एक बाउंसर ने खत्म कर दिया था भारतीय कप्तान का करियर, छह दिन रहे थे बेहोश, 60 साल बाद निकाली सिर से प्लेट

गजब का था साहब
बता दें कि साल 1962 के दौरे पर यह घटना घटी थी। जब बारबाडोस के तेज गेंदबाज की बाउंसर उनको सिर पर जा लगी थी। इस महान बल्लेबाज की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी। क्योंकि उनके साथ क्रिकेट के मैदान में एक और बड़ा हादसा हुआ था। इंग्लैंड के 1959 दौरे पर लॉर्ड्स टेस्ट मैच के दौरान नारी कॉन्ट्रैक्टर की पसलियां टूट गई थी। इसके बाद भी उन्होंने बल्लेबाजी की और शानदार 81 रन बनाए थे।
प्लेट निकालने का कारण बेटे ने बताया
नारी कॉन्ट्रैक्टर के बेटे होशदार ने इस बारे में बात की और कहा कि प्लेट के ऊपर की त्वचा बिखर रही थी। इसके बाद डॉक्टरों ने प्लेट को हटाने की सलाह दी थी। हमारा परिवार थोड़ा टेंशन में था जो आमतौर पर होता है। ऑपरेशन सफल रहा और जल्द ही वे ठीक हो जाएंगे। वह कुछ दिन और हॉस्पिटल में रहेंगे और फिर डॉक्टर की सलाह के बाद हम उन्हें घर ले पाएंगे।
31 टेस्ट में बनाए 1611 रन
पूर्व भारतीय कप्तान नारी कॉन्ट्रैक्टर ने अपने करियर में 31 टेस्ट मैच खेले और इस दौरान 1611 रन बनाने में सफल रहे थे। टेस्ट करियर में कॉन्ट्रैक्टर ने 1 शतक भी जमाया था। अपने टेस्ट करियर का आखिरी टेस्ट मैच उन्होंने साल 1962 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था, इसी टेस्ट मैच के दौरान उन्हें चोट लगी थी।
कैरेबियाई कप्तान दिया था अपना खून
साल 1961-62 में भारतीय टीम वेस्टइंडीज के दौरे पर थी। किंगस्टन में खेले गए सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच के दौरान नारी कॉन्ट्रैक्टर को वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज चार्ली ग्रिफित की एक खतरनाक बाउंसर सिर पर लग गई, जिसके बाद उनके सिर पर से खून निकलने लगा। उन्हें जल्दी से अस्पताल ले जाया गया। सिर पर गेंद लगने के बाद नरी कॉन्ट्रैक्टर 6 दिनों तक बेहोश रहे थे। उनका काफी सारा खून बह गया था। ऐसे में भारतीय खिलाड़ियों के अलावा कैरेबियाई कप्तान ने भी उन्हें अपना खून दिया था, जिससे उनका जिन्दगी बच सके। हालंकि कॉन्ट्रैक्टर ठीक जरूर हो गए, लेकिन उनके करियर का यह आखिरी टेस्ट मैच साबित हुआ था।