आल इंडिया एसोशियेशन आफ नॉनगजेटेड आफीसर्स की नेशनल काउंसिल की बैठक, सरकार की इन योजनाओं का किया विरोध
रक्षा मंत्रालय के अधीन रक्षा कारखानों के अधिकारियों की संस्था आल इंडिया एसोशियेशन आफ नॉनगजेटेड आफीसर्स की नेशनल काउंसिल की बैठक देहरादून में सम्पन्न हुई। इसमें रक्षा कारखानों में कार्यरत नान गजेटेड अधिकारियों की समस्याओं और उनके हल पर गहन मंथन किया गया। इस दौरान विभिन्न रक्षा कारखानों से आए अधिकारियेां ने अपने अपने विचार व्यक्त करते हुए नयी पेशन स्कीम, निगमीकरण व अन्य प्रकार के सरकारी कुठाराघातों का जमकर विरोध किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दो सत्रों में आयोजित इस नेशनल काउंसिल मीटिंग के पहले सत्र का उद्घाटन मुख्य अतिथि एवं आईओएल के वरिष्ठ महाप्रबंधक रंजीत सिन्हा, देहरादून कैंट की विधायक सविता कपूर ने दीप जलाकर सयुंक्त रूप से किया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि सरकार की नीतियां कर्मचारियो के विरोध में है, लेकिन समय की मांग के अनुसार हमको अपने आप को बदलना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि सरकार से हम मांग करते हैं कि वह कर्मचारियों की मांग पर गंभीरता से विचार करे। वरिष्ठ महाप्रबंधक रंजीत सिन्हा ने कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए उनके स्तर से जो भी होगा, वह करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हमें सभी निर्माणियों के भविष्य को ध्यान में रखकर काम करना है और समय की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विशिष्ट अतिथि विधायक सविता कपूर ने कर्मचारियों को शुभकामनायें देते हुए कहा कि कर्मचारियों की जो जायज मांगें है, उनको स्वीकार किया जाना चाहिए। उनके स्तर से जो भी हो सकेगा, वह उसके लिए हर समय तैयार रहेंगी। अतिथि वरिष्ठ महाप्रबंधक विपुल सिंन्हा और पंकज गोयल ने भी कार्यक्रम के आयोजकों को शुभकामनायें देते हुए हर संभव सहयोग की बात कही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक के दूसरे सत्र में कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया और उनके समाधान की मांग की गयी। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने आयुध कारखानों का निजीकरण कर कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी किसी भी रूप में कारपोरेशन स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के मांग है कि जो कर्मचारी वर्तमान में आयुध निदेशालय और आयुध कारखानों में काम कर रहे हैं, उनको पूर्व की भांति केन्द्रीय कर्मचारी ही माना जाए, पदोन्नतियों को समय से किया जाए और इसके लिए डीपीसी समय से की जाए ताकि कर्मचारियों को नियत तिथि से ही पदोन्नति का लाभ मिल सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके साथ ही सभी रक्षा कर्मचारियों को सीएसडी से कार की सुविधा दी जाए। जैसा की सेना व अर्धसैनिक बलों के जवानों को मिलती है। कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस को समाप्त कर पुरानी पेंशन स्कीम में लाया जाए और इसके लिए जल्द से जल्द कार्रवाई शुरू करायी जाए। आयुध निर्माणियों में रिक्त पदों को भरा जाए ओर मृतक आश्रितों को समय से पूर्व की भांति नियुक्तियां दी जाए। इस बैठक में सबसे अहम मुद्दा यह रहा कि आयुध निर्माणी बोर्ड के निगमीकरण को समाप्त कर इसको पुराने अस्तित्व में लाने की मांग की गयी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में कुल आठ प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किए गये और भविष्य में उनको कार्यन्वित करने के लिए रणनीति तय की गयी। इस अवसर पर पूर्व दर्जा धारी राज्यमंत्री राजकुमार पुरोहित, पंकज गोयल, एसोशियेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एल जयवर्धन रेडी, महामंत्री अजय, गिरीशी उप्रेती, उमाशंकर शर्मा, सुदेश कुमार , राजकुमार राधव, कुलदीप, अनिल कुमार, योगेन्द्र सिंह, डीके शर्मा, जितेन्द्र कुमार दुबे, समेत एसोशियेशन के सभी ईकाईयों के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।