Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 8, 2024

दून की धरती पर भी दिख रहा है चांद जैसा नजारा, दोनों में है सिर्फ ये फर्क

इन दिनों समाचार पत्रों, न्यूज चैनलों के साथ ही सोशल मीडिया में चांद पर ही बात हो रही है। चंद्रयान 3 के लैंडर विक्रम की सफल लैडिंग और उससे रोवर के बाहर निकलने को लेकर लोग इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दे रहे हैं। चांद की तस्वीरें चंद्रयान के चांद पर लैंड करने से पहले आने लगी थी। ऐसी ही एक तस्वीर को देखकर हम कह सकते हैं कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में इसी तरह का नजारा दिख सकता है। सिर्फ इन दो तस्वीरों में फर्क ये है कि चांद की तस्वीर में पानी नहीं है और दून की जो तस्वीर है, उसमें पानी भरा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जी हां, चांद की अभी तक जितनी भी तस्वीरें सामने आई हैं, उसमें चांद की जमीन समतल दिखाई नहीं दो रही है। उसमें गोल गोल गड्ढे नजर आ रहे हैं। इसी तरह देहरादून में भी सड़कों का यही हाल है। स्मार्ट सिटी के नाम पर पूरे शहर की मुख्य सड़कों के साथ ही गली मोहल्लों की सड़कें खोद दी हैं। ऐसी सड़कों की फोटो भी लोग सोशल मीडिया में डाल कर सवाल पूछ रहे हैं कि चांद पर चंद्रयान उतर गया, लेकिन दून की सड़कों पर किसी व्यक्ति के चलने के लिए सुरक्षित जगह तक नहीं बची है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

स्थिति ये है कि प्रदेश की अस्थायी राजधानी की सड़कों का इस कदर बेहाल हो रखा है कि गड्ढों व कीचड़ के बीच कहीं सड़क ढूँढ कर भी नहीं दिखाई दे रही है। खासकर लोगों के लिए दुपहिया वाहन चलाना ही मुश्किल हो चुका है। स्मार्ट सिटी के नाम पर करीब तीन साल से देहरादून का यही हाल है। हालत बद से बदतर होती जा रही है। लोगों का कहना है कि सुबह-सुबह अखबार के पन्ने पलटो, फेसबुक, व्हाट्सअप या विज्ञापन पर नजर दौडाओ तो चारों तरफ विकास ही विकास की खबरें पढ़ने को मिलती हैं। सरकार का फोकस 2024 पर है। उसके लिए सड़क जब बने उसकी अहमियत नहीं है, लेकिन सरकार के प्रचार में कहीं कोई कसर ना रह जाए, चिंता इस बात की है। वरिष्ठ नागरिक प्रभुपाल रावत के मुताबिक, उन्होंने तो अस्पताल, कैन्टीन, बाजार आदि आना जाना ही छोड़ दिया है। कारण ये है कि न जाने कब बीच सड़क के गड्ढों की वजह से दुर्घटना का शिकार ना हो जाएं।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page