वापस नहीं होगी अग्निपथ योजना, रियायतें पहले से तय, प्रदर्शन करने वालों की नहीं होगी एंट्री
अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में हो रहे प्रदर्शन के बीच तीनों सेनाओं ने साझा बयान में साफ कर दिया है कि अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिया जाएगा।

वहीं, अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन की वजह से बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में ट्रेन सेवाएं बाधित रही हैं। कई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई कथित फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हुई है और अन्य कई घायल हैं। वहीं, पटना के तारेगाना रेलवे स्टेशन पर आगजनी करने वालों ने पुलिस के एक वाहन को भी आग लगा दी है।
राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ की बैठक
केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ स्कीम के खिलाफ जारी विरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को तीनों सेना के प्रमुख के साथ बैठक की। इसके बाद योजना की विस्तृत जानकारी देने के लिए तीनों सेना के प्रमुखों ने प्रेस कान्फ्रेंस की। इसमें डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने केंद्र की योजना का पूरा खाका रखने के साथ तीन बातें स्पष्ट कर दीं। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि ये योजना वापस नहीं की जाएगी। साथ ही कहा कि अग्निपथ योजना के विरोध में हिंसा में शामिल लोगों को भर्ती में कोई जगह नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि योजना में युवाओं की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए जो भी बदलाव किए गए हैं, वो किसी भी दबाव के तहत नहीं हैं, बल्कि ये प्रस्तावित थे।
युवाओं को समझाने पर रहा पूरा फोकस
सेना की ओर से इस पूरी कवायद का फोकस ये रहा कि युवा को समझाया जाए कि योजना उनके लिए फायदेमंद है। पीसी में शीर्ष रक्षा अधिकारी ने कहा कि भारतीय सेना में 30 साल की उम्र वाले सैनिकों की बड़ी संख्या है। सेना जवानों की उम्र का पहलू चिंताजनक है। ऐसे में हम सेना में जोश और होश दोनों का कांबिनेशन चाहते हैं। सैन्य अधिकारियों ने चार साल बाद बाहर किए गए 75 फीसदी अग्निवीरों के भविष्य के सवाल पर कहा, सिर्फ इस योजना में ही एग्जिट नहीं है। सेना से हर साल 17,600 सैन्यकर्मी हर साल समय पूर्व सेवानिवृत्ति लेते हैं।
सुधार आगजनी की प्रतिक्रिया में नहीं
अग्निपथ योजना पर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि ‘अग्निवर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं। यही नहीं देश की सेवा में अपना जीवन कुर्बान करने वाले ‘अग्निवर’ को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा घोषित ‘अग्निपथ’ के लिए आरक्षण के संबंध में घोषणाएं पूर्व नियोजित थीं और अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद हुई आगजनी की प्रतिक्रिया में नहीं थीं।
अनिल पुरी ने कहा कि अगले 4-5 वर्षों में हमारा (सैनिकों का) भर्ती 50000-60000 होगा और ये बाद में बढ़कर 90000 से 1 लाख हो जाएगा। हमने योजना का विश्लेषण करने और बुनियादी ढांचा की क्षमता बढ़ाने के लिए 46000 से छोटी शुरुआत की है। यह सुधार लंबे समय से लंबित था। हम इस सुधार के साथ हम सेना में युवावस्था और अनुभव लाना चाहते हैं। आज बड़ी संख्या में जवान अपने 30 के दशक में हैं और अधिकारियों को पहले की तुलना में बहुत बाद में कमान मिल रही है।
उम्मीदवारों को लिखित शपथ देनी होगी
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अनुशासन भारतीय सेना की नींव है। यहां आगजनी, तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं। भर्ती में आया प्रत्येक व्यक्ति एक प्रमाण पत्र देगा कि वे विरोध या बर्बरता का हिस्सा नहीं था। उसके बिना कोई शामिल नहीं हो सकता। यदि उनके खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की गई है, तो वे शामिल नहीं हो सकते। उन्हें (आकांक्षी) नामांकन फॉर्म के हिस्से के रूप में यह लिखने के लिए कहा जाएगा कि वे आगजनी का हिस्सा नहीं थे। फिर उनका पुलिस सत्यापन किया जाएगा। हमने इस योजना को लेकर हाल में हुई हिंसा का अनुमान नहीं लगाया था। सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है। सभी उम्मीदवारों को लिखित शपथ देनी होगी कि वे किसी भी तरह की आगजनी/हिंसा में शामिल नहीं होंगे।
अगस्त की पहली छमाही में शुरू होगी भर्ती रैलियां
