उत्तराखंड के तीन परिवार ने बनाया खूबसूरत मकान, पीएम मोदी से रूबरू होने का मिला मौका

उत्तराखंड के चमोली जिले के गौचर सहित अन्य जिलों के तीन दंपती को पीएम मोदी से वर्चुअल रूबरू होने का मौका मिला। इनदंपती ने खूबसूरत मकान का निर्माण किया तो उन्हें वर्चुअली सम्मानित भी किया गया। इस सम्मान से वे गदगद हैं। मौका था ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलाजी चैलेंज इंडिया (जीएचटीएसी-इंडिया) के अंतर्गत वर्चुअल कार्यक्रम का। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन में सर्वश्रेष्ठ निकाय तथा लाभार्थी आधारित निर्माण घटक के अंतर्गत निर्मित आवासों में से सर्वश्रेष्ठ निर्मित आवास के लाभार्थियों को भारत सरकार की ओर से आज पुरस्कृत किया गया।
शुक्रवार को संयुक्त सचिव एवं मिशन डायरेक्टर (एचएफए) आवासन एवं शहरी कार्यमंत्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली की ओर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लाभार्थियों से सीधा संवाद करते हुए उन्हें पुरस्कृत किया गया। लाभार्थी आधारित निर्माण घटक अन्तर्गत निर्मित आवासों में से सर्वश्रेष्ठ निर्मित आवास की कैटेगिरी में उत्तराखंड राज्य से चयनित गौचर, अगस्तमुनि तथा विकासनगर के एक-एक दंपति परिवार को सम्मानित किया गया।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का लाभ लेने वाले नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत गौचर निवासी रीना बिष्ट एवं उनके पति सफर सिंह बिष्ट को नए साल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रूबरू होने का तोहफा मिला। गौचर निवासी इस दंपती को पीएम आवास के तहत अच्छा घर बनाने के लिए सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री ने दंपती को वर्चुअली शील्ड व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने सभी को नए साल की शुभकामनाएं भी दीं।
पहले योजना का लाभ लेना और अब प्रधानमंत्री की ओर से सम्मानित होकर दंपती खुश है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन लाभार्थियों से रूबरू हुए, जिन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना(शहरी) का लाभ लेकर अच्छे घर बनाकर मिसाल पेश की है। कार्यक्रम में दंपती को सम्मानित करने के लिए चमोली जिले के कलक्ट्रेट स्थित एनआइसी में बुलाया गया था। सुबह 11 बजे से कार्यक्रम शुरू हुआ।
इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ साल पहले तक घर खरीदने वालों की बुरी हालत हुआ करती थी। घर के सपने को साकार करना मुश्किल काम था। पैसा दे देने पर भी मकान नहीं मिलता था। मकान खरीदने वाला पैसा चुका देता था और घर मिलने का इंतजार करता रहता था। मगर हमारी सरकार ने इस रवैये को बदल दिया है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।