे। उस दौरान लाखों लोगों की कोविड से मौत हुई थी। इसमें बहुत से मरीज अस्पतालों में इलाज या ऑक्सीजन न मिलने के कारण मारे गए थे। इस दौरान जगह जगह अस्थायी कोविड-19 अस्पताल बनाए गए थे। उत्तराखंड में तो विधायक निधि से एक करोड़ ऐसे अस्पतालों के लिए खर्च करने की छूट थी। अब वो अस्पताल किस हालत में हैं, ये विधायक ही बता पाएंगे। क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर हल्की होने के बाद सारी व्यवस्थाएं फिर से पुराने ढर्रे पर आ गई थी। सरकार के साथ ही नेता लापरवाह होने लगे।




