पृथ्वी के वायुमंडल में पहुंचे बड़ी संख्या में बैक्टीरिया, बारिश के साथ गिरेंगे धरती पर, दवा भी बेअसर
पृथ्वी के वायुमंडल में बड़ी संख्या में बैक्टीरिया और वायरस फैल गए हैं। ऐसा वैज्ञानिक शोधों में कहा गया है। ये बारिश और मरुस्थलीय आंधी में पृथ्वी के बाहरी वायुमंडल से दोबारा धरती पर आ रहे हैं। इसका मतलब है कि पृथ्वी पर पानी के साथ वायरस की बरसात हो रही है। वैसे तो बारिश की बूंदें अपने साथ सुकून लेकर आती हैं। कभी कभी ये अपने साथ बाढ़ जैसी आपदा को भी लेकर आती हैं। हाल ही में एक शोध में यह दावा किया गया है कि आसमान में बादल ऐसे बैक्टीरिया को दूर तक ले जा सकते हैं, जिनपर दवाओं का कोई असर नहीं होता है। एंटीबायोटिक-प्रतिरोध जीन ले जाने वाले बैक्टीरिया के लिए वातावरण एक बड़ा मार्ग है। आकाश में काले बादल अशुभ नहीं माने जाते हैं, क्योंकि वे आने वाले तूफान की ओर इशारा करते हैं। एक नए अध्ययन के मुताबिक ये बादल दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया को लंबी दूरी तक ले जाते पाए गए हैं। इस बात का खुलासा यूनिवर्सिटी लवल और यूनिवर्सिटी क्लेरमोंट औवेर्गने के कनाडाई और फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दुनियाभर में फैल सकते हैं ये बैक्टीरिया
Science of the total environment जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, शोधकर्ताओं ने बादलों के नमूनों से मिले बैक्टीरिया से एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी जीन का पता लगाया है। फ्रांस और कनाडा के शोधकर्ताओं की एक टीम ने इन बादलों को अशुभ माना है। शोध के मुख्य लेखक फ्लोरेंट रॉसी ने बताया कि आमतौर पर ये बैक्टीरिया पत्तियों या मिट्टी की सतह पर पाया जाता है। फ्लोरेंट ने बताया कि हवा से ये बैक्टीरिया वायुमंडल में पहुंच जाते हैं और बादलों के जरिए दुनिया में कहीं भी जा सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सैंपल में मिले बैक्टीरिया
सितंबर 2019 और अक्टूबर 2021 के बीच, मध्य फ्रांस के पुए डे डोम समिट, जोकि एक सोया हुआ ज्वालामुखी है। उसके ऊपर समुद्र तल से करीब 4 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित एक एट्मॉस्फियरिक रिसर्च स्टेशन से सैंपल लिए गए थे। इनकी जांच के बाद शोधकर्ताओं को पता चला कि क्लाउड वाटर के हर मिलीलीटर में 330 से लेकर 30,000 से भी ज्यादा बैक्टीरिया थे। यानी पानी के औसतन हर मिली में करीब 8,000 बैक्टीरिया मौजूद हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
खुद को विकसित कर लेते हैं बैक्टीरिया
दरअसल, जब बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं के संपर्क में आते हैं तो पीढ़ी दर पीढ़ी ये उनके प्रति अपनी प्रतिरोधक क्षमता को और विकसित कर लेते हैं। इससे दवा प्रतिरोध बढ़ रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक यह दुनिया भर में चिंता का विषय है। इस अडॉप्शन के कारण कुछ जीवाणु संक्रमणों का इलाज करना कठिन और यहां तक कि तो कुछ मामलों में असंभव भी हो रहा है। क्योंकि इलाज और कृषि में एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल बढ़ रहा है। जिस वजह से इनमें दवा प्रतिरोध भी बढ़ रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बारिश में भीगने से नहीं चाहिए डरना
रॉसी ने समझाया कि बैक्टीरिया के लिए वातावरण बहुत तनावपूर्ण है और जो बैक्टीरिया मिले हैं, उनमें से ज्यादातर पर्यावरणीय बैक्टीरिया थे। ये इंसानों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए उन्होंने कहा है कि लोगों को बारिश में भीगने से डरना नहीं चाहिए। शोधकर्ता रॉसी ने सुझाव दिया कि इनसे हैं खतरा कम है। उन्होंने बताया कि, बैक्टीरिया के लिए वातावरण बहुत तनावपूर्ण है और हमने पाया कि उनमें से अधिकांश पर्यावरणीय बैक्टीरिया थे, जिनके मनुष्यों के लिए हानिकारक होने की संभावना कम है। इसलिए लोगों को बारिश में टहलने जाने से नहीं डरना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्पष्ट नहीं है कि क्या ये जीन अन्य जीवाणुओं में फैलेंगे
उन्होंने कहा कि वायुमंडलीय निगरानी दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया के स्रोतों का पता लगाने में मदद कर सकती है। कोविड-19 और अन्य रोगजनकों के लिए अपशिष्ट जल परीक्षणों के समान है। खासकर उनके फैलाव को सीमित करने के लिए। इस खोज को साइंस ऑफ द टोटल एनवायरनमेंट जर्नल में प्रकाशित किया गया है। यहां बताते चलें कि, दवा प्रतिरोध तब होता है जब बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं के संपर्क में आते हैं और पीढ़ी दर पीढ़ी उनके प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित करते हैं। या यूं कहें कि इन बैक्टीरिया पर एंटीबायोटिक दवाओं का असर खत्म हो जाता है।
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