Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

March 11, 2025

अर्धकुंभ में परिवार से बिछुड़ी महिला इस कुंभ में मिली, अपनों को देख छलकी आंखे, कर चुकी थी कई तीर्थ स्थलों की यात्रा, जानिए कहानी

वर्ष 2016 में अर्धकुंभ में परिवार वालों से बिछुड़ी एक महिला पांच साल बाद इस बार कुंभ में अपनों से मिली। पुलिस के प्रयास से महिला को परिजनों से जब मिलाया गया तो परिवार के लोगों को देख उसकी आंखे छलकने लगी।


मेलों में अपनों से बिछुड़ने की कहानी तो सबने सुनी होंगी, लेकिन उसी मेले में पांच साल बाद अपने से मिलने की ये अनोखी कहानी है। वर्ष 2016 में अर्धकुंभ में परिवार वालों से बिछुड़ी एक महिला पांच साल बाद इस बार कुंभ में अपनों से मिली। पुलिस के प्रयास से महिला को परिजनों से जब मिलाया गया तो परिवार के लोगों को देख उसकी आंखे छलकने लगी।
हरिद्वार कुंभ मेले में उत्तराखंड पुलिस का हाइटैक खोया पाया केंद्र अपनों से बिछुड़ने वालों के लिए वरदान साबित हो रहा है। यह केन्द्र अब तक तकरीबन 400 लापता लोगों को उनके अपनों से मिलावा चुका है। वहीं, इस केन्द्र के सामने बुधवार सात अप्रैल को एक आश्चर्यजनक घटना घटित हुई। इसमें एक महिला अपनों से अर्धकुम्भ 2016 में बिछुड़ी और अब कुंभ के दौरान त्रिवेणी घाट में अपनों से मिली।
श्रीमती कृष्णा देवी पत्नी ज्वाला प्रसाद ग्राम नदे पार पोस्ट जोगिया उदयपुर जिला सिद्धार्थ नगर उत्तर प्रदेश वर्ष 2016 में हरिद्वार में आयोजित अर्ध कुंभ मेले में स्नान के लिए घर से निकली थी। वह वापस घर वापस नहीं लौटी तो परिजनों ने उन्हें कई स्थानों पर तलाश किया, लेकिन उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई।


अब हरिद्वार कुंभ में बने खोया पाया केन्द्र ने कृष्णा देवी को उनके पुत्र दिनेशवर पाठक से संपर्क कर उसे कुंभ मेला पुलिस की सत्यापन प्रति दिखला कर उसकी माता जी के सही सलामत ऋषिकेश में निवासरत होने की सूचना दी। खबर मिलते ही सभी हतप्रभ हो गए। इसकी किसी को आस नहीं थी।
सूचना मिलते ही दिनेश्वर पाठक और उनकी पुत्री उमा उपाध्याय कुंभ मेला थाना ऋषिकेश पहुंचे। जहां कृष्णा देवी को उनके सुपुर्द कर दिया। कृष्णा देवी ने अपने परिजनों को बताया कि गुमशुदगी के दौरान वह हरिद्वार, अयोध्या, मथुरा, वृंदावन गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ, केदारनाथ आदि की यात्रा कर चुकी है।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page