लेफ्टिनेंट जनरल सी बंसी पोनप्पा ने कहा कि सेना भर्ती के लिए रैलियां अगस्त की पहली छमाही में शुरू होंगी और ‘अग्निवीर’ की पहली खेप दिसंबर के पहले सप्ताह तक आ जाएगी। दूसरी खेप फरवरी तक आएगी। अधिकारी ने कहा कि सेना 83 भर्ती रैलियां करेगी और देश के ‘हर गांव’ को छूएगी। नौसेना के लिए ‘अग्निवीर’ का पहला जत्था 21 नवंबर तक प्रशिक्षण के लिए ओडिशा के आईएनएस चिल्का पहुंचेगा। वायु सेना इस साल दिसंबर तक ‘अग्निवीर’ के पहले बैच का नामांकन करेगी और प्रशिक्षण उसी महीने शुरू होगा।
ये है योजना
अग्निपथ योजना के तहत 17.5 से 21 वर्ष के युवाओं को सेना के तीनों अंगों यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना में चार साल के लिए भर्ती किया जाएगा, जो अग्निवीर कहलाएंगे। चार साल बाद इनमें से 25 प्रतिशत को आगे की सेवा के लिए रखा जाएगा, बाकी को एकमुश्त करीब 12 लाख रुपये देकर बाहर कर दिया जाएगा। इस योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा। सेवानिवृत्त होने वाले युवाओं को ना ही पेंशन का लाभ मिलेगा और ना ही ग्रेच्यूटी आदि का। ऐसे में युवा खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। साथ ही पुराने पेटर्न पर ही सेना में भर्ती की मांग कर रहे हैं।
गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा था कि-अग्निपथ’ योजना देश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक दूरदर्शी एवं स्वागतयोग्य कदम है। उनके कार्यालय ने कहा कि- इस संबंध में आज गृह मंत्रालय ने फैसला किया है कि इस योजना के तहत चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।
युवाओं को नामंजूर है योजना
आंदोलनरत युवाओं के मुताबिक, उन्हें नई योजना नामंजूर है। ऐसे में पुरानी योजना ही लागू कर दी जाए। एक छात्र ने सवाल पूछते हुए कहा कि इससे क्या फायदा होगा? चार साल के बाद वो हमें सेना से निकाल देंगे? उसके बाद हम क्या करेंगे? छात्रों का कहना है कि सेना में गरीब घर के बच्चे जाते हैं। ना कि किसी नेता या अमीर गरीब के बच्चे। ऐसे में चार बाद जब हमें निकाल दिया जाएगा तो हम क्या करेंगे? हमारे परिवार का क्या होगा? ऐसे में हमारी सरकार में मांग है कि सेना में भर्ती के लिए पुराने पैटर्न को ही लागू किया जाए।
एक साल के लिए नियम में बदलाव, उम्र में छूट
केंद्र सरकार ने गुरुवार की रात एलान किया था कि साल 2022 में भर्ती प्रक्रिया में उम्र सीमा में दो साल की छूट दी जाएगी। यानि इस बार 23 साल तक के छात्र भर्ती प्रकिया के लिए योग्य होंगे। सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि पिछले दो वर्षों में कोई भर्ती नहीं हुई है। यह आयुसीमा केवल एक बार के लिए ही बढ़ाई गई है। इसके बाद आयुसीमा 21 साल की ही रहेगी। हालांकि, इस छूट के बावजूद छात्र असंतुष्ट हैं। उनकी मांग है कि भर्ती प्रक्रिया में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया जाए। उनका मानना है कि इससे युवाओं को कोई फायदा नहीं होने वाला है। विरोध में सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे युवा कई राज्यों में आंदोलन कर रहे हैं।
सीएपीएफ में दस फीसद आरक्षण
सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में तेज हो रहे विरोध के बीच गृह मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत ‘अग्निवीरों’ को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ CAPF) और असम राइफल्स में 10 फीसद आरक्षण दिया जाएगा। इसी के साथ अभ्यर्थियों को आयुसीमा में भी छूट देने का फैसला किया गया। गृहमंत्री कार्यालय ने इस बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की है। गृहमंत्री कार्यालय ने अपने ट्वीटर अकांउट से लिखा कि गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में अग्निपथ योजना के अंतर्गत 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए 10 फीसद रिक्तियों को आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
सीएपीएफ और असम राइफल्स में आयु सीमा में छूट
इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को निर्धारित अधिकतम प्रवेश आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का निर्णय किया है। अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट 5 वर्ष होगी। थल सेना, नौसेना और वायु सेना में विशेष अग्निपथ योजना के तहत अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती होने वाले अग्निवीर सैनिकों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को यह घोषणा की थी। गृह मंत्रालय के इस फैसले से प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अग्निपथ योजना के तहत प्रशिक्षित युवा देश की सेवा एवं सुरक्षा में आगे भी योगदान दे पाएंगे। ट्वीट में कहा गया है कि फैसले पर विस्तृत योजना तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वालों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।