पैसे देकर एक नाइट के लिए युवती को ले गया होटल, स्मैक की डिमांड पर कर दी हत्या, जानिए कितना खतरनाक है शातिर

आरोपी को पुलिस ने श्रीनगर गढ़वाल से गिरफ्तार किया। उसने बताया कि वह पैसे देकर महिला को होटल में लाया था। रात को महिला ने स्मैक की डिमांड कर दी। आरोपित कहने लगा कि वह बाद में उसे स्मैक दिलाएगा, लेकिन युवती इसी बात पर अड़ी रही कि पहले उसे स्मैक लाकर देनी पड़ेगी, उसके बाद दूसरा काम होगा। जब महिला नहीं मानी तो आवेश में आकर उसने युवती का मुंह दबाकर हत्या कर दी।
इसके बाद उसने युवती की लिपस्टिक ली और दीवार पर लिखने की कोशिश की। लिपस्टिक खत्म होने के कारण वहां उसे पूरा नहीं कर पाया। इसलिए उसने उसे मिटाने की कोशिश की। घटना को अंजाम देने के बाद वह देहरादून से पहले दिल्ली गया उसके बाद वहां से मथुरा और उसके बाद सीधा पौड़ी चला गया।
गौरतलब है कि 14 मार्च को देहरादून में राजपुर रोड स्थित धारा चौकी के निकट एक होटल के कमरे में युवती की लाश मिली थी। 21 साल की ये युवती एक युवक के साथ कमरे में रुकी थी। युवती की पहचान नुसरत उर्फ मुस्कान निवासी चंद्रबनी के रूप में हुई है। वह एक युवक के साथ रात को होटल में रुकी थी।
ऐसे हुई महिला की शिनाख्त
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून डॉ. वाइएस रावत ने बताया कि मृतका की शिनाख्त के लिए होटल के आस-पास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चैक की गई तो उसके एक ऑटो से उक्त होटल तक आना ज्ञात हुआ। इस पर पुलिस टीम ने उक्त ऑटो चालक की तलाश कर उससे जानकारी की। ऑटो चालक ने बताया गया कि मृतका का नाम मुस्कान है तथा वह जावेद की पत्नी है।
पति करवाता था गलत काम
इस पर पुलिस टीम द्वारा जावेद को पूछताछ के लिए बुलाया। जावेद ने स्वीकार किया कि वह मुस्कान से गलत काम कराता था। घटना के दिन सुनील नाम के व्यक्ति के साथ उसे एम्बेसडर होटल में भेजा था।
आइडी मिली, लेकिन निकला दूसरा व्यक्ति
घटना के अनावरण के लिए पुलिस टीम ने घटना स्थल की तलाशी लेते हुए होटल के स्टाफ से महिला के साथ रूके व्यक्ति के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। कमरे की बुकिंग के लिए दी गयी आईडी प्राप्त की। आईडी सुनील कुमार पंत पुत्र गिरीश चन्द्र पंत निवासी जसपुर ऊधमसिंह नगर के नाम पर थी। इस पर एक टीम को तत्काल ऊधमसिंहनगर रवाना करते हुए सुनील कुमार पंत को पूछताछ के लिए देहरादून लाई। उसने बताया कि वह दिनांक 10 मार्च को बाइक से जसपुर से ऋषिकेश एम्स में उपचार के लिएआया था। चण्डीपुल हरिद्वार के आस-पास उसने शराब का सेवन पी। नशा अधिक होने के कारण उसका पर्स या तो कहीं गिर गया या किसी ने उसे निकाल लिया। उक्त पर्स मे उसकी आईडी व अन्य दस्तावेज थे। इसकी गुमशुदगी उसके 11 मार्च को वापस जसपुर लौटने के बाद जसपुर थाने में दर्ज करायी।
पेंट के टैग से टेलर के पास पहुंची पुलिस
इस पर पुलिस ने हरिद्वार चण्डीपुल व उसके आस-पास के क्षेत्रों के सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों को खंगाला, लेकिन कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी। इसी बीच पुलिस टीम को होटल के कमरे से एक पैन्ट बरामद हुई। जिसमें हेम टेलर्स सेलाकुई का टैग लगा हुआ था। जिस पर पुलिस ने सेलाकुई जाकर उक्त टेलर से आवश्यक पूछताछ की। उसने बताया गया कि12 मार्च को एक व्यक्ति ने जिसने अपना नाम सुनील बताया गया, उसकी दुकान पर आया। उसने उससे दो पैंट व एक शर्ट सिलवाने को दी। 13 मार्च को वह कपड़े लेकर चला गया।
गेस्ट हाउस में भी रुका था सुनील की आइडी से
टेलर की दुकान के आस-पास के सीसीटीवी कैमरो की फुटेजों को चेक किया गया तो उक्त फुटेजों में एक सदिंग्ध व्यक्ति दिखा। उसका हुलिया होटल व आस-पास के सीसीटीवी कैमरों से प्राप्त आरोपी के हुलिये से मिलता-जुलता प्रतीत हुआ। इस पर पुलिस ने उसके आने के मार्ग के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने के लिए फुटेज चैक किए। पता चला कि वह 12 मार्च को भी सेलाकुई स्थित स्वागत गेस्ट हाउस में भी सुनील कुमार पंत की आईडी से रुका था।
