एम्स सोशल आउटरीच ने किया वेलनेस टीम का गठन, 13 जुलाई को शुरू होगा इंटिग्रेटेड मेडिसिन विभाग
एम्स ऋषिकेश सोशल आउटरीच सेल द्वारा गठित वेलनेस टीम अब अस्पताल परिसर में परेशान व पीड़ा से ग्रसित रोगियों का सहारा बनेगी। इसके तहत ऐसे मरीजों को भावनात्मक सहयोग प्रदान करेगी। सोशल आउटरीच सेल ने एम्स अस्पताल में आने वाले बुजुर्ग, दिव्यांग जनों तथा दूर -दराज से आने वाले मरीजों के सुख -दुःख का साथी बनने तथा उन्हें बीमारी की अवस्था में भावनात्मक रूप से सहयोग देने के लिए वेलनेस टीम का गठन किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह द्वारा बताया गया कि एम्स में दिन प्रतिदिन वाह्य रोगी विभाग (ओ.पी.डी.) में आने वाले मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है, जिसमें दूर-दराज से आने वाले मरीज की संख्या अधिक है। साथ ही जब किसी परिवार का कोई सदस्य बीमार हो जाता है तो इससे परिवार के सभी सदस्य मानसिक एवं शारीरिक तौर पर किसी न किसी रूप में प्रभावित होते हैं। ऐसी स्थिति में परिवार को संबल देने व बीमार व्यक्ति व उनके पारिवारिक जनों की सहायता करने के लिए तो इस प्रभावित दौर को कम करने के उद्द्देश्य से वेलनेस टीम का विधिवत गठन किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गठित टीम में वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन के सदस्यों को खासतौर से शामिल किया गया है। वेलनेस टीम के सदस्य एम्स ऋषिकेश परिसर के अंदर कार्य करने के साथ साथ भारत सरकार एवं राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं से लोगों को लाभान्वित करने हेतु जागरूक करेंगे व उन्हें आयुष्मान भारत योजना का लाभ,जन औषधि केंद्र से दवाई उपलब्ध कराने,नए पंजीकरण के कार्य में अपना सहयोग प्रदान करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर (डॉ.) जया चतुर्वेदी द्वारा बताया गया कि किसी व्यक्ति को सामजिक, व्यवहारिक,मानसिक, शारीरिकतौर पर स्वस्थ्य रहना अति आवश्यक है। इस वेलनेस टीम के सदस्य अपने जीवन में अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य कर चुके हैं। जिनका अनुभव एवं सहयोग एम्स में आने वाले असहाय लोगों अथवा जिन रोगियों के साथ कोई भी तीमरदार नहीं रहता है, उनके दुख को कम करने के लिए संपूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। इसके साथ ही जेरियाट्रिक मेडिसिन विभाग की हेड डॉ. मीनाक्षी धर ने कहा कि सीनियर सिटीजन्स की वेलबीइंग के लिए उनका विभाग पूर्णतः समर्पित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संस्थान के वेलनेस एक्सपर्ट और सोशल आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि एक अध्ययन के तहत 30 से 40 फीसदी मरीज जीवन में अपरिहार्य कारणों से उत्पन्न तनाव, गृहक्लेश तथा अनावश्यक कारणों से परेशान रहते हैं, जिससे इनकी बीमारी की पीड़ा कई गुना अधिक बढ़ जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डॉ. संतोष कुमार द्वारा बताया गया कि यह वेलनेस टीम प्रत्येक कार्य दिवस पर सुबह 9 बजे से 11 बजे तक अस्पताल परिसर में उपस्थित रहेगी, जिससे अनजान व अस्पताल से नावाकिफ मरीजों को उचित जानकारी देना,परेशान एवं असहाय रोगियों को सौहार्द पूर्ण वातावरण के साथ -साथ सहयोग, किसी व्यक्ति के परिजन के साथ हादसा होने पर सांत्वना देना एवं परेशान मरीजों के साथ व्यवहारिक एवं मनोवैज्ञानिक तरीके से उनकी परेशानी को सुनकर चिकित्सकों तक पहुंचाना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लिहाजा एम्स अस्पताल में आने वाले कोई भी बुजुर्ग, बीमार व्यक्ति अपना दुख-दर्द इनके साथ साझा कर सकते, उचित सहयोग ले सकते हैं। वेलनेस टीम में वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन के सदस्य ब्रह्म कुमार शर्मा, अशोक आर्या, प्रमोद कुमार जैन, अशोक कुमार रस्तोगी के साथ ही एम्स ऋषिकेश आउटरीच सेल के सदस्य अमनदीप नेगी आदि शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एम्स ऋषिकेश में 13 जुलाई से शुरू होगा इंटिग्रेटेड मेडिसिन विभाग
इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश आने वाले रोगियों को अब आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का भी लाभ मिलेगा। इसके लिए एम्स के आयुष विभाग में इंटीग्रेटिव मेडिसिन विभाग की स्थापना की गयी है। इसमें पंचकर्मा की सुविधाएं भी शामिल हैं। एक सप्ताह बाद 13 जुलाई को एम्स के आयुष भवन में इसका उद्घाटन प्रस्तावित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हमारी आबादी का एक तबका जीवन शैली से जुड़ी कुछ ऐसी बीमारियों से ग्रसित है जिनका पूर्ण उपचार किसी एक चिकित्सा पद्धति से संभव नहीं है। इस प्रकार की बीमारियों में अलग-अलग चिकित्सा पद्धतियों के सहयोग की जरूरत महसूस होती है। एम्स ऋषिकेश में अब इस प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों का इलाज एक ही स्थान पर हो सकेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
केन्द्र सरकार की पहल पर इसे ध्यान में रखते हुए संस्थान में इंटीग्रेटिव (एकीकृत) मेडिसिन विभाग की एक अलग डिवीजन बनाई जा रही है। उल्लेखनीय है कि एम्स में आयुष विभाग की सेवाएं पूर्व में भी संचालित की जा रही थीं, लेकिन वर्ष 2019 में कोविड काल के दौरान इसे बंद करना पड़ा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस बाबत एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉक्टर) मीनू सिंह ने बताया कि मरीजों को अधिकाधिक स्वास्थ्य लाभ देने के उद्देश्य से संस्थान के आयुष भवन में इंटीग्रेटिव मेडिसिन केन्द्र खोला जायेगा जहां अलग-अलग चिकित्सा पद्धतियों को मिलाकर मरीजों का उपचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ कई बीमारियों में आयुर्वेदिक और पारंपरिक चिकित्सा पद्धति भी लाभकारी सिद्ध हुई है। ऐसे में इंटीग्रेटिव मेडिसिन विभाग के अंतर्गत ऐसी बीमारियों का साक्ष्य आधारित इलाज होने के साथ-साथ इसमें अनुसंधान कार्य भी हो सकेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
साथ ही इस विभाग द्वारा पारंपरिक दवाओं और योग को आगे बढ़ाने का कार्य भी किया जाएगा। प्रोफेसर (डा.) मीनू सिंह ने बताया कि इस केन्द्र में आयुर्वेद से संबन्धित पंचकर्मा जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं भी शुरू की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि समावेशी स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने की दिशा में यह विभाग मरीजों के बेहतर इलाज के लिए बहुलाभकारी सिद्ध होगा। केन्द्र का उद्घाटन 13 जुलाई को केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डा भारती प्रवीण पवार करेंगी।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।