उत्तराखंड के मुख्य सचिव से मिला राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का प्रतिनिधिमंडल, विभिन्न लंबित प्रकरणों में विस्तार से हुई चर्चा

उत्तराखंड राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव आनंद बर्धन से मुलाकात की। इस दौरान परिषद के प्रान्तीय अधिवेशन में राज्य कर्मियों के विभिन्न लम्बित प्रकरणों पर लिए गए निर्णयों पर कार्रवाई के लिए विस्तार से चर्चा की गयी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
परिषद नेताओं ने मुख्य सचिव को बताया कि इन समस्याओं का समाधान शासन के स्तर से किया जाना है। इसके लिए सभी बिन्दुओं पर कार्यवाही के लिए सम्बन्धित विभागों और अधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया। परिषद के प्रदेश अरूण कुमार पाण्डेय के नेतृत्व में इस प्रतिनिधिमंडल में सत्यपाल सैनी एवं चन्द्र प्रकाश भट्ट आदि मौजूद थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन बिंदुओं पर मुख्य सचिव का दिलाया ध्यान
1.एसीपी के अन्तर्गत 10, 16 एंव 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नत वेतनमान दिये जाने के लिए विभिन्न विभागों में तीन पदोन्नति न प्राप्त कर सकने वाले कार्मिकों का संवर्गवार आंकड़ा वित्त विभाग के पास एकत्र हो चुका है। तद्नुसार उक्त सुविधा को पूर्व की भॉति बहाल किया जाय।
2.वेतन समिति के सम्मुख विभिन्न संवर्गों की वेतन विंसगति दूर किये जाने के लिए मजबूत पैरवी की गयी। साथ ही 12.8.2022 की वार्ता में वेतन समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाय।
3.एनपीएस के स्थान पर अन्य राज्यो यथा पंजाब एंव राजस्थान की भांति पुरानी पेशन व्यवस्था लागू की जाय।
4.पदोन्नति में शिथिलीकरण के लिए नियमावली से प्रोवेशन की शर्त को हटाया जाय।
5.गोल्डन कार्ड के अन्तर्गत ओपीडी में जनऔषधि केन्द्रों से कैशलैस दवा एवं सुपर स्पेश्लिस्ट पंजीकृत चिकित्सालयों में कैशलैस जांच की जाय। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
6.परिषद के संज्ञान में यह भी आया है कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा मात्र कटौती की धनराशि से ही भुगतान किया जा रहा है, जबकि समस्त राज्यकर्मी एवं पेशनर चिकित्सा प्रतिपूर्ति के हकदार हैं। इसलिए चिकित्सा प्रतिपूर्ति एंव चिकित्सालयों के भुगतान में कम पड़ रही धनराशि को सरकार वहन करे।
7.आठवें वेतन आयेाग के सम्बध में भारत सरकार द्वारा अपने अर्द्धशासकीय पत्र के माध्यम से राज्यों से सुझाव आमन्त्रित किये गये हैं। उक्त के क्रम में मांग है कि परिषद को आमन्त्रित कर उसके सुझावों को सम्मलित करते हुए भारत सरकार को राज्य सरकार प्रेषित करें।
8.सेवानिवृत्त कार्मिकों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति के बिल आहरण वितरण अधिकारी अथवा सम्बन्धित कोषागार के माध्यम से प्रस्तुत करने की व्यवस्था चिकित्सा विभाग की ओर से जारी शासनादेश में की गयी है। किन्तु वित्त विभाग से शासनादेश जारी न होने के कारण कतिपय कोषागार इस सम्बन्ध में आनाकानी कर रहे हैं। अतः इस हेतु वित्त विभाग द्वारा भी शासनादेश निर्गत किया जाय।
9.विभिन्न विभागीय सघों द्वारा की गयी मांग पर विभिन्न घटक संघों की शासनस्तर पर वार्ता अयोजित की जाय। साथ ही जनपद, मण्डल एवं शासन के स्तर पर कार्मिक संगठनों के साथ बैठक के लिए कार्मिक सचिव द्वारा जारी किये गये निर्देश के अनुसार बैठकें आयोजित की जाय।
10.वाहन भत्ता प्रतिमाह 1200 रूपये में बढोत्तरी की मांग परिषद की ओर से की गयी थी। इसके आधार पर वाहन भत्ते की दरों में वृद्धि की गयी, किन्तु की गयी वृद्धि का लाभ 2013 के शासनादेश द्वारा वाहन भत्ता प्राप्त कर रहे कार्मिकों को नहीं प्राप्त हो रहा है। परिषद की मांग है कि अपर मुख्य सचिव वित्त की अध्यक्षता में आहुत बैठक में बनी सहमति के अनुसार वंचित कार्मिकों को भी वाहन भत्ते की बढी दरों का लाभ अनुमन्य किया जाय। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
11.विभिन्न विभागों में पदोन्नति सेवा नियमावली एंव पुर्नगठन के लिए शासन स्तर पर लम्बित है। इसके लिए मुख्य सचिव के स्तर पर बैठक आयोजित की जाय।
12.समस्त निगम, निकाय, विश्वविद्यालय, राजकीय विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, अशासकीय विद्यालय सहित अन्य समान प्रकृति के कार्मिको को राज्य कर्मियों की भांति समस्त सुविधाएं अनुमन्य करने का निर्णय शासन स्तर पर किया जाय।
13.समस्त वर्दीधारियों को पुलिस कर्मियों की भांति सुविधाए अनुमन्य किये जाने की मांग पर शासन स्तर पर कार्यवाही लम्बित है। कृपया मांग पूर्ण करायी जाय।
14.विभिन्न विभागों में एकलपदों की पदोन्नति के लिए ढॉचा पुनर्गठन किया जाय।
15.आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों की सेवा को बरकरार रखने एवं संविदा पर तैनाती के लिए सम्बन्धित को नियमावली प्रख्यापित करने हेतु निर्देशित किया जाय। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
16.राजधानी के विभागीय निदेशालयों एवं आयुक्त कार्योलयों में भी सचिवालय की भॉति 05 दिवसीय कार्यालय दिवस लागू किया जाय।
17.दिनांक 30 जून एवं 31 दिसम्बर को सेवा निवृत्त होने वाले कार्मिकों को वेतनवृद्वि के लाभ के शासनादेश में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किये गये शासनादेशानुसार संशोधित किया जाय।
18.हरियाणा, राजस्थान एवं पंजाब राज्यों की ओर से राशिकरण की कटौती के समय में की गयी कमी के दृष्टिगत उत्तराखंड के सेवानिवृत्त एवं सेवारत कार्मिकों के राशिकरण की कटौती पर भी समय में कमी की जाय।
19.वर्कचार्ज कर्मियों को उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशानुसार अनुमन्य की गयी पेंशन एंव ग्रेच्युटी के भुगतान को लेकर आ रही समस्या के निराकरण के लिए शासन व सरकार के स्तर से कार्यवाही कर समस्या का समाधान किया जाय।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।