गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध के बीच भारत ने पश्चिमी देशों को चेताया, कहीं कोरोना वैक्सीन की तरह ना हो गेहूं का हाल

उच्च स्तरीय बैठक में, भारत ने 13 मई की घोषणा के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र में गेहूं निर्यात प्रतिबंध के मुद्दे पर बात की। मुरलीधरन ने कहा कि भारत सरकार ने गेहूं की वैश्विक कीमतों में अचानक हुई वृद्धि को मान्यता दी है। इसने हमारी खाद्य सुरक्षा और हमारे पड़ोसियों और अन्य कमजोर देशों की खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि खाद्य सुरक्षा पर इस तरह के प्रतिकूल प्रभाव को प्रभावी ढंग से कम किया जाए।
इस बैठक पर एक ट्वीट करते हुए विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने लिखा कि महामहिम की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र में मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेकर खुश हूं। भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने में अपनी उचित भूमिका निभाएगा, जिसमें वे समानता बनाए रखेगा, करुणा प्रदर्शित करेगा और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देगा।
Delighted to participate in Ministerial Meeting at UN, chaired by H.E. @SecBlinken on “Global Food Security- Call to Action”.
India will play its due role in advancing global food security, in which it will uphold equity, display compassion & promote social justice. https://t.co/rmkTGq21FK pic.twitter.com/MkAS45i0B0
— V. Muraleedharan (@MOS_MEA) May 18, 2022
बैठक में उन्होंने कहा कि अपनी समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने और पड़ोसी और अन्य कमजोर विकासशील देशों की जरूरतों का समर्थन करने के लिए, हमने 13 मई 2022 को गेहूं के निर्यात के संबंध में कुछ उपायों की घोषणा की है। मैं यह स्पष्ट कर दूं कि ये उपाय उन देशों को अनुमोदन के आधार पर निर्यात की अनुमति देते हैं, जिन्हें अपनी खाद्य सुरक्षा मांगों को पूरा करना आवश्यक है। यह संबंधित सरकारों के अनुरोध पर किया जाएगा. ऐसी नीति सुनिश्चित करेगी कि हम वास्तव में उन लोगों को जवाब दें जिन्हें सबसे ज्यादा जरूरत है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।