Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

October 14, 2025

बच्चों को कोरोना के टीकाकरण की पीएम मोदी की घोषणा को एम्स के स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने कहा अवैज्ञानिक, जानिए कारण

पीएम ने शनिवार को ऐलान किया था कि देश में 3 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन का कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा। एम्स के सीनियर महामारी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजय के. राय ने बच्चों को कोविड रोधी टीका लगाने के केंद्र सरकार के निर्णय को अवैज्ञानिक बताया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बच्चों को कोरोना के टीके लगाने की घोषणा पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ही सवाल खड़े कर दिए हैं। पीएम ने शनिवार को ऐलान किया था कि देश में 3 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन का कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा। एम्स के सीनियर महामारी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजय के. राय ने बच्चों को कोविड रोधी टीका लगाने के केंद्र सरकार के निर्णय को अवैज्ञानिक बताया। उनका कहना है कि इससे कोई लाभ नहीं होगा। एम्स में वयस्कों और बच्चों पर कोवैक्सीन टीके के टेस्ट के मुख्य जांचकर्ता और ‘इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन’ के अध्यक्ष राय ने कहा कि इस निर्णय पर अमल करने से पहले बच्चों का टीकाकरण शुरू कर चुके देशों के डेटा का भी अध्ययन करना चाहिए था।
वहीं बच्चों के वैक्सीनेशन के समर्थकों का कहना है कि इस कदम से स्कूल और कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की चिंता कम होने और महामारी से लड़ने में मजबूती मिलेगी। इससे स्कूलों में पढ़ाई को दोबारा शुरू कर पाने में मदद मिलने की उम्मीद है। राय ने PMO को टैग करते हुए ट्वीट किया कि मैं देश की नि:स्वार्थ सेवा और सही समय पर सही निर्णय लेने के लिए पीएम मोदी का बड़ा प्रशंसक हूं, लेकिन मैं बच्चों के टीकाकरण के उनके अवैज्ञानिक निर्णय से पूरी तरह निराश हूं।
उन्होंने कहा कि किसी भी निर्णय का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए। वैक्सीनेशन का उद्देश्य या तो कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम है या गंभीरता अथवा मृत्यु को रोकना है। राय ने से कहा, टीकों के बारे में हमारे पास जो भी जानकारी है, उसके अनुसार वे संक्रमण के मामलों में महत्वपूर्ण कमी लाने में असमर्थ हैं। कुछ देशों में, लोग बूस्टर खुराक लेने के बाद भी संक्रमित हो रहे हैं। ब्रिटेन में टीका लगवाने के बाद भी संक्रमित होने के रोजाना 50,000 मामले सामने आ रहे हैं। वैक्सीनेशन कोरोना वायरस संक्रमण को नहीं रोक रहा है, लेकिन टीके संक्रमण की गंभीरता और मृत्यु को रोकने में प्रभावी हैं।
विशेषज्ञों ने कहा है कि संवेदनशील आबादी के बीच कोविड​​​​-19 के कारण मृत्यु दर लगभग 1.5 प्रतिशत है। इसका अर्थ है कि प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 15,000 लोगों की मौत। वैक्सीनेशन के जरिये हम इनमें से 80-90 प्रतिशत मौतों को रोक सकते हैं। इसका अर्थ है कि प्रति दस लाख (जनसंख्या) में 13 से 14 हजार मौतों को रोका जा सकता है। टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव के मामले प्रति दस लाख आबादी पर 10 से 15 के बीच होते हैं।
राय ने कहा, अगर वयस्कों के बीच वैक्सीनेशन के जोखिम और लाभ का अध्ययन करते हैं, तो यह एक बड़ा फायदा साबित होगा। बच्चों के मामले में संक्रमण की गंभीरता बहुत कम होती है और सार्वजनिक आंकड़ों के अनुसार, प्रति 10 लाख जनसंख्या पर केवल 2 मौतें हुई हैं।
पीएम मोदी ने किए थे ये तीन ऐलान
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के देश में बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार तीन बड़े ऐलान किए थे। इसके तहत अब अगले साल तीन जनवरी से 15 से 18 साल की आयु के बीच के किशोरों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके अलावा 10 जनवरी से हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर को एहतियात के तौर पर बूस्टर डोज दी जाएगी। हालांकि पीएम मोदी ने ‘बूस्टर डोज’ का जिक्र ना करते हुए, इसे ‘प्रीकॉशन डोज’ (एहतियाती खुराक) का नाम दिया। तीसरा ऐलान है कि अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 वर्ष की आयु से ऊपर के लोग भी डॉक्टर की सलाह पर ‘प्रीकॉशन डोज’ (एहतियाती खुराक) ले सकते हैं।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *