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August 1, 2025

आखिर कहां गुम हो गए आप से ये नामी चेहरे, मैदान में अकेले कर्नल, धन कुबेरों ने किए पीछे हाथ, केजरीवाल का रोड शो स्थगित

आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में जिस तेजी के साथ पैर जमाने शुरू किए और इसमें अपने अपने फील्ड के दिग्गजों को जोड़ा, लेकिन अब ऐसे चेहरे भी मैदान में नजर नहीं आ रहे हैं।

आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में जिस तेजी के साथ पैर जमाने शुरू किए और इसमें अपने अपने फील्ड के दिग्गजों को जोड़ा, लेकिन अब ऐसे चेहरे भी मैदान में नजर नहीं आ रहे हैं। पार्टी में किसी पद पर न रहते हुए भी सिर्फ कर्नल (अ.प्रा.) अजय कोठियाल की मैदान में हैं। वहीं, फिलहाल कई बड़े नेता और धन कुबेर तो चुपचाप बैठे हुए हैं। ऐसे में आप में भीतरखाने कोई खिचड़ी पक रही है। ऐसे में आज नौ अगस्त को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाला का देहरादून में आयोजित रोड शो अचानक स्थगित कर दिया गया। अब इसकी दोबारा से तिथि जारी की जानी है।
गुमनाम क्यों हैं ये नेता
चुनाव से पहले अभियान में जब नेताओं की जरूरत पड़ती है, उस समय उत्तराखंड में आप बड़े नेताओं का गायब होना अलग कहानी की तरफ इशारा करता है। कोटद्वार निवासी मेजर जनरल (सेनि) डॉ. जखमोला, देहरादून निवासी पूर्व आइएएस सुवर्धन शाह, पूर्व आइजी पुलिस अनंतराम चौहान, पूर्व सांख्यिकी निदेशक जेएस पांगती सहित कई बड़े नामी चेहरे आप में शामिल तो हुए, लेकिन उन्हें अभी तक शायद उन्हें उनके नाम के अनुरूप जिम्मेदारी नहीं दी गई। अब ऐसे नेताओं और चेहरों से उत्तराखंड लोकतांत्रिक मोर्चा के संयोजक पीसी थपलियाल संपर्क साधने का प्रयास कर रहे हैं।
धनकुबेर भी पीछे खींच रहे हैं हाथ
सूत्र को बताते हैं कि पार्टी से शुरुआत में बड़े बड़े धन कुबेरों को जोड़ा गया। ताकी कार्यालय का किराया और अन्य खर्च चलाने में कोई दिक्कत न हों। ऐसे लोगों में जब कई को तव्वजो नहीं मिली तो वे भी पीछे हटने लगे हैं और चुप बैठ गए।
इनके साथ तो हुआ धोखा
उत्तराखंड में सर्वदल समाज पार्टी के संयोजक एवं प्रदेश अध्यक्ष देवेश्वर भट्ट ने जब कोरोनाकाल में समाजसेवा के कार्यों में बढ़चढ़कर भागीतारी की तो उनसे आप के दिल्ली में बैठे नेताओं से संपर्क किया। उन्हें आप में शामिल कराया। उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने का आश्वासन दिया। इस पर देवेश्वर भट्ट ने आप का प्रदेश कार्यालय की व्यवस्था के साथ ही वहां करीब दो लाख रुपये के फर्नीचर की व्यवस्था कराई। वह पिछले साल जून और जुलाई माह तक ही पार्टी में रहे। जब उन्हें पता लगा कि उन्हें सिर्फ छला जा रहा है, तो उन्होंने आप का दामन छोड़ दिया। साथ ही वे अपना फर्नीचर तक ले गए। सूत्र बताते हैं कि अब पार्टी कार्यालय का करीब चालीस हजार रुपये महीने का किराया देने के भी पार्टी को लाले पड़ रहे हैं।
केजरीवाल ने की थी ये घोषणा
करीब दो माह पहले तक आप में सारे पदाधिकारी एकजुट होकर कार्यक्रम आयोजित कर रहे थे। चाहे प्रदेश अध्यक्ष हों या फिर प्रदेश प्रभारी। या फिर उपाध्यक्षों की फौज, सभी प्रेस वार्ता के साथ ही अन्य कई कार्यक्रमों में नजर आते रहे। उत्तराखंड में बिजली के बिलों में छूट देने की मांग को लेकर उत्तराखंड में जुलाई माह में आप कार्यकर्ताओं ने एकजुटता दिखाते हुए प्रदर्शन किए। इस दौरान सीएम आवास घेराव के दौरान कर्नल कोठियाल सहित कई नेताओं को गिरफ्तर किया गया। प्रदर्शन की तस्वीरें देखने पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी गदगद हुए और 11 जुलाई को देहरादून पहुंचकर उन्होंने घोषणा की कि उत्तराखंड में आप की सरकार बनते ही बिजली उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक फ्री बिजली दी जाएगी। साथ ही पुराने बिल माफी, किसानों को मुफ्त बिजली, बिजली कटौती से मुक्ति का ऐलान भी किया।
मनीष सिसोदिया दौरा और पड़ा कार्यकर्ताओं पर उल्टा असर
इसके बाद से कार्यकर्ताओं ने बिजली बिल में छूट को लेकर आंदोलन तेज कर दिया। इसी बीच 22 जुलाई को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया हरिद्वार पहुंचे और उन्होंने प्रदेश की जनता से ही सवाल कर दिया कि क्या आप कर्नल (सेनि) अजय कोठियाल जैसे ईमानदार व्यक्ति को प्रदेश का सीएम बनाना पसंद करेंगे या फिर किसी भ्रष्ट व्यक्ति को। हालांकि उन्होंने कहा कि वे सीएम के लिए आम जनता की राय ले रहे हैं। सीएम का चेहरा बाद में घोषित होगा। इसके बावजूद साफ संकेत था कि सीएम का चेहरा अजय कोठियाल ही होंगे। इसका असर ये पड़ा कि पहले से पार्टी में आगे आकर काम करने वाले पीछे होने लगे। जनसंपर्क अभियान में कर्नल कोठियाल और उनके स्वयंसेवी संगठन यूथ फेडरेशन ही आगे है।