हिमाचल की बस में जाता दिखा
इसी बीच अन्य टीमों ने घटना के बाद अभियुक्त के होटल से निकलकर भागने के मार्ग फुटेज चैक किये गये तो अभियुक्त घटना के बाद पैदल-पैदल घंटाघर से प्रिंस चैक होते हुए रेलवे स्टेशन तक तथा वहां से टैम्पो के माध्यम से आईएसबीटी तक जाता हुआ दिखाई दिया। आईएसबीटी पर लगे कैमरों की फुटेज चेक करने पर वह हिमांचल रोडवेज की बस में बैठकर जाता हुआ दिखाई दिया। इस पर पुलिस टीम ने उक्त वाहन की जानकारी रो लिए लच्छीवाला स्थित टोल प्लाजा से उस दिन गुजरने वाली हिमाचल रोडवेज की सभी बसों के नम्बर प्राप्त किये गये। उनके चालक व परिचालकों को फुटेज से प्राप्त अभियुक्त का फोटो दिखाते हुए उसके सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी। एक बस के परिचालक द्वारा बताया गया कि उक्त हुलिये से मिलता-जुलता व्यक्ति उनकी बस से हरिद्वार में उतरा था। इस पर तत्काल अलग-अलग टीमें गठित करते हुए उन्हें ऋषिकेश व हरिद्वार रवाना किया गया तथा अभियुक्त के हुलिये से मुखबिर तंत्र को अवगत कराते हुए उन्हें सक्रिय किया गया।
शातिर के रूप में हुई पहचान
अभियुक्त की तलाश के दौरान ऋषिकेश में पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि उक्त हुलिया एक व्यक्ति विजय उर्फ बिट्टू सिंह रावत पुत्र पृथ्वी सिह निवासी ग्राम गेरूड, थाना थराली जिला चमोली के हुलिये से मिलता जुलता है।, जिसके विरूद्ध पूर्व में थाना ऋषिकेश, रानीपोखरी तथा कोटद्वार में चोरी व ठगी के अभियोग पंजीकृत हैं। अभियुक्त की तलाश के लिए हरिद्वार गयी टीम ने आईएसबीटी हरिद्वार व अन्य सम्भावित स्थानों के सीसीटीवी फुटेज चैक किये गये तो पुलिस टीम को वह ऋषिकुल बस अड्डे से अलीगढ की बस में सवार होकर जाता दिखाई दिया। बस के परिचालक से सम्पर्क कर जानकारी प्राप्त की तो ज्ञात हुआ कि उक्त व्यक्ति मथुरा स्टेशन पर उतर गया था। जिस पर एक टीम को तत्काल मथुरा रवाना किया गया।
मथुरा से मिले ये जानकारी
मथुरा पहुंचकर अभियुक्त के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने पर स्थानीय सूत्रों के माध्यम से टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि उक्त वह 14/15 मार्च को हरिद्वार से मथुरा आया था। जो सम्भवत: किसी अन्य घटना को अजांम देने के लिये वापस हरिद्वार चला गया है। इस बीच पुलिस टीम को अभियुक्त के कुछ सम्भावित नम्बरो के सम्बन्ध में जानकरी प्राप्त हुई। जिसकी लोकेशन हरिद्वार से टिहरी के रास्ते चमोली जाने वाले मार्ग में होना ज्ञात हुआ।
ऐसे हुई गिरफ्तारी
इस पर तत्काल चमोली व श्रीनगर पुलिस से सम्पर्क स्थापित कर उन्हें मुकदमा उपरोक्त में वांछित अभियुक्त के हुलिये से अवगत कराया गया तथा अभियुक्त की फोटो व्हाट्सअप के माध्यम से भेजी गयी। इसी बीच श्रीनगर पुलिस के माध्यम से पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि देहरादून पुलिस द्वारा उपलब्ध कराये गये फोटो के हुलिये के व्यक्ति को चेकिंग के दौरान पकडा गया है। जिसकी फोटो मंगाने पर तस्दीक किया गया कि यह व्यक्ति ही वांछित अभियुक्त विजय उर्फ बिट्टू है। इस पर तत्काल टीम द्वारा श्रीनगर पहुंचकर अभियुक्त उपरोक्त को मुकदमा उपरोक्त में हिरासत पुलिस लेते हुए देहरादून लाया गया।
दसवीं पास है आरोपी
पूछताछ के दौरान विजय उर्फ बिट्टू सिंह ने बताया कि वह दसवीं पास है। नौकरी न लगने के कारण अपने खर्चों की पूर्ति के लिये चोरी व ठगी की घटनाओं को अजांम देता है। पूर्व में 2019 में कोटद्वार व ऋषिकेश में स्कूटी व मोबाइल चोरी की घटना की थी। जिसमें ऋषिकेश ने गिरफ्तार किया था। लगभग 08 माह सुद्धोवाला जेल में रहा। जहां से सजा पूरी करने के पश्चात कोटद्वार में पंजीकृत अभियोग में मैं पौडी जेल चला गया था। वहां भी सजा पूरी होने के पश्चात लाकडाउन के दौरान पैदल-पैदल श्रीनगर पहुंचा वहां पर उसने एक वैडिंग प्वांइट में खाना बनाने का कार्य किया।
