दो साल बाद 14 जुलाई से शुरू हो रही है कांवड़ यात्रा, सात राज्यों की पुलिस ने बनाई रणनीति, पढ़ लें नियम

समन्वय बैठक में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, रेलवे सुरक्षा बल, आईबी के अधिकारियों ने प्रत्यक्ष और ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया। सबसे पहले डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि इस बार कांवड़ यात्रा कोरोना काल के बाद यह पहली कांवड़ यात्रा है। बैठक में डीजीपी ने सभी राज्यों से इसकी तैयारियों अभी से जुटने को कहा। कांवड़ क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टरों में बांटा गया है।
इसके लिए 10 हजार से भी अधिक पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। यात्रा की सुरक्षा के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ाई जाएगी। कांवड़ यात्रा में सोशल मीडिया के माध्यम से शांति व्यवस्था की अपील भी की जाएगी। इसके लिए उन्होंने कांवड़ यात्रा मार्ग पर समुचित ठंग से प्रचार प्रसार करने को भी कहा।
हरिद्वार पुलिस ने शुरू की तैयारी, लाठी प्रतिबंधित
बैठक में हरिद्वार के पुलिस कप्तान डीआईजी डॉ. योगेंद्र रावत ने कहा कि हरिद्वार पुलिस ने कांवड़ मेले की तैयारियां शुरू कर दी हैं। यात्रा में लाठी डंडे, नुकीले भाले व अन्य हथियार पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। सभी थाना पुलिस और अधिकारियों को उनका एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने को भी कहा गया है। ताकि, सूचनाओं का आदान प्रदान समय से किया जा सके।
नई सड़कों से यातायात प्रबंधन
इस दौरान एडीजी कानून व्यवस्था मेरठ जोन राजीव सभरवाल ने कहा कि 2019 के बाद बहुत सी सड़कें बनी हैं। इनमें ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे का निर्माण हुआ है। इससे भीड़ व यातायात प्रबंधन में बदलाव आएगा। इन सभी जगहों पर साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। यातात्र रूट पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम की भी व्यवस्था की जाएगी। साथ ही साथ सभी जिलों में संदिग्धों के सत्यापन के निर्देश भी दिए गए हैं।
यात्रा मार्ग पर मीट व शराब की दुकानें रहेंगी बंद
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार ने कहा कि यात्रा मार्ग पर मीट व शराब की दुकानें बंद रहेंगी। इसके लिए पहले ही व्यवस्था को सुनिश्चित कर लिया जाए। ताकि, शांति व्यवस्था बनाई रखी जा सके। उन्होंने कहा कि कांवड़िए आस्था के वशीभूत रहते हैं। ऐसे में जरूरी है कि उनके साथ सौम्य व्यवहार किया जाए।
सड़क से 15 फीट दूर होंगे कांवड़ शिविर
हरिद्वार से दिल्ली/मेरठ वापस जाने के लिए कांवड़ियों को सड़क के बाईं ओर चलना होगा। इसके साथ ही जो शिविर व भंडारे आदि के शिविर का आयोजन होगा, वह किनारे से 15 फीट दूर होगा। इसी को देखते हुए पुलिस और स्थानीय प्रशासन इनकी अनुमति दें। ताकि, बाद में कोई अव्यवस्था न हो।
चर्चा के बिंदु
– कांवड़ यात्रा के दौरान कांवडियों को अपना परिचय पत्र साथ रखने, सात फीट से उंची कांवड न बनाये जाने, रेल की छतों पर यात्रा ना करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। साथ ही शराब एवं मादक पदार्थों के सेवन न करने के संबंध में कांवड़ियों को जागरुक किया जाए।
– जिस जगह से कांवड़िए आ रहे हैं वहां की थाना पुलिस सारी जानकारी हासिल कर ले। इनमें गाड़ी नंबर, जत्थे में शामिल लोगों की संख्या, मोबाइल नंबर आदि शामिल रहेगी।
– अंतर्राज्यीय बैरियरों/चेक पोस्ट- चिड़ियापुर बैरियर, नारसन चेक पोस्ट, लखनौता चेक पोस्ट, काली नदी बैरियर और गौवर्द्धन चेक पोस्ट पर संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों की चेकिंग की जाएगी।
– बेहतर समन्वय के लिए कांवड़ यात्रा को नियुक्त उत्तरप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल के नोडल अधिकारी हरिद्वार स्थित कंट्रोल रूम में बैठेंगे।
– सम्पूर्ण कांवड़ यात्रा मार्ग पर मेडिकल कैंप और एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया।
ये रहे उपस्थित
बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरूगेशन, पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना एवं सुरक्षा ए पी अंशुमान, पुलिस महानिरीक्षक, फायर अजय रौतेला, पुलिस उप महानिरीक्षक, फायर नीरू गर्ग, पुलिस उप महानिरीक्षक, सुरक्षा कृष्ण कुमार वीके, पुलिस उप महानिरीक्षक/निदेशक यातायात मुख्तार मोहसिन, पुलिस उप महानिरीक्षक, कुमाऊँ परिक्षेत्र नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस उप महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र करन सिंह नगन्याल, पुलिस उप महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देरहादून जन्मेजय प्रभाकर कैलाश, पुलिस उप महानिरीक्षक, पी/एम सेंथिल अबुदेई कृष्ण राज एस, पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था पी रेणुका, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, पुलिस अधीक्षक बिजनौर, पानीपत, करनाल, सोनीपत सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे आदि अधिकारी उपस्थित रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।