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February 11, 2025

मटर छिलने में अपनाएं ये तरीके, घंटों का काम मिनटों में होगा आसान, जानिए मटर के फायदे और नुकसान, इतिहास जानकर हो जाओगे हैरान

सर्दी का मौसम है। मौसमी सब्जी खाने से सेहत भी बढ़िया रहती है। ऐसी सब्जी में मटर को स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए जाना जाता है। पुलाव, पराठे, सब्ज़ी और स्नैक्स में मटर का इस्तेमाल हर घर में होता है। मटर का मीठा और ताज़ा स्वाद हर किसी को पसंद आता है। इसे छीलना अक्सर लोगों को मुश्किल काम लगता है, जो समय और मेहनत दोनों लेता है। हालांकि मटर को छीलना बेहद ही आसान और मजेदार काम है, लेकिन जब बात किलो भर मटर की आती है, तो यह काम मुश्किल भरा हो जाता है। हम यहां इस लेख में मटर को छिलने के आसान तरीके बताएंगे। साथ ही मटर के फायदे और नुकसान पर चर्चा करेंगे। पहले मटर छिलने की बात हो जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उबालकर आसान तरीके से अलग करें दाने
मटर छीलने में घंटों समय नष्ट करने की बजाय आप इसे गर्म पानी में उबालने का तरीका अपना सकते हैं। दो से तीन मिनट तक मटर को गर्म पानी में उबालें और फिर तुरंत बर्फ़ वाले ठंडे पानी में डालें। यह प्रक्रिया मटर के छिलके को नरम बना देती है। इससे दाने आसानी से निकल जाते हैं। यह तरीका न केवल समय बचाता है, बल्कि मटर के ताजगी को भी बनाए रखता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये भी है ट्रिक
छिलके से मटर निकालने का एक तरीका यह भी है कि एक-एक छिलका हाथ में लेकर मटर छीलकर निकालने के बजाय मुट्ठीभर मटर को लें। उन्हें दबाकर मटर को बाहर निकालें। मटर के छिलके हाथ में दबाने पर छिलके खुल जाते हैं और मटर खुद ही बाहर निकल आते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

थैली में झटका देकर मटर छीलें
अगर आपके पास उबालने का समय नहीं है, तो एक प्लास्टिक की थैली का उपयोग कर सकते हैं। मटर को थैली में डालकर हल्के से झटकें। घर्षण के कारण मटर के छिलके टूट जाते हैं। ज्यादा मटर हो तो किसी बड़े बैग का इस्तेमाल कर सकते हैं। दाने खुद-ब-खुद बाहर आ जाते हैं। शादी और अन्य पार्टियों के समारोह के दौरान ये तरीका इस्तेमाल किया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

