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March 13, 2025

एम्स के विशेषज्ञों ने वर्चुअली जुड़े देश भर से जुड़े लोगों को दी कोरोना से संबंधित जानकारी

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश की ओर से कोरोना से संबंधित जानकारी देने के लिए "कम्युनिटी संवाद फॉर कोविड-19 पैनडेमिक" कार्यक्रम ऑनलाइन मोड में आयोजित किया।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में गठित कोविड -19 कम्युनिटी टास्क फोर्स की ओर से आयोजित कम्युनिटी संवाद कार्यक्रम में राज्य ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों के नागरिकों को कोविड संक्रमण, बचाव एवं उपचार को लेकर जागरुक किया गया। इसके तहत उन्नत भारत अभियान-क्षेत्रीय समन्वय संस्थान, आईआईटी रुड़की की ओर से कोविड से बचाव व उपचार संबंधी प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से “कम्युनिटी संवाद फॉर कोविड-19 पैनडेमिक” कार्यक्रम ऑनलाइन मोड में आयोजित किया।
इसमें आईआईटी रुड़की के उप निदेशक प्रो. एम. परीदा ने बताया कि वर्तमान समय में कोविड19 बीमारी गांवों में भी तेजी से अपने पैर पसार रही है, ऐसे में ग्रामीणों को इस बीमारी के प्रति सतर्क रहने की नितांत आवश्यकता है। कहा कि सही जानकारी होने से इस रोग से प्रभावित व्यक्ति चिकित्सक द्वारा बताए गए उपायों को अपनाकर बीमारी से आसानी से निजात पा सकते हैं। उन्नत भारत अभियान निरंतर इस प्रकार के जागरुकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, जिससे ग्रामीणों व किसानों को इस भयावह दौर में कोविड के संक्रमण से सुरक्षा संबंधी संपूर्ण लाभ प्राप्त हो सके।
लक्षण के संबंध में बताया एम्स की कम्युनिटी टास्क फोर्स के नोडल ऑफिसर डा. संतोष कुमार ने बताया कि कोविड-19 से संबंधित लक्षण जैसे- हल्का अथवा तेज बुखार आना, सिरदर्द, बदन दर्द, मितली अथवा उल्टी आना, गले में खराश, सूखी खांसी आदि हैं। इनमें से किसी एक अथवा कई लक्षण एकसाथ दिखाई देने पर तत्काल संबंधित व्यक्ति को सबसे पहले अपने परिवार से खुद को आइसोलेट यानी अलग कर लेना चाहिए। इससे बीमारी का संक्रमण परिवार के अन्य सदस्यों को नहीं फैल सकेगा।
ना बीमारी छिपाएं, ना ही घबराएं
उन्होंने आगाह किया कि किसी भी तरह की बीमारी को हरगिज छिपाना नहीं चाहिए। मरीज को किसी भी बीमारी से ग्रसित होने की अवस्था में बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए। उन्होंने बताया कि एम्स ऋषिकेश की ओर से शुरू की गई टेलीमेडिसिन सेवा के माध्यम से रोगी को संबंधित विषय के चिकित्सकों से परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसका जरुरतमंद लोगों को उपयोग कर लाभ लेना चाहिए।
ब्लैक फंगस के प्रति किया जागरूक
इस दौरान प्रतिभागियों को ब्लैक फंगस के नाम से चर्चा में आई म्युकरमायोसिस बीमारी के लक्षणों व उससे बचाव के उपायों पर भी विस्तृत चर्चा व जागरुक किया गया। साथ ही संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए प्रतिभागियों ने कई तरह के प्रश्न पूछे। इनका डॉ. संतोष कुमार की ओर से समाधान दिया गया।
प्रो. आशीष पांडेय ने बताया कि प्रतिदिन एक घंटे सोशल मीडिया के माध्यम से एम्स ऋषिकेश के डा. संतोष कुमार द्वारा लाइव रहकर लोगों को कोविड से संबंधित आवश्यक परामर्श प्रदान किया जा रहा है, लिहाजा जरुरतमंद लोग इस सेवा का लाभ ले सकते हैं।
कार्यक्रम में उन्नत भारत अभियान के क्षेत्रीय समन्वय संस्थान आईआईटी रुड़की के अंतर्गत आने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के प्रतिभागी संस्थानों के समन्वयक, ग्राम प्रधान, सरपंच, ग्रामीण, किसान, आईआईटी फैकल्टी, स्टूडेंट्स व मीडिया प्रतिनिधियों समेत काफी संख्या में लोग जुड़े।
गौरतलब है कि काफी समय से एम्स के सोशल आउटरीच सेल द्वारा कई अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित कर देश के हर कोने तक कोरोना मरीजों एवं कोरोना से प्रभावित परिवारों को चिकित्सकीय परामर्श देकर सहयोग किया जा रहा है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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