पोस्टरों से हुए नाम गायब
आप के पोस्टरों में कर्नल कोठियाल और अरविंद केजरीवाल की ही फोटो होती है। वहीं, प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष या फिर अन्य किसी भी नेता की फोटो नजर नहीं आती। ऐसे में अन्य नेता मौन साधकर बैठ गए हैं। इस संबंध में आप नेताओं का तर्क है कि युवा संवाद कार्यक्रम में कर्नल अजय कोठियाल का युवाओं से संवाद हो रहा है। वे इसके लिए हर जिले के हर शहर और कस्बों में जा रहे हैं। ऐसे में पोस्टर में उनकी ही फोटो है। चलो इस बात को मान लिया जाए, लेकिन 300 यूनिट बिजली गारंटी योजना के पोस्टर जो शहरों में लगाए जा रहे हैं, उनमें भी कर्नल कोठियाल के अलावा किसी दूसरे नेता की फोटो न आप के भीतर लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है।

ये है स्थिति
अब कर्नल कोठियाल प्रदेश के हर जिले के शहरों में भ्रमण कार्यक्रम में हैं। अब तो लगने लगा है कि उनका कार्यक्रम भी उन्हीं तक सीमित होकर रह गया है। क्योंकि बात बात पर प्रेस वार्ता करने वाले आप के प्रदेश अध्यक्ष एसएस कलेर, आप के प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया पिक्चर से गायब से हो गए हैं। आप के बड़े नेताओं की कर्नल के युवा संवाद कार्यक्रम में उपस्थिति तक नजर नहीं आ रही है। हालांकि उपाध्यक्ष स्तर के नेता बयानों और धरने प्रदर्शनों के माध्यम से सक्रिय हैं। यही नहीं आप के प्रवक्ताओं में उमा सिसोदिया के जहां हर दूसरे दिन बयान जारी होते थे, वे भी पिक्चर से इन दिनों गायब हैं। ऐसे में इससे लग रहा है कि कहीं सीएम के दावेदारों में कुछ दूसरे नेताओं ने कर्नल को अकेले लड़ने के लिए छोड़ दिया। क्योंकि कुछ दिनों से आप के सारे कार्यक्रम कर्नल कोठियाल के कार्यक्रम के रूप में नजर आने लगे हैं। वहीं, बात बात पर बयान देने, धरने व प्रदर्शन करने वाली आप की फौज अचानक गायब हो गई है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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