फ्रीजर का कमाल
मटर को छीलने के लिए फ्रीजर भी एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। मटर को एक घंटे के लिए फ्रीजर में रखें। इसके बाद जब आप छिलके को हल्का सा दबाएंगे, तो दाने आसानी से निकल जाएंगे। यह तरीका मटर को ताजा बनाए रखने के साथ-साथ छिलाई के झंझट से भी बचाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मटर को स्टोर करना भी जानिए
अगर आप एक ही बार में सारे मटर छीलकर रखने के बारे में सोच रहे हैं तो इन्हें स्टोर करने का सही तरीका भी जान लीजिए। आप मटर को छीलने के बाद धोएं और उन्हें कपड़े से पोंछकर किसी बर्तन में डालकर फ्रिज में रखें। इसके अलावा आप फ्रीजर में मटर रखकर फ्रोजन मटर बना सकते हैं। फ्रोजन मटर के लिए आपको इन मटर को एयर टाइट कंटेनर में रखना होगा। मटर एयर टाइट कंटेनर में रखने के बाद फ्रीजर में रखने से जम जाएंगे। जब इस्तेमाल करना हो तो इन्हें हल्के गर्म पानी में निकाल लें। मटर सब्जी बनाने के लिए तैयार हो जाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मटर के फायदे
मटर पोषण से भरपूर होती है, लेकिन ज़्यादा मात्रा में इसे खाने से सेहत को नुकसान भी हो सकता है। मटर में विटामिन ए, ई, डी, सी, के, प्रोटीन, फ़ाइबर, और एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। मटर में मौजूद प्रोटीन कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित रखता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। मटर में एंटी रिंकल और एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो चेहरे की झाइयों को हटाने में मदद करते हैं। मटर की तासीर गर्म होती है। इसलिए सर्दियों में इसका सेवन किया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मटर ज्यादा खाने के नुकसान
ज़्यादा मात्रा में मटर खाने से मोटापा बढ़ सकता है। मटर में मौजूद शुगर पाचन तंत्र को आसानी से पचा नहीं पाता और ब्लोटिंग, गैस, कब्ज़, और पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हरी मटर में विटामिन के की मात्रा ज़्यादा होती है, जिससे खून के थक्के जमने का खतरा बढ़ जाता है। मटर में फ़ाइटिक एसिड और लेक्टिन जैसे पोषक तत्व भी होते हैं, जो शरीर में पोषक तत्वों की कमी और कुपोषण का कारण बन सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये भी है फायदे और नुकसान के कारण
मटर में विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन डी, विटामिन सी, के, प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। मटर में अमीनो एसिड की भी अधिक मात्रा होती है। ये पोषक तत्व हड्डियों को जरूर मजबूत बनाते हैं, लेकिन इसके ज्यादा खाने से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। इससे जोड़ों में दर्द का कारण बन सकता है और अर्थराइटिस की समस्या पैदा कर सकता है। इससे ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। वहीं इससे बहुत सारी बीमारियों से भी बचाव होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यूरिक एसिड की समस्या में नहीं खाएं मटर
यूरिक एसिड की समस्या है तो हरी मटर के सेवन से बचना चाहिए। मटर में प्रोटीन, अमीनो एसिड, विटामिन डी और फाइबर की अधिक मात्रा होती है। ये पोषक तत्व हड्डियों को जरूर मजबूत बनाते हैं, लेकिन इसके ज्यादा खाने से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है, जो दोनों जोड़ों में दर्द का कारण बन सकता है और अर्थराइटिस की समस्या पैदा कर सकता है। इसके अलावा अगर आप पहले से अर्थराइटिस से ग्रस्त हैं तो भी आपको मटर खाने से परहेज करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मोटापे की समस्या है तो मटर खाने से बचें
वजन घटाने के लिए दिन-रात कोशिश कर रहे हैं और साथ में हरी मटर का सेवन कर रहे हैं। फिर कोई फायदा नहीं होगा। आपको इसे कम कर देना चाहिए या बंद कर देना चाहिए। मटर में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स की बहुत अधिक मात्रा होती है। इसमें फाइबर भी मौजूद होता है, जो वजन कम करने में मदद कर सकता है। अगर इसका ज्यादा मात्रा में सेवन किया जाए तो बॉडी फैट को बढ़ा सकता है। मटर जैसी स्टार्च युक्त सब्जियों में मटर का शुमार होता है ऐसे में इसके सेवन से वजन बढ़ सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

