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November 11, 2024

अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद नेताओं की हुई बैठक, लिए गए ये निर्णय

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड की कार्मिक हित संबंधित मांगों को लेकर अपर मुख्य सचिव कार्मिक, सतर्कता एवं वित्त विभाग आनंद बर्धन की अध्यक्षता में परिषद नेताओं की बैठक हुई। इसमें परिषद की ओर से नेतृत्व करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डे एवं प्रदेश महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट ने कार्मिकों की मांगों को पुरजोर तरीके से रखा।(खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

परिषद के प्रदेश प्रवक्ता आरपी जोशी ने बताया कि बैठक में परिषद द्वारा रखी गई मांगो पर शासन के अधिकारियों ने सकारात्मक रवैया अपनाया। इससे उक्त मांगों में से कई महत्वपूर्ण मांगों का निर्णायक निष्कर्ष निकलने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

परिषद की प्रमुख मांगें एवं शासन स्तर पर निर्णय
1.एसीपी के अन्तर्गत 10, 16 एंव 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नत वेतनमान दिये जाने हेतु विभिन्न विभागों में तीन पदोन्नति न प्राप्त कर सकने वाले कार्मिकों का संवर्गवार आंकडा वित विभाग के पास एकत्र हो चुका है। तद्नुसार उक्त सुविधा को पूर्व की भॉति बहाल किया जाय ।
निष्कर्ष – वित्त विभाग के पास विभिन्न विभागों के एकत्रित डाटा का वित्त विभाग द्वारा व्यय का परीक्षण कर लिया गया है। जल्द ही सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।
2.वेतन समिति के सम्मुख विभिन्न संवर्गों की वेतन विंसगति दूर करने के लिए मजबूत पैरवी की गयी। साथ ही दिनांक 12.08.2022 की वार्ता में वेतन समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की गई।
निष्कर्ष – वेतन समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने पर विचार कर शीघ्र निर्णय किया जाएगा।
3.गोल्डन कार्ड के अन्तर्गत ओपीडी में जनऔषधि केन्द्रों से कैशलैस दवा एवं सुपर स्पेश्लिस्ट पंजीकृत चिकित्सालयों में कैशलैस जांच की व्यवस्था की जाए।
निष्कर्ष – इस मांग पर सहमति व्यक्त की गई है। साथ ही मंत्री को पत्रावली अनुमोदन के लिए भेजी गई है। शीघ्र आदेश जारी किया जाएगा।
4.परिषद के संज्ञान में यह आया है कि वर्तमान में कार्मिकों द्वारा गोल्डन कार्ड के अन्तर्गत चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए प्रस्तुत किये गए बिल की धनराशि योजनान्तर्गत कटौती के माध्यम से जमा की जा रही धनराशि के आसपास अथवा अधिक होने से भुगतान में कठिनाई आ रही है। इस सम्बन्ध में सरकार को भी पूर्व की व्यवस्थानुसार चिकित्सा प्रतिपूर्ति की धनराशि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को उपलब्ध कराई जाए।
निष्कर्ष – प्राधिकरण को निर्देश दिए गए कि परिक्षण कर विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करे।
5.आयुष चिकित्सालयों में चिकित्सा कराए जाने चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति का प्राविधान कर दिया गया है, किन्तु इसके बिलों को प्रतिहस्ताक्षरित करने के लिए आयुष निदेशालय ही प्रेषित करना होता है, जिससे अनावश्यक विलम्ब होता है। आयुष सम्बन्धी बिलों को भी जनपद स्तरीय सम्बन्धित अधिकारी को प्रतिहस्ताक्षर के लिए अधिकार दिए जाए।
निष्कर्ष – स्वास्थ्य विभाग की भांति प्रतिहस्ताक्षर के अधिकार दिए जाने पर सहमति व्यक्त की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

6.सेवानिवृत्त कार्मिकों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए बिल आहरण वितरण अधिकारी अथवा सम्बन्धित कोषागार के माध्यम से प्रस्तुत करने की व्यवस्था चिकित्सा विभाग द्वारा जारी शासनादेश में की गई है । किन्तु वित्त विभाग से शासनादेश जारी न होने के कारण कतिपय कोषागार इस सम्बन्ध में आनाकानी कर रहे हैं। अतः इस हेतु वित्त विभाग द्वारा भी शासनादेश निर्गत किया जाए।
निष्कर्ष – वित्त को इसके लिए निर्देशित किया गया।
7.विभिन्न विभागीय सघों की ओर से की गयी मांग पर विभिन्न घटक संघों की शासनस्तर पर वार्ता अयोजित की जाय। साथ ही जनपद, मण्डल एवं शासन के स्तर पर कार्मिक संगठनों के साथ बैठक के लिए कार्मिक सचिव द्वारा जारी किये गये निर्देश के अनुसार बैठकें आयोजित की जाएं।
निष्कर्ष – विभागाध्यक्षों एवं सचिवों को प्रत्येक तीन माह में अनिवार्य रुप बैठक किए जाने के लिए दिए गए निर्देश की अनुपालन आख्या मांगी जाएगी।
8.राजकीय कार्य के लिए यात्रा में भारत सरकार की भांति 5400 ग्रेड पे प्राप्त कर रहे कार्मिकों को हवाई यात्रा की सुविधा अनुमन्य की जाय। साथ ही यात्रा अवकाश सुविधा (एलटीसी) में अधिकतम 15 दिन अथवा वास्तविक यात्रा के आधार पर अवकाश की व्यवस्था की जाय।
निष्कर्ष – वित्त विभाग की ओर से भी सहमति दे दी गई है, अगली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा।
9.वाहन भत्ता प्रतिमाह 1200 रू0 से बढाकर 2500 रू0 किया जाय। विभिन्न विभागों में वाहन भत्ते के लिए विभागाध्यक्ष के स्तर से अनुमन्यता का निर्णय किया जाय।
निष्कर्ष – वाहन भत्ता बढ़ाए जाने पर सहमति दी गई है, यथाशीघ्र आदेश जारी किया जाएगा।
10.विभिन्न विभागों में पदोन्नति सेवा नियमावली एवं पुर्नगठन के लिए मुख्य सचिव के स्तर पर बैठक आयोजित की जाय।
निष्कर्ष – प्रत्येक विभाग से वन टू वन बैठक कर औचित्यपूर्ण कार्यवाही की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