नौकरी की और पैसे चुराकर भागा
उसने अपने मालिक विश्वास जीत लिया था। जिस पर मालिक ने उसे अपने कमरे की चाबी सौंप दी थी। मौका पाकर वहां से मालिक के रूपये चुराकर फरार हो गया। इसके पश्चात कुछ समय के लिये वह ऋषिकेश में रहा। पैसा खत्म होने के बाद वहां से किसी तरह अल्मोडा पहुंचा। वहां भी किसी दुकान में 10 से 15 दिन काम करने बाद एक परिचित की बाइक व पैसे लेकर वहां से भागकर देहरादून आ गया। उक्त मोटर साइकिल को चेकिंग के दौरान पुलिस ने सीज कियाथा। इसके पश्चात पकड़े जाने के डर से देहरादून से भागकर हरिद्वार चला गया।
हरिद्वार में होटल में की नौकरी, गल्ले से पैसे लेकर हुआ फरार
हरिद्वार में उसने एक होटल में रूम सर्विस का कार्य किया। तथा वहां दो-तीन दिन काम करने के बाद मौका देखकर होटल के गल्ले से लगभग 40 हजार रूपये व एक मोबाइल चोरी कर लिया। इसके बाद वहां से भागकर देहरादून सेलाकुई आ गया तथा वहां एक गेस्ट हाउस में रूक गया। गेस्ट हाउस में उसने सुनील कुमार पंत की आईडी दी। जो उसे हरिद्वार में एक व्यक्ति की जेब से चुराये गये पर्स से प्राप्त हुई थी।
मुस्कान को लेकर गया होटल
दो दिन सेलाकुई में रूकने के बाद उसका संपर्क मुस्कान नाम की महिला से हुआ। उसके साथ वह 13 मार्च की रात्रि को देहरादून के एम्बेसडर होटल में रूका। रात्रि में वह महिला शराब पीने के बाद उससे स्मैक मांगने लगी। स्मैक न होने की बात कहने पर वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। काफी देर तक उसे शान्त करने का प्रयास किया पर वह नंही मानी। इस पर उसने गुस्से में आकर उसका गला दबाकर हत्या कर दी। देर रात को निकला होटल से
घटना के बाद वह वहां से भागने की फिराक में था, परन्तु होटल में लोगों की आवाजाही अधिक होने के कारण कुछ समय के लिये वहीं रूक गया। रात्रि में मौका देखकर वह वहां से बाहर आ गया तथा पैदल-पैदल रेलवे स्टेशन तक पहुंचा। वहां से टैम्पो पकडकर आईएसबीटी गया और हिमाचल रोडवेज की बस पकड कर हरिद्वार चला गया। हरिद्वार से वह अलीगढ की बस पकडकर मथुरा पहुंचा तथा दो-तीन दिन वहां रूकने के बाद में अपने घर चमोली जा रहा था। तभी श्रीनगर के पास पुलिस ने चेकिंग के दौरान उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
शारित किस्म का अपराधी है विजय
पुलिस के मुताबिक अभियुक्त विजय उर्फ बिट्टू बेहद शातिर किस्म का अपराधी है। जिसके द्वारा हरिद्वार, कोटद्वार, अल्मोडा तथा अन्य स्थानों पर चोरी व ठगी की कई घटनाओं को अंजाम दिया गया है। अभियुक्त बेहद शातिर तरीके से पहले किसी होटल में रूम सर्विस का काम करता है तथा फिर मालिक को अपने विश्वास में लेकर मौका लगते ही वहां से चोरी की घटना को अंजाम देकर फरार हो जाता है। चोरी में प्राप्त आईडी का इस्तेमाल अभियुक्त किसी स्थान पर रूकने के लिये करता था, अभियुक्त द्वारा अपना कोई ऐसा पहचान पत्र अथवा आईडी नहीं बनाया गया था, जिससे कि किसी घटना को करने के बाद पुलिस उस तक पहुंच सके। अन्य व्यक्तियों से सम्पर्क करने के लिये भी वह चोरी के नम्बरों का ही इस्तेमाल किया करता था। किसी भी मोबाइल व आईडी को एक बार इस्तेमाल करने के पश्चात फेंक दिया करता था। उसके खिलाफ पहले से देहरादून में तीन और पौड़ी जिले में एक मुकदमा दर्ज हैं।
इनाम की घोषणा
एसएसपी देहरादून ने इस घटना का अनावरण करने वाली पुलिस टीम को 2500 रुपये के पुरस्कार की घोषणा की।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
बहुत खतरनाक कार्य, उत्तराखंड में भी ऐसी घटनाएं हो रही है