किडनी की समस्या में करें परहेज
किडनी स्टोन या किडनी से जुड़ी कोई भी अन्य समस्या है तो भी हरे मटर के सेवन से परहेज करना चाहिए। इसमें प्रोटीन की अधिक मात्रा होने की वजह से किडनी की फंक्शनिंग पर असर पड़ सकता है। यही वजह है कि किडनी के मरीजों को सीमित मात्रा में मटर का सेवन करने की सलाह दी जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पेट में गैस की समस्या
पेट मे गैस या ब्लोटिंग की समस्या हो तो भी मटर के सेवन से बचना चाहिए। इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है। इसमें मौजूद शुगर को हमारा पाचन तंत्र आसानी से नहीं पचा पाता है। ऐसे में अगर आप पहले से ही कब्ज या गैस की समस्या से परेशान हैं और आप मटर का ज्यादा सेवन कर लेते हैं तो ये आसानी से पच नहीं पाता है। आपका कब्ज गंभीर रूप ले सकता है। ऐसे में पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नोटः वैसे तो हरी मटर में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत को फायदा पहुंचाते हैं। इसके बावजूद यदि आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं। आपके साथ कोई हेल्थ कंडीशन है, तो आपको मटर खाने के लिए मना भी किया जा सकता है। फिर भी आप मटर खाना चाहते हैं तो आपको एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पाषाण युग में पैदा हो चुकी थी मटर
इस बात में कोई दो-राय नहीं है कि मटर की उत्पत्ति बहुत ही प्राचीन काल से है। यानी पृथ्वी पर यह हजारों साल से खाई जा रही है, लेकिन इस बात को लेकर कोई पुष्ट प्रमाण नहीं है कि इसे सबसे पहले दुनिया के किस भाग में उगाया गया। कई रिसर्च रिपोर्ट में इसकी उत्पत्ति का केंद्र अलग-अलग स्थानों पर बताया गया है। ‘वेजिटेबल’ पुस्तक के लेखक व भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिश्वजीत चौधरी का दावा है कि मटर की उत्पत्ति पाषाण युग में ही हो चुकी थी। इथोपिया इसका मूल केंद्र है। एक अन्य रिपोर्ट भी यह मानती है कि यह प्राचीन काल की उपज है। इसकी उत्पत्ति के केंद्र संभवत: दक्षिण-पश्चिमी एशिया, उत्तरीय पश्चिमी भारत, पूर्व सोवियत रूस के निकटवर्ती क्षेत्र और अफगानिस्तान आदि माने गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ग्रीस, सीरिया, तुर्की, इज़राइल देशों से संबंध
दूसरी ओर अमेरिका की ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी की वनस्पति वैज्ञानिक व एसोसिएट प्रोफेसर सुषमा नैथानी का कहना है कि मटर का उत्पत्ति केंद्र पृथ्वी का मेडिटेरियन सेंटर यानी भूमध्यीय सागर के आसपास का क्षेत्र है, जिसमें ग्रीस, सीरिया, तुर्की, इज़राइल, इराक और जॉर्डन आदि देश आते हैं। दावा यह भी किया जा रहा है कि 10 हजार साल पहले मटर की खेती मध्य पूर्व में की गई थी और चार हजार साल पहले मटर की खेती पूरे यूरोप और पूर्व भारत में फैल गई थी। इसी दौरान चीन में भी इसकी उत्पत्ति हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चरकसंहिता में नहीं है मटर का वर्णन
विशेष बात यह है कि 2000 ईसा पूर्व हड़प्पा संस्कृति में मटर की खेती की जानकारी मिली है। विशेषज्ञों का कहना है कि उस युग में गेहू, जौ, मटर, बाजरा, कपास सरसों, राई, तिल आदि की खेती की जा रही थी। इसके अलावा भी मटर की उत्पत्ति को लेकर अलग अलग सेंटर बताए जा रहे हैं, लेकिन इस बात को लेकर कोई भ्रम नहीं है कि दुनिया में मटर का सेवन हजारों साल से किया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि ईसा पूर्व सातवीं-आठवीं शती में लिखे गए आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ में मटर को वर्णन नहीं है। इस मसले पर आयुर्वेदाचार्यों का कहना है कि असल में शुरुआती दौर में मटर को जंगली फसल माना जाता था। बाद में इसकी खेती की गई। संभव है कि जंगल में उगने के चलते इस ग्रंथ में इसका वर्णन न किया गया हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भोजन को स्वादिष्ट बनाती है मटर
सब्जी के रूप में मटर लाजवाब है। यह दलहन फसल है और कई सब्जियों के साथ इसका मेल भोजन में अतिरिक्त स्वाद भर देता है। सर्दी के मौसम में तो हर सब्जी के साथ मिलाकर इसकी सब्जी बनाई जाती है। साथ ही मटर के भरवां पराठे और मटर की दाल भी मन मोह लेती है। समोसे में तो आलू के साथ मटर का महत्व है। अब तो मटर को 12 महीने खाया जाता है। सर्दियों के अलावा बाकी मौसम के लिए छिलके से मटर के दानों को निकालकर उन्हें वैक्यूम कर फ्रोजन कर लिया जाता है। उसके बाद इसे कभी भी खाया जा सकता है। वैसे आहार विशेषज्ञ फ्रोजन मटर को शरीर के लिए स्वास्थकारी नहीं मानते। उनका कहना है कि इससे इसका स्वाद भी बदल जाता है। साथ ही फ्रोजन मटर में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है, जो सेहत के लिए हानिकारक मानी जाती है। मटर की दाल भी बनती है। इसे सुखाकर जब इसे दबाया जाता है तो यह दो टुकड़ों में बंट जाती है, जो दाल के रूप में काम आती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हृदय रोग व स्ट्रोक के जोखिम को कम करती है मटर
गुणों के मामले में यह छोटा दाना ‘भरपूर’ है। इसमें मटर में विटामिन ए, सी, डी और ई पाए पाए जाते हैं जो शरीर में कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकते हैं। इसमें कुछ न्यूट्रिएंट्स भी पाए जाते है जो हड्डियों को मजबूत बनाते है। फूड एक्सपर्ट व होमशेफ सिम्मी बब्बर का मानना है कि मटर में फाइबर की पर्याप्त मात्रा होता है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों और अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकाल देता है, जिससे हृदय रोग व स्ट्रोक के जोखिम कम हो जाते हैं। मटर खाने से रक्त वाहिकाओं में रक्त के थक्कों का जोखिम कम हो जाता है। यह शरीर के पित्त को भी खत्म करने में सहायता करती है। इसमें आयरन भी होता है, जो एनीमिया को रोकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ज्यादा सेवन से पाचन व गैस की समस्या
मटर शरीर को निखारता भी है। अगर कुछ दिनों तक मटर के आटे का उबटन चेहरे पर मला जाए तो झाई और धब्बे रुक जाते हैं। ताजा मटर के दानों को पीसकर शरीर के जले हुए स्थान पर लगाने से जलन शांत हो जाती है। सामान्यत: मटर खाने से कोई नुकसान नहीं है, लेकिन अधिक मात्रा शरीर के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। इसमें ज्यादा कार्बोहाइड्रेट होता है। इसलिए ज्यादा मात्रा में खाने से इसे पचाने में समस्या आएगी। ज्यादा मटर खाने से डायरिया की समस्या आ सकती है। यह गैस भी पैदा करेगी। मटर में मौजूद एक तत्व ऐसा है कि अगर इसे ज्यादा खाया जाए तो गठिया रोग हो सकता है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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