राजपुर में चार राहगीरों की मौत का जिम्मेदार प्रशासनः सूर्यकांत धस्माना

बुधवार रात्रि तेज रफ्तार मर्सिडीज कार चालक द्वारा छह लोगों को रौंदने और हादसे में चार श्रमिकों की मौके पर मौत व दो घायल होने की इस घटना के लिए प्रशासन जिम्मेदार है। उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने ये आरोप लगाया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि देहरादून प्रशासन ने राजपुर रोड में डायवरजंट से लेकर पुराने राजपुर तक के क्षेत्र को मौत का कुंआ बना दिया है। आज दोपहर घटना स्थल पर पहुंचकर धस्माना ने पत्रकारों को मौके पर बुलाया। वहीं से फेस बुक लाइव करते हुए पूरे घटना क्रम के लिए देहरादून प्रशासन के साथ ही पूर्व जिलाधिकारी सोनिका और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारियों व लोक निर्माण विभाग को ऐसी दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि डाइवर्जेंट से लेकर पुराने राजपुर तक सड़क के दोनों ओर साइकिलिंग ट्रैक बनाने के नाम पर करोड़ो रुपए खपाने के लिए पिलर लगा कर सड़क को संकरी कर दिया। धस्माना ने कहा कि जब यह कार्य शुरू किया जा रहा था, तभी तत्कालीन जिलाधिकारी सोनिका को उन्होंने स्वयं बात करके पिलर लगाने का विरोध किया था। इस पर जिलाधिकारी ने पहले कहा कि साइकिलिंग ट्रैक बनवा रहीं हैं। बाद में पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह काम वे नहीं, बल्कि पीडब्ल्यूडी करवा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एमडीडीए जिला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ ही सभी जिम्मेदार से पिलर लगाने से आने वाली दिक्कतों के बारे में बताया। सभी एक दूसरे पर टालते रहे। धस्माना ने कहा कि पिलर लगाने से डायवरजेमेंट से लेकर ओल्ड मसूरी रोड मोड तक कैफे बार होटल व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों के ग्राहकों की गाड़ियां सड़क के दोनों ओर पार्क कर दी जाती हैं। इससे राजपुर रोड पर दोनों ओर से आने जाने वाले ट्रैफिक के लिए सड़क संकरी हो जाती है व ओवरटेक के चक्कर में रोजाना इस क्षेत्र में दुर्घटनाएं घट रही हैं। साथ ही अनेक मौत हो चुकी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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उन्होंने कहा कि बुधवार रात्रि को तो छह लोग रौंद दिए गए, जिनमें चार लोगों की मौत हो गई। उन्होंने सवाल उठाया कि पूरे क्षेत्र में एक दर्जन से ज्यादा बार अंग्रेजी व देसी शराब का ठेका होने से शाम होते ही पूरी रोड गाड़ियों से पट जाती हैं। इसी कारण वहां आए दिन दुर्घटनाएं घट रही हैं। धस्माना ने कहा कि सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक बात यह है कि राज्य की अधिकांश नौकरशाही इसी राजपुर रोड में टिहरी हाउस में रहती है। इससे मात्र चार सौ मीटर की दूरी पर यह हादसा हुआ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि दो वर्ष पूर्व तक इस रोड पर डाइवर्जेंट पार करते ही ट्रैफिक पुलिस की इंटरसेप्टर गाड़ी खड़ी होती थी, जो आने जाने वाली गाड़ियों की रफ्तार को चेक कर ओवर स्पीडिंग वाले लोगों का चालन करती थी। पिछले दो वर्षों से वो इंटरसेप्टर हटा ली गई और इस पूरे छेत्र में रेस लगाने वाले बाइकर्स कारों को लोगों को रौंदने की पूरी छूट दे दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि प्रशाशन को सबसे पहले तत्काल सड़क के दोनों ओर लगाए गए पिलर हटाने चाहिए। क्षेत्र में जितने भी रेस्टोरेंट कैफे बार व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं, उनकी अपनी पार्किंग न होने पर उनको बंद करना चाहिए। राजपुर रोड में जाखन से लेकर ओल्ड मसूरी रोड पर दो इंटरसेप्टर गाड़ियां स्थाई रूप से तैनात होनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने इस बात पर गहरा दुख प्रकट किया कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद क्षेत्र के विधायक ना तो घटना स्थल पहुंचे और ना उन्होंने मृतकों व घायलों के परिजनों की कोई सुध ली। बुधवार की रात साढ़े आठ बजे की घटना के पश्चात आरोपी कार ले कर फरार हो गया व कार घटना के पंद्रह घंटे बाद बरामद हुई। यह स्मार्ट सिटी की स्मार्ट पुलिसिंग की पोल खोलती है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।