11.समस्त निगम, निकाय, विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, अशासकीय विद्यालय सहित अन्य समान प्रकृति के कार्मिको को राज्य कर्मियों की भांति समस्त सुविधाएं अनुमन्य करने का निर्णय शासन स्तर पर किया जाय।
निष्कर्ष – परीक्षण किया जाएगा।
12.समस्त वर्दीधारियों को पुलिस कर्मियो की भांति सुविधाए अनुमन्य किए जाने की मांग पर शासन स्तर पर कार्यवाही लम्बित है। मांग पूर्ण कराई जाए।
निष्कर्ष – सहमति देने के साथ निर्णय लिया गया कि इसे बहुत जल्द कैबिनेट में लाए जाने पर विचार किया जाएगा।
13.एनपीएस के स्थान पर अन्य राज्यो यथा झारखंड, छतीसगढ व राजस्थान की भांति पुरानी पेशन व्यवस्था लागू की जाय।
निष्कर्ष – परीक्षण कराया जाएगा।
14.विभिन्न विभागों में एकलपदों की पदोन्नति के लिए ढॉचा पुनर्गठन किया जाय।
निष्कर्ष – इसके लिए विशेष बैठक की जाएगी।
15.आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों की सेवा बरकरार रखने के लिए सम्बन्धित को निर्देशित किया जाय।
निष्कर्ष – परीक्षण कराया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

16.राजधानी के विभागीय निदेशालयों एवं आयुक्त कार्यालयों में भी सचिवालय की भॉति 05 दिवसीय कार्यालय दिवस लागू किया जाय।
निष्कर्ष – विचार किया जाएगा।
17.दिनांक 30 जून एवं 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को वेतनवृद्वि का लाभ दिया जाय।
निष्कर्ष – सहमति देते हुए शीघ्र शासनादेश जारी करने का निर्णय हुआ।
18.पदोन्नति में शिथिलीकरण की अवधि को पुनः बढाया जाए तथा प्रोवेशन की शर्तों को हटाया जाए।
निष्कर्ष – परीक्षण कराया जाएगा।
19.हरियाणा राजस्थान एवं पंजाब राज्यों द्वारा राशिकरण की कटौती के समय में की गई कमी के दृष्टिगत उत्तराखण्ड के सेवानिवृत्त एवं सेवारत कार्मिकों के राशिकरण की कटौती पर भी समय में कमी की जाए।
निष्कर्ष – सैद्धान्तिक सहमति व्यक्त की गई।
20.वर्कचार्ज कर्मियों को मा उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशानुसार अनुमन्य की गई पेंशन व ग्रेच्युटी के भुगतान को लेकर आ रही समस्या के निराकरण के लिए शासन व सरकार के स्तर से कार्यवाही कर समस्या का समाधान किया जाए।
निष्कर्ष – बैठक कर परीक्षण किया जाएगा।
21.राज्य कर विभाग में अधिकारियों के पद तो बढा दिए गए हैं किन्तु निचले स्तर के पदों को नहीं बढाया गया है।
निष्कर्ष – पदों को बढाए जाने पर सहमति बन गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये रहे उपस्थित
बैठक में शासन की ओर से सचिव वित्त दिलीप जावलकर, सचिव मुख्यमत्री शैलेश बगौली, अपर सचिव कार्मिक ललित मोहन रयाल, अपर सचिव वित्त गंगा प्रसाद, अपर सचिव चिकित्सा स्वास्थ डा आनन्द श्रीवास्तव, डा. वीएस टोलिया, सहित परिषद की ओर से चौधरी ओमवीर सिहं, जगमोहन नेगी, सतपाल सैनी, संदीप पाण्डे, दीपक कुमार, राजेश प्रसाद, नीरज कुमार, लक्ष्मण सिहं रावत, एमपी उनियाल, केएस चौहान, गजेन्द्र सिंह, केएन घोष, संजय कुमार, राजा जोशी, एपी मौर्य मौजूद रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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