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December 17, 2024

यहां लगती है दुल्हनों की मंडी, माता पिता लगाते हैं बोली, मनपसंद लड़की खरीदते हैं युवा, देते हैं पत्नी का दर्जा

शादी विवाह की जब बात आती है तो रिश्ता कराने के कई माध्यम होते हैं। कुछ भारत में तो पंडित के साथ ही परिवार या रिश्तेदार के लोग लड़का या लड़की तलाशते हैं। अब तो इंटरनेट भी इस काम में बखूबी भूमिका निभा रहा है। वहीं, कई बार लड़के और लड़की खुद ही अपने जीवन साथी को चुनते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि इस दुनिया में एसी भी जगह है, जहां दुल्हनों की मंडी लगती है। इस बाजार में लड़के अपनी पसंद की दुल्हन को खरीद कर साथ ले जाते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बुल्गारिया में बेची जाती हैं दुल्हनें
बुल्गारिया के स्तारा जागोर नाम की जगह पर दुल्हनों की मंडी लगती है। इस जगह पर मर्द अपने परिवार के साथ आकर अपने लिए पसंद की लड़की चुनते हैं। जो लड़की लड़के को पसंद आती है, उसकी मोल-भाव किया जाता है। लड़की के घरवाले जब दिए जा रहे दाम से संतुष्ट हो जाते हैं, तब उस कीमत में वे अपनी बेटी को लड़के के हवाले कर देते हैं। इसके बाद लड़का उस लड़की को घर ले आता है और उसे अपनी पत्नी का दर्जा दे देता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सजाकर लाया जाता है लड़कियों को
इस ब्राइड मार्केट में शादी के लिए लाई जाने वाली लड़कियों को दुल्हन की पोशाक में सजाकर लाया जाता हैं। जहां ये लड़कियां भड़कीले कपड़े और मेकअप करके पहुंचती हैं। ताकि वो पुरुषों को अपनी तरफ अट्रेक्‍ट कर सकें। बिकने वाली दुल्हनों में लगभग हर उम्र की लड़कियां, महिलाएं शामिल होती हैं। लेकिन ज्‍यादात्‍तर इनमें टीनएजर्स गर्ल्‍स की संख्‍या ज्‍यादा होती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गरीबों के लिए लगाया जाता है बाजार
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस बाजार में सभी वर्ग के लोग शामिल नहीं होते हैं। दुल्हन का ये बाजार गरीब लड़कियों के लिए लगाया जाता है। अमूमन शादियों में काफी खर्च होता है। ऐसे परिवार जो अपनी बेटी की शादी नहीं करवा पाते, वो इस मंडी में अपनी बेटी को ले कर जाते हैं। फिर लड़कों के घरवाले या फिर लड़का उस मंडी में जाता है और लड़की के घरवालों के हिसाब से पैसे देकर वो उस लड़की को खरीद लेता है। ये प्रथा बुल्गारिया में सालों से चली आ रही है। दुल्हन खरीदने का चलन गरीब परिवारों में यहां कई पुश्तों से चला आ रहा है। इस पर कानूनी रोक भी नहीं। गर्मियों या सर्दियों के दौरान ये बाजार लगाया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अलग-अलग कीमत पर मिलती हैं लड़कियां, ये है शर्त
इस बाजार में बिकने वाली लड़कियों की कीमत अलग-अलग तय होती है। वहीं उस लड़की की कीमत सबसे ज्यादा होती है, जिसने बाजार में बिकने से पहले किसी मर्द से संबंध नहीं बनाया हो। हालांकि, बाजार में दुल्हन खरीदने और बेचने वालों के लिए भी नियम होते हैं। दरअसल इस बाजार में कलाइदझी समुदाय के लोग अपनी बेटी बेचते हैं। ऐसे में उन्हें खरीदने वाले का भी इसी समुदाय का होना अनिवार्य है। इसके अलावा लड़की वालों का गरीब होना भी जरूरी होता है। इस बाजार में आर्थिक रूप से मजबूत परिवार अपनी बेटी को नहीं बेच सकते। साथ ही इस बाजार में खरीदी गई लड़की को बहू का दर्जा देना जरुरी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वर्जिन लड़कियों की ज्‍यादा है डिमांड
इस मार्केट में पिछले कुछ समय में टीनएजर लड़कियों को दुल्‍हन बनाने के लिए लोग ज्‍यादा दिलचस्‍पी दिखाते हैं। उसके पीछे वजह होती है उनकी वर्जिनिटी। यहां लाई जाने वाली लड़कियों की कीमत 2 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक होती हैं। अगर किसी लड़की के लिए एक से ज्‍यादा डिमांड करने वाले दूल्‍हे होते हैं तो उस लड़की की कीमत भी अपने आप बढ़ जाती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ऐसे लगती है दुल्‍हनों की लगती है बोली
ये फेस्टिवल पहले हाई स्‍कूल डांस की तरह शुरू होता हैं, जहां लड़के और लड़कियां अलग समूह बनाकर डांस करते हैं। इसके बाद वो औपचारिक तौर पर हाथ मिलाते है। इस दौरान पैरेंट्स इस बैकग्राउंड से दूर रहते है, जहां ये आयोजन किया जाता है। इसके बाद एक स्‍टेज तैयार किया जाता हैं, जहां दुल्‍हन बनने वाली लड़कियों को खड़ा किया जाता हैं। भीड़ में बैठे योग्‍य वर अपनी पसंद से दुल्‍हन का चुनाव करते हें।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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