ताइवान के पूर्वी हिस्से में 25 साल में सबसे बड़ा भूकंप, बिजली और इंटरनेट बंद, सुनामी की चेतावनी

ताइवान के पूर्वी हिस्से में बुधवार सुबह आए भूकंप का जोरदार झटका आया। इससे हड़ंकप मच गया। यह भूकंप इतना तेज था कि कई इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं। कई इमारतें जमीन में एक तरफ झुक गईं। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.4 मापी गई है। भूकंप से चार लोगों के मरने की सूचना है। करीब 57 लोग घायल बताए जा रहे हैं। भूकंप के बाद ताइवान में ट्रेन सेवा निलंबित कर दी गई है। वहीं जापान ने अपने तटों के लिए वॉर्निंग जारी की है। आज से ठीक 25 साल पहले भी देश में एक तगड़ा भूकंप आया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस भूकंप के बाद दक्षिणी जापान के कुछ हिस्सों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई। आशंका जताई गई कि एक से तीन मीटर तक समुद्री लहर ऊपर उठ सकती है। भूकंप का केंद्र ताइवान के हुआलिएन शहर से 18 किलोमीटर (11 मील) दक्षिण में 34.8 किलोमीटर की गहराई पर था। ताइवान में आया भूकंप इतना जोरदार था कि इससे जापान के दक्षिणी द्वीप बुरी तरह हिल गए। इस भूंकप से जापान के दक्षिणी द्वीप पर बड़ी तबाही हुई है। यहां कई इमारतें ध्वस्त हो गई। ताइवान में अक्सर भूकंप आते रहते हैं, क्योंकि यह द्वीप दो टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुबह करीब आठ बजे आए इस भूकंप से कई ध्वस्त हुई इमारतों के मलबे लोग फंसे हुए हैं। भूकंप के केंद्र के करीब ताइवान के पूर्वी तट पर स्थित हुलिएन शहर में नुकसान की खबर है। वहीं इस भूकंप की वजह से फिलीपींस और जापान में सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है। ताइवान के अग्निशमन विभाग ने बुधवार को कहा कि अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 57 से ज्यादा लोग घायल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस जबरदस्त भूकंप के बाद 23 मिलियन यानि 2 करोड़ से अधिक लोगों की आबादी वाले इस द्वीप पर ट्रेन सेवा निलंबित कर दी गई है। इसके साथ ही ताइपे में मेट्रो सेवा भी निलंबित कर दी गई है। बताया जा रहा है कि ताइपे में एक नवनिर्मित जमीन के ऊपर की मेट्रो लाइन आंशिक रूप से अलग हो गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
25 सालों में यह सबसे मजबूत भूकंप माना जा रहा है। इससे पहले 1999 में ताइवान में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें हजारों लोगों की मौत हो गई थी। सितंबर 1999 में ताइवान में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें द्वीप के इतिहास की सबसे घातक प्राकृतिक आपदा में लगभग 2,400 लोग मारे गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जापान में हर साल लगभग 1,500 झटके महसूस होते हैं। विशेष निर्माण तकनीकों और सख्त भवन नियमों के कारण जापान और ताइवान में आमतौर पर बड़े भूकंपों से भी कम नुकसान होता है। जापान का अब तक का सबसे बड़ा भूकंप मार्च 2011 में जापान के उत्तर-पूर्वी तट पर आया था, जिसके कारण सुनामी आई और लगभग 18,500 लोग मारे गए या लापता हो गए।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।