विभिन्न स्कूल-कॉलेजों में पहुंचा एम्स का ट्रॉमा रथ, दोपहिया चलाने के दौरान हेलमेट के उपयोग के लिए किया जागरूक

कार्यक्रम में ट्रॉमा विशेषज्ञों ने बताया कि मार्ग में दुर्घटना होने की स्थिति में हमें सबसे पहले 108 नंबर पर फोन कर घायल व्यक्ति की जान बचाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने बताया कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को सबसे पहले मौके पर ही प्राथमिक आघात चिकित्सा की जरूरत होती है। छात्र-छात्राओं को दिए गए प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि बेहोश व्यक्ति को सबसे पहले गंभीर अवस्था से बाहर लाना होता है। साथ ही रूमाल या कोई कपड़ा बांधकर उसके शरीर से बह रहे रक्त को रोकना बहुत जरूरी है। ताकि अस्पताल पहुंचने तक अत्यधिक रक्तस्राव की वजह से उसकी जान को ज्यादा जोखिम न हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह भी बताया गया कि दुर्घटना में शरीर की कोई हड्डी फ्रैक्चर हो जाने की स्थिति में घायल व्यक्ति को किस प्रकार मैनेज किया जाता है। इसके अलावा प्रस्तुत किए गए स्कूल हेल्थ अवेरनेस प्रोग्राम के तहत हेलमेट पहनने के लाभ और इसकी उपयोगिता समझाई गई। सड़क दुर्घटना के दौरान हेलमेट नहीं होने की स्थिति में क्या-क्या नुकसान हो सकता है, इस बारे में भी विद्यार्थियों को बारीकी से जानकारी दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ट्रॉमा विशेषज्ञों ने बताया कि दुपहिया सवार व्यक्ति द्वारा पहना गया हेलमेट ही उसका जीवन रक्षक कवच है। सड़क दुर्घटना के दौरान घायल व्यक्ति के साथ की जाने वाली बचाव प्रक्रिया और अन्य मेडिकली सावधानियों को भी प्रशिक्षण में समझाया गया। आघात चिकित्सा के प्रति छात्र-छात्राओं को जागरुक करने और प्रशिक्षित करने के लिए एम्स के ट्रॉमा रथ ने तहसील क्षेत्र के डीएसबी स्कूल गुमानीवाला, एनडीएस स्कूल श्यामपुर और रेडफोर्ट पब्लिक स्कूल टिहरी विस्थापित क्षेत्र निर्मल बाग में भी जन-जागरुकता के कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विभिन्न स्थानों पर हुए कार्यक्रम के दौरान ट्रॉमा रथ के प्रभारी व एम्स के ट्रॉमा सर्जन डॉ. मधुर उनियाल, डॉ. अजय कुमार व डॉ. भास्कर सरकार, ट्रॉमा विभाग के एएनएस महेश देवास्थले, डीएनएस कमलेश बैरवा, शशिकांत समेत नर्सिंग प्रोफेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (एनडीपीए) के सदस्य मौजूद रहे।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।