नौकरी बदलने के बाद इपीएफ संबंधी झंझट से जल्द मिलेगी मुक्ति, खुद ट्रांसफर हो जाएगा इपीएफ अकाउंट
यदि आप नौकरी बदलते हो तो सबसे बड़ी टेंशन इपीएफ अकाउंट को लेकर होती है। एक संस्थान से दूसरे संस्थान पर जाने के लिए इपीएफ अकाउंट को भी ट्रांसफर करने में वक्त लग जाता है।
इपीएफओ ने C-DAC के जरिये एक केंद्रीकृत IT-इनेबल्ड सिस्टम को विकसित करने की मंजूरी दी है। इस सिस्टम के तहत ईपीएफओ सदस्यों के सभी अकाउंट अपने आप मर्ज हो जाएंगे, उन्हें नौकरी बदलने की स्थिति में खुद इसके ट्रांसफर की प्रक्रिया को पूरा करने की जरूरत नहीं होगी। यानी कि अब आपने नौकरी बदली तो आपको इस बात की टेंशन नहीं लेनी होगी कि आपको अपना ईपीएफ अकाउंट नए संस्था के पास ट्रांसफर कराना है। इस केंद्रीकृत सिस्टम के जरिए ईपीएफओ सदस्यों के सभी पीएफ अकाउंट का मर्जर और डी-डुप्लीकेशन होगा। इससे ट्रांसफर वाली प्रकिया के लिए उन्हें जहमत नहीं उठानी होगी। EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ ने पिछले 20 नवंबर को हुई अपनी बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया था।
ये हैं नियम
वर्तमान के नियमों के मुताबिक, अगर कोई भी सैलरीड व्यक्ति नौकरी बदलता है तो नई संस्था के साथ उसका एक नया ईपीएफ अकाउंट खुलता है। नंबर वही रहता है, लेकिन संस्था एक नया ईपीएफ अकाउंट खोलती है। ऐसे में उसे अपना पुराना ईपीएफ अकाउंट पुरानी संस्था के पास से नई संस्था के पास ट्रांसफर कराना पड़ता है। क्योंकि पुराने ऑफिस के दौरान उसकी सैलरी से कटने वाला पीएफ उसी अकाउंट में जमा हो रहा था, तो पीएफ का जितना पैसा जमा हुआ है, उसे वो अपने नए अकाउंट में ट्रांसफर करवाना ही पड़ेगा।
यह काम EPFO के मेंबर सेवा पोर्टल पर ऑनलाइन करना पड़ता है। अगर सदस्य का यूएन नंबर उसके आधार से लिंक है तो ऑनलाइन यह प्रक्रिया हो जाती है, लेकिन अगर यूएन आधार से लिंक नहीं है तो पुराने अकाउंट से पैसा ट्रांसफर कराने के लिए उसे अपने नई कंपनी में एक फॉर्म सबमिट करना होगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।