अंबेडकर जयंती 14 अप्रैल को, अपनी सुविधानुसार एक दिन पहले मना ली जयंती

अंबेडकर जयंती 14 अप्रैल को है, इस दिन जयंती मनाने की बजाय अब लोग अपनी सुविधा के अनुसार जयंती मना रहे हैं। जयंती के दिन राष्ट्रीय अवकाश है तो कौन भला जयंती मनाने दफ्तर जाएगा। अब तो ऐसा मजाक भी होने लगा है। पहले स्वाधीनता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोह को निजी स्कूलों में एक दिन पहले मनाने के समाचार देखने को मिलते थे। अब तो देश के संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती को ही एक दिन पहले मना दिया गया।
देहरादून में राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान में अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मुख्य अतिथि एवं उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का जीवन दर्शन समूचे विश्व के लिए आज भी प्रासंगिक है। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने अपने जीवनकाल में अनेकों संघर्षों का सामना करते हुए विपरीत परिस्थितियों में उत्तम शिक्षा प्राप्त कर विश्व में अपना नाम रोशन किया। डॉ भीमराव अंबेडकर ने भारतीय संविधान का निर्माण किया जो भारत के चौमुखी विकास के लिए खरा उतर रहा है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि देश की सभी सरकारों द्वारा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का सम्मान किया गया, किंतु भारतरत्न डॉ भीमराव अंबेडकर के जीवनकाल में मिल जाना चाहिए था, जो वर्ष 1991 में प्रदान किया गया। भीमराव अंबेडकर जी द्वारा प्रतिपादित महिला उत्थान के लिए सकारात्मक योजनाएं आज भारत की सफलता की सूचक बन गई।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जीवन दर्शन हमारे सभी पाठ्यक्रमों में अवश्य होना चाहिए। भीमराव अंबेडकर जी के सम्मान के लिए पूर्व में भी अनेक कार्य किए गए। मैंने विधानसभा अध्यक्ष के रुप में कार्यभार संभालने के बाद विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अपने कमरे में, समस्त मंत्रियों के कमरे में तथा विधानसभा की गैलरी में और सभी सरकारी कार्यालयों में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के चित्र को प्रतिष्ठित करवाया। जिससे हमें उनके जीवन दर्शन से सदैव प्रेरणा मिलती रहे।
समारोह में विशिष्ट अतिथि अस्थि रोग विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ डीके संजय ने पावर प्वाइंट प्रोजेक्शन के माध्यम से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के जीवन दर्शन को बहुत प्रभावी स्वरूप में प्रस्तुत किया। उनका कहना था कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर किसी वर्ग जाति या संप्रदाय की नहीं, अपितु संपूर्ण मानवता के उत्थान के लिए समर्पित रहने वाले महामानव से जिनके जीवन का प्रत्येक क्षण हम सभी के लिए प्रेरणा का आधार है।
डॉ बीके संजय ने भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जीवन दर्शन से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए ऐसी कामना की। संस्थान के वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी मनीष वर्मा और सहायक प्राध्यापक डॉ जसमेर सिंह ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि का पुष्प गुच्छ से स्वागत किया।
संस्थान के सहायक प्राध्यापक शिक्षाविद डॉक्टर जसमेर सिंह ने बताया कि हमारे संस्थान द्वारा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के जीवनदर्शन से प्रभावित होकर उनके नाम पर एक बड़ा छात्रावास तैयार किया और उनके जीवन दर्शन पर ऑडियो सीडी भी तैयार की है। संस्थान की ओर से डॉ अम्बेडकर के जीवन दर्शन पर तैयार सीडी का सेट भी अतिथियों को भेंट किया गया। इस अवसर पर संस्थान के कुछ अधिकारियों को श्री मनीष वर्मा, डॉ जसमेर सिंह, चेतना गोला, सविता आनंद, वीना सिंह, पूर्णिमा शर्मा, बीना, योगेश अग्रवाल,जगदीश लखेड़ा, सतीश चंद्र,पवन शर्मा,आमोद सिंह, आदि अनेक अधिकारियों को सम्मानित भी किया गया। समारोह का संचालन योगेश अग्रवाल जनसंपर्क अधिकारी राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान देहरादून ने किया।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।