डॉ. पुष्पा खंडूरी की कविता- होली के रंग
होली के रंग होल्यारों के संग,
समय के रंग जीवन के संग।
फूलों के रंग डाली के संग,
डाली की रंगत माली के संग
मौसम की मस्ती बहारों संग
खुश्बू फैले फूलों के संग (कविता जारी, अगले पैरे में देखिए)
होली के रंग होल्यारों संग।
समय के रंग जीवन के संग
मधुमास खिले कली संग।
पर कलियाँ तो खिलती हैं
अलि की गुन -गुन के संग।
रातें तो सजें चांदनी संग,
आकाश अमावस स्याह रंग
पर फबे खूब तारों के संग,
होली के रंग होल्यारों संग
समय के रंग जीवन के संग॥ (कविता जारी, अगले पैरे में देखिए)
मां की शोभा शिशु के संग।
सजता आंचल ममता के रंग
रिश्ते सजें निर्वाह के संग,
“दोस्ती निखरे ईमान के रंग
होली के रंग होल्यारों संग
समय के रंग जीवन के संग॥
कवयित्री की परिचय
डॉ. पुष्पा खंडूरी
प्रोफेसर, डीएवी (पीजी ) कॉलेज
देहरादून, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।