राहुल गांधी ने उठाया सवाल, पीएम मोदी ने फैलाया झूठ, बयान को पलटकर उल्टा प्रचारित कर दिया
ये दो हद हो गई। इलेक्टोरल बॉंड के मामले में सुप्रीम कोर्ट से फटकार मिलने के बाद बीजेपी अब कांग्रेस की उन कमियों को तलाशना शुरू कर रही है, जिसे लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाया जा सके। ऐसा ही प्रयास जो किया गया, इसे इस खबर में हम बताने जा रहे हैं। इलेक्टोरल बांड को सुप्रीम कोर्ट असंवैधानिक करार कर चुका है। अब इसे लेकर सच सामने आ रहा है। दो एक दिन में पूरा सच जनता के सामने आ जाएगा। राजनीतिक दल चंदा लेते हैं और उनका खर्च चंदे से ही चलता है। इसमें कोई बुराई तब तक नहीं है, जब तक कोई दल ईमानदारी से चंदा ले रहा हो। वहीं, सवाल ये भी है कि यदि किसी कंपनी पर सीबीआई, ईडी के छापे पड़ें और फिर इसके बाद वह कंपनी करोड़ों रुपये के इलेक्टोरल बांड खरीदे तो साफ है कि ब्लैकमेल कर चंदा जुटाया गया है। फिर दागी कंपनी को हजारों करोड़ के काम भी सौंप दिए गए हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, आप गूगल में सर्च करोगे को आपको पूरी डिटेल मिल जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देशभर में चुनावों की घोषणा करने के दौरान चुनाव आयोग ने बड़ी बड़ी बातें की थी। भाषणों पर भी कहा कि नजर रखी जाएगी। वहीं, पीएम मोदी राहुल गांधी के भाषण को उलट कर झूठ फैला रहे हैं, ये शायद चुनाव आयोग को नजर ही ना आए। यही नहीं, सेना के हेलीकॉफ्टर से पीएम मोदी और अमित शाह के चुनाव प्रचार अभियान के लिए जाने पर भी चुनाव आयोग की नजर नहीं पड़ रही है। इसकी शिकायत भी आयोग को हो चुकी है, लेकिन टिन के चश्मे से शायद ही दूसरी तरफ दिखेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पीएम मोदी ने राहुल के बयान पर दी प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) पर हिन्दू धर्म में समाहित शक्ति के विनाश का ऐलान करने का आरोप लगाया। उन्होंने सोमवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में नारी और शक्ति का हर उपासक उसे इसका जवाब देगा। कर्नाटक के शिवमोगा में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कल मुंबई में इंडी गठबंधन के घोषणा पत्र में एक खुला ऐलान किया गया है। (हालांकि पीएम को इतना नहीं पता कि इंडिया गठबंधन का घोषणा अभी तक जारी नहीं हुआ) पीएम ने कहा कि वे लोग हिंदू धर्म में समाहित शक्ति को समाप्त करना चाहते हैं। हिंदू समाज जिन्हें शक्ति मानता है, उस शक्ति के विनाश का उन्होंने ऐलान कर दिया है। अगर शक्ति विनाश का उनका ऐलान है तो शक्ति उपासना का मेरा भी ऐलान है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस ने लगाया आचार संहिता उल्लंघन का आरोप
इस बयान पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के शक्ति को लेकर दिए गए बयान को धार्मिक मोड़ देने के लिए कांग्रेस ने चुनाव आयोग से पीएम मोदी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता जी निरंजन ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को सोमवार 18 मार्च को लिखे पत्र में कहा है कि राहुल गांधी ने बुरी शक्तियों के खिलाफ जंग की बात की थी, लेकिन पीएम मोदी ने इसे धार्मिक मोड़ दे दिया। पीएम मोदी ने लोगों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश की। यह चुनावी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि पीएम को इस तरह से सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने के लिए चीजों को तोड़ मरोड़कर पेश करने से रोका जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह बोले थे राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को 17 मार्च को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन के अवसर पर मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित एक रैली में कहा था कि हिन्दू धर्म में शक्ति शब्द होता है। हम शक्ति से लड़ रहे हैं। एक शक्ति से लड़ रहे हैं। अब सवाल उठता है कि वह शक्ति क्या है? जैसे किसी ने यहां कहा कि राजा की आत्मा ईवीएम में है। सही है…सही है कि राजा की आत्मा ईवीएम में है। हिंदुस्तान की हर संस्था में है। ईडी में है, सीबीआई में है, आयकर विभाग में है। इसके बाद राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि हम लोग जिन शक्तियों के खिलाफ लड़ रहे हैं वे हैं ईवीएम, ED और CBI है। मुंबई से आज हिंदुस्तान की आवाज निकली है। देश को बांटने का मंसूबा रखने वाली शक्ति, इंडिया ब्लॉक की शक्ति को कभी नहीं हरा सकती। मोहब्बत के इस देश में एक बार फिर नफरत हारेगी, इंडिया ब्लॉक जीतेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राहुल गांधी ने आगे कहा कि और ये एक नहीं हैं। ऐसे हजारों लोग डराए गए हैं। क्या आप सोचते हो कि शिवसेना के लोग, राकांपा के लोग ऐसे ही चले गए (भाजपा में)। नहीं… जिस शक्ति की मैं बात कर रहा हूं … उन्होंने उनका गला पकड़कर उनको भाजपा की ओर किया है और वह सब डरकर गए हैं। यहां साफ है कि राहुल गांधी ने शक्ति शब्द का प्रयोग ताकत के रूप में किया। ना कि किसी महिला शक्ति या फिर किसी धार्मिक शक्ति के खिलाफ। जिसने भी राहुल का भाषण सुना होगा, या देखा होगा तो वह समझ जाएगा। अब इसे लेकर ही झूठ फैलाया जा रहा है। इसे नारी सम्मान से जोड़ दिया गया। वहीं राहुल गांधी शक्ति का मतलब उन ताकतों के रूप में समझा रहे थे, जो गिने चुने देश में पूंजीपति हैं और जिनका मुखोटा उन्होंने नरेंद्र मोदी को बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राहुल के बयान को तोड़ मरोड़कर बीजपी कर रही पेश
अब राहुल के बयान को बीजेपी या कहें पीएम मोदी तोड़ मरोड़कर पेश कर रहे हैं। वे शक्ति को नारी शक्ति से जोड़कर इसे महिलाओं का अपमान बता रहे हैं। हालांकि, इलेक्टोरल बांड के मामले में ब्लैकमेलिंग कर कंपनियों से बांड खरीदवानें को लेकर उनके पास कोई जवाब नहीं है। ना ही ये जवाब है कि इन कंपनियों की दवाएं रिजेक्ट हो गई, जिन कंपनियों पर ईडी की जांच चली, उन कंपनियों ने इलेक्टोरल बांड खरीदकर किसे फायदा पहुचाया। ये हल्का मामला नहीं है। हजारों और लाखों करोड़ का घोटाला है। जिसे सुप्रीम कोर्ट भी असंवैधानिक करार दे चुका है। फिर भी बेशर्मी से बयान को तोड़ मरोड़कर जनता के बीज दूसरी बात बोली जा रही है, जैसे कि जनता अनपढ़ है और राहुल का बयान किसी ने सुना ही ना हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पीएम मोदी ने उलट दिया राहुल का भाषण
राहुल गांधी के शक्ति शब्द का आशय उन ताकतों से था, जिनके जरिये देश को बर्बाद किया जा रहा है। इसके उलट पीएम मोदी ने झूठ फैला दिया। यदि किसी ने राहुल का भाषण नहीं सुना तो वो पीएम के भाषण को ही सही मानेगा। राहुल की इसी टिप्पणी पर प्रधानमंत्री मोदी ने तेलंगाना में संपन्न रैली में भी विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधा था। शिवमोगा की रैली में मोदी ने कहा कि मैं जब सार्वजनिक जीवन में आया… जब मैंने अपने समय का पल-पल और शरीर का कण-कण लोगों की सेवा के लिए समर्पित करने का संकल्प लिया तो मुझे इसी शक्ति ने ऊर्जा दी। आज भी मैं शक्ति की उपासना करता हूं, देश के कोटि-कोटि लोग हिंदू धर्म की इस शक्ति के उपासक हैं। मेरे लिए देश की नारी शक्ति, इसी शक्ति का प्रतिबिंब है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि इंडी अलायंस के लोग इस शक्ति’ को कुचलना और तबाह करना चाहते हैं। इन्हें मां भारती की बढ़ती शक्ति से नफरत हो रही है। भारतीय नारी का उत्थान इन्हें पसंद नहीं है। शक्ति पर वार का मतलब है देश की माताओं-बहनों पर वार। नारी कल्याण की योजनाओं पर वार. मां भारती की शक्ति पर वार। यही शक्ति है, जिसके अवतरण से भारत की भूमि से आतंक और अत्याचार का अंत होता है. इंडी ने इसी शक्ति को ललकारा है। कांग्रेस को इसका जवाब हर नारी और शक्ति का हर उपासक देगा। चार जून को पता लग जाएगा। अब अनपढ़ और जाहिल जनता होगी तो वे शक्ति का मतलब नारी शक्ति से ही लगाएगी। नहीं तो वह इसका मतलब उसी तरह समझेगी, जिस तरह से समझाने का प्रयास किया। क्योंकि शक्ति को कई तरह की होती हैं, दैवीय शक्ति और असुर शक्ति भी इसके उदाहरण हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बात का बतंगड़
हालांकि, उस दिन राहुल गांधी ने कहा दिया था कि अब बीजेपी, आरएसएस वाले और पीएम मोदी किसी बात का बतंगड़ बनाएंगे। ऐसा सच साबित हुआ। राहुल गांधी ने उस शक्ति की बात की, जो पीएम मोदी के पीछे से उन्हें संचालित कर रही है। यानि कि अडानी, अंबानी सहित देशभर के बड़े 22 पूंजीपति। इसी बात का बतंगड़ बनाकर पीएम नोदी ने शक्ति शब्द हो नारी शक्ति से जोड़ दिया और इसे नारी का अपमान बताया। हालांकि, जवाब में कांग्रेस प्रवक्ताओं ने भी पीएम मोदो की जवाब दिया और महिला पहलवानों, उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड, हाथरस प्रकरण सहित कई ऐसे मामलों के वीडियो जारी किए, जिसमें महिलाओं का अपमान हुआ और उन्हें न्याय नहीं मिला। ऐसे मामलों में आरोप बीजेपी नेताओं पर लगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रियंका गांधी बोलीं – ध्यान भटकाना चाहते हैं पीएम
कांग्रेस की महासचिव ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ जनता का ध्यान भटकाने के मास्टर हैं. देश की जनता महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक संकट से जूझ रही है। नौजवान नाराज हैं, किसान आत्महत्या कर रहे हैं। महंगाई से लोग अपना घर नहीं चला पा रहे हैं। नोटबंदी-जीएसटी ने लाखों उद्योग चौपट कर दिए, लेकिन प्रधानमंत्री गैर जरूरी मुद्दे उठाकर जनता का ध्यान भटकाना चाहते हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।