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September 10, 2025

एलिवेटेड रोड को लेकर जनसुनवाइयों में अनियमितता का आरोप, जन संगठनों ने जिला प्रशासन को दिया ज्ञापन

देहरादून में एलीवेटेड रोड को लेकर की जा रही है जनसुनवाइयों में विभिन्न जनसंगठनों ने अनियमितता का आरोप लगाया। उनका कहना है कि जनसुनवाइयों में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की दखल, आम नागरिकों को बोलने से रोकने और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। डीएम कार्यालय पहुंचे जन संगठनों के प्रतिनिधियों ने डीएम और एडीम की गैर मौजूदगी में एसडीएम कुमकुम जोशी से मुलाकात की और उन्हें जनसुनवायों में नियमों का उल्लंघन किए जाने संबंधी शिकायत की। साथ ही उन्हें ज्ञापन सौंपा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गौरतलब है कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदी के ऊपर एलिवेटेड रोज बनाने का प्रस्ताव है। इस परियोजना के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी पारित कर दिया है। वहीं, कई विपक्षी दलों के साथ ही सामाजिक संगठनों की ओर से इन सड़कों का विरोध हो रहा है। उनका कहना है कि बड़ी संख्या में पेड़ों के कटाने से देहरादून का पर्यावरण बिगड़ेगा। साथ ही नदी किनारे की बस्तियों के कई घरों में बुलडोजर चलेगा। मांग ये भी की जा रही है कि प्रभावितों को समुचित मुआवजा दिया जाए और उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कई माह से इस परियोजना को लेकर प्रदर्शन भी हो रहे हैं। वहीं, ये मामला हाईकोर्ट भी पहुंच गया है। हाईकोर्ट के निर्देश पर अब प्रभावित इलाकों में जनसुनवाई हो रही है। इसमें प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही विभिन्न विभागों के अधिकारी पहुंच रहे हैं। वहीं, स्थानीय लोग भी मौके पर पहुंचकर अपना पक्ष रख रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जन संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना था कि एलिवेटेड रोड की जनसुनवाई में जनता को बोलने नहीं दिया जा रहा है। सत्ताधारी पार्टी के पार्षद, महिला पार्षदों के पति और विधायकों के लंबे-लंबे भाषण हो रहे हैं। जो लोग एलिवेटेड रोड के खिलाफ अपनी बात रखने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें जबरन बोलने से रोका जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रतिनिधियों ने कहा कि छह सितंबर को कांवली गांव में हुई जनसुनवाई में प्रभावित बस्ती वालों के साथ ही सामाजिक संगठनों के लोगों को बोलने से रोका गया। कुछ प्रतिनिधियों ने बोलने का प्रयास किया तो मंच पर मौजूद पार्षदों और विधायकों ने उन्हें धमकाया और बाहरी कहकर जनसुनवाई से बाहर जाने की धमकी दी। इस मामले में राजपुर रोड विधायक खदानदास का नाम खास तौर पर लिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रतिनिधियों ने कहा की जनसुनवाई नियमानुसार नहीं हो रही है। किसी भी जनसुनवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं की जा रही है, जबकि यह अनिवार्य है। जन संगठनों से जुड़े एक सदस्य का कैमरा एक महिला पार्षद द्वारा तोड़ने का प्रयास किया गया, क्योंकि वे वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे। प्रशासन से इस तरह की अनियमितताओं पर तुरंत रोक लगाने और जनसुनवाई में जनता का पक्ष सुनने की मांग की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में कमला पंत, चंद्रकला, जया सिंह, नंदनंदन पांडेय, त्रिलोचन भट्ट, डॉ. एसएन सचान, लताफत हसैन, प्रो. राघवेंद्र, तुषार रावत, मैहन खत्री, हरिओम पाली, पद्मा गुप्ता, विजय नैथानी, हिमांशु अरोड़ा, विमला कोली आदि मौजूद थे।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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