कोटद्वार में मालन नदी का पुल ढहने के बाद विधानसभा अध्यक्ष का वीडियो हुआ वायरल, कांग्रेस ने बनाया निशाना
उत्तराखंड के पिछले सात दिनों से हो रही बारिश के दौरान कोटद्वार में मालन नदी पर बना पुल ढह गया था। इस पुल के ढहने से कई वार्डों की 25 हजार की आबादी का कोटद्वार से संपर्क कट गया। पुल ढहने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने अपनी कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र के इस आपदा ग्रसित इलाके का निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने मौके से आपदा प्रबंधन सचिव को फोन मिलाया और अपनी नाराजगी जताई। अब विधानसभा अध्यक्ष का ये वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसे लेकर कांग्रेस ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गुरुवार को मालन नदी पर बने पुल का एक हिस्सा ढहने की खबर सुनते ही विधानसभा अध्यक्ष और स्थानीय विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण मौके पर पहुंची और हालात का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने किसी को फोन लगाया। उधर से कॉल रिसीव करने पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हेलो मैं कोटद्वार विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण बोल रही हूं। मालन नदी पर बने पुल के टूटने की खबर आप तक भी पहुंच गई होगी। मिस्टर सिन्हा संबोधित करते हुए विधायक खंडूड़ी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पुल की सुरक्षा के लिए पिछले एक साल से लगातार पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन आपने मानक का हवाला देकर कुछ नहीं किया। आपदा में पुल टूट चुका है अब कौन सा मानक रह गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने मिस्टर सिन्हा को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि अब कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी। जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए। बताया जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष और कोटद्वार विधायक ऋतु खंडूड़ी ने फोन पर आपदा प्रबंधन सचिव से वार्ता की और उन्हें लापरवाही पर कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि पुल ढहना काफी दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी जांच की जाएगी और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। । इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने कौडिया नगर में जलभराव की समस्याओं का निरीक्षण कर समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड में साल दर साल पुलों के गिरने की घटनाओं पर सरकार व सरकारी तंत्र की उदासीनता को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर करारा हमला बोल दिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आज अपने कैम्प कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पिछले 6 वर्षों में भाजपा शाशनकाल में उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों में 39 पुल ज़मींदोज़ हो गए। उन्होंने कहा कि अकेले पिथौरागढ़ में 15 व राजधानी देहरादून में 3 पुल गिर गए। इनमें से एक पुल तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र डोईवाला के रानीपोखरी व दूसरा उनकी पुरानी विधानसभा क्षेत्र रायपुर के सौंग नदी का पुल था। तीसरा पुल मुख्यमंत्री आवास से आधे किलोमीटर की दूरी पर बीरपुर में गिरा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि हल्द्वानी रानीबाग पुल जो हल्द्वानी को भीमताल,अल्मोड़ा व रानीखेत को जोड़ता है वो अगस्त 2021 में धराशायी हो गया था। दो दिन पूर्व कोटद्वार के भाबर इलाके को कोटद्वार से जोड़ने वाले मालन नदी के पुल के गिरने की घटना हुई। उसके बारे में विधानसभा अध्यक्ष की आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा से बातचीत के वायरल वीडियो के वार्तालाप को आधार बना कर उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष स्वयं ये बता रही हैं कि पुल के गिरने की बड़ी वजह अवैध खनन और उसके बारे में बार बार जानकारी देने के बावजूद खनन माफिया के खिलाफ कार्यवाही न होना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि सौंग नदी का पुल भी अवैध खनन की वजह से हुआ था और उसके बारे में स्वयं उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को बताया था, किंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके कारण अन्तोगत्वा सौंग नदी का पुल गिर गया था। धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में पिछले छह वर्षों में जितने भी पुल गिरे हैं , पुलों के गिरने के कारण, पुलों के गिरने के पीछे कारणों के लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई, उस पर विस्तृत श्वेत पत्र जारी कर राज्य की जनता को जनकारी दे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विधानसभा अध्यक्ष का वायरल वीडियो सरकार की हकीकतः करन माहरा
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे कोटद्वार की विधायक और विधान सभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के वीडियो पर उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने कटाक्ष किया है। महारा ने चुटकी लेते हुए कहा कि प्रत्यक्षण किम् प्रमाणम? अब तो यह साबित करने के लिए कि धामी सरकार खनन प्रेमी सरकार है, कोई सबूत या साक्ष्य की जरूरत ही नहीं है। जब स्वयं भाजपा की कोटद्वार से विधायक आपदा सचिव को फटकारते हुए प्रदेश के जर्जर हो हो रहे पुलों के संबंध में बातचीत कर रही हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
माहरा ने कहा ऋतु खंडूड़ी और आपदा सचिव की बातचीत से इस बात में कोई संदेह नहीं रह जाता कि प्रदेश में खनन माफियाओं का बोलबाला है और धामी सरकार को यूंही खनन प्रेमी सरकार नहीं बोला जाता। बकौल विधानसभा अध्यक्ष कई बार वह आपदा विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग और खनन विभाग से संपर्क या पत्राचार कर अपनी विधानसभा में पुलों की दुर्दशा पर ध्यान आकर्षित कर चुकी हैं। उसके बावजूद शासन प्रशासन हरकत में नहीं आया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
माहरा ने कहा कि ऋतु खंडूड़ी साफ तौर पर सरकार की नाक के नीचे होने वाले खनन के विषय में भी बात कर रही हैं, उसके बाद बोलने के लिए क्या रह जाता है। इसे प्रदेश की विडंबना ही कहा जा सकता है कि रायपुर के पुल गिरने की बड़ी घटना और हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी धामी सरकार ने सबक नहीं लिया। खनन माफियाओं पर नकेल लगाने में सरकार अक्षम साबित हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि प्रदेश में हो रहे खनन को राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है और भाजपा से जुड़े हुए लोग बड़े पैमाने पर अवैध खनन में संलिप्त हैं। प्रदेश के सभी पुलों की नींव खनन माफियाओं की ओर से खोदी जा चुकी है। इसे प्रदेश का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि धामी सरकार में अपने ही विधायकों की अनदेखी और अनसुनी हो रही है। विपक्ष की तो बात ही छोड़िए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। 100 में से 90 केसों में हाईकोर्ट की ओर से रकार को या तो फटकारा जा रहा है या सरकार की कार्यप्रणाली पर तल्ख टिप्पणी की जा रही है। फिर चाहे वह भाजपा कार्यालय के लिए चाय बागान की जमीन खरीद मामला हो, जिसमें 20000 का जुर्माना लगा दिया गया है। या फिर भर्ती घोटाले पर सख्ती दिखाते हुए सरकार से जवाब तलब। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि धामी सरकार इतनी अहंकारी और हठधर्मी सरकार है कि उसे शर्म भी नहीं आ रही है। लगातार उच्च न्यायालय के द्वारा खरी-खोटी सुनाए जाने के बावजूद धामी की बेलगाम सरकार बाज नहीं आ रही। करन माहरा ने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब उत्तराखंड की जनता प्रदेश में विद्यमान अराजक भाजपा सरकार को उनकी असली जगह बताएगी। साथ ही अपने साथ हो रहे हर जुल्म अत्याचार अन्याय और भ्रष्टाचार का बदला लेगी।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।