निर्माण के बाद उधड़ी 12 कदम सड़क, दोबारा निर्माण को भी बताया जा रहा उपलब्धि
अक्सर तारकोल की सड़क निर्माण के दौरान गुणवत्ता को लेकर विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है। साथ ही मौसम साफ हो। धूप खिली हो, जहां सड़क बन रही है वहां नमी ना हो, इन सब बातों का भी ध्यान रखा जाता है। ऐसे में गर्मी के मौसम में तारकोल की सड़क बनाना ज्यादा उपयुक्त माना जाता है। हालांकि यदि तारकोल की मात्रा कम हो तो बजरी आपस में पकड़ नहीं बना पाएगी। साथ ही एक निश्चित तापमान पर तारकोल को भी गर्म किया जाना जरूरी है। यदि किसी भी बिंदु में कमी रह जाए तो सड़क बनने के बाद उधड़ने लगती है। अक्सर होता है कि निर्माण के बाद कई बार कुछ स्थानों पर सड़क कमजोर पड़ जाती है, उसे दोबारा से ठीक कर दिया जाता है। ऐसा यदि आप घर बना रहे हों, तब भी निर्माण के दौरान कई स्थानों पर कमी रह जाती है। अंत में आखिरी फिनिशिंग में उसे सुधारा जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब सड़क की दोबारा मरम्मत क्या शुरू हुई, यहां लंबा चौड़ा वाहवाही का प्रेस नोट जारी कर दिया गया। ये प्रेस नोट उत्तराखंड में लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज के कार्यालय की ओर से जारी किया गया। इसमें लिखा गया- महाराज का एक्शन, हरकत में आये राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी। इसमें आगे लिखा गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 121 की खराब गुणवत्ता के लिए संबंधित कंपनी पर तय की गयी जिम्मेदारी। अब इसमें नया क्या है। जब कोई कंपनी निर्माण करती है तो गुणवत्ता पर उसकी ही जिम्मेदारी होगी, ना कि दूसरी कंपनी की। हम प्रेस नोट को हूबहू वैसा ही प्रकाशित कर रहे हैं, जैसा कि मीडिया को भेजा गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है प्रेस नोट
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 121 (309) के किमी0 128.00 से किमी0 158.00 (बीरोंखाल से मझगांव) एवं किमी0 164.00 से किमी0 189.00 (थैलीसैण से सलोनधार) तक मार्ग के पुनः निर्माण एवं सुदृढीकरण कार्य की खराब गुणवत्ता की मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लेते हुए लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज के निर्देश के बाद विभाग ने 10 मीटर तक डीबीएम की सतह को उखाड़वा दिया है। शीघ्र ही उक्त स्थान पर निर्धारित मोटाई में डी.बी.एम. से पुनः रिलेईंग का कार्य कराया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 121 (309) के किमी0 128.00 से किमी0 158.00 (बीरोंखाल से मझगांव) एवं किमी0 164.00 से किमी0 189.00 (थैलीसैण से सलोनधार) तक मार्ग के पुनः निर्माण एवं सुदृढीकरण का कार्य किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 121 (309) के किमी0 156(0-2) वह स्थान है जहां नमी होने के कारण धूप नहीं आने की वजह से डी.बी.एम. की सतह लगभग 10 मीटर तक उखड़ गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ई.पी.सी. मोड के अंतर्गत निर्माण एवं सुदृढीकरण करने वाली संबंधित कंपनी पर इसकी जिम्मेदारी तय की गई। महाराज ने बताया कि 10 मीटर तक उक्त सड़क को जेसीबी ब्रेको लोडर से स्क्रैप कर उखाड़ दिया गया है। अब इस स्थान पर निर्धारित मोटाई में डी.बी.एम. से पुनः रिलेईंग कार्य के आदेश दिए गए हैं जिस पर शीघ्र